Loneliness Side Effects: जितनी अधिक हमें सुख सुविधाएं मिलती जा रही है। उतना ही तेजी से हम लोगों में अकेलापन घर करता जा रहा है। रिश्ते नाते तो जैसे कोई मायने ही नहीं रखते है हर किसी को अकेले रहने की जैसे आदत सी पड़ गई है। पहले संयुक्त परिवार होते थे अगर कोई अकेला बैठा भी होता था तो दूसरा परिवार का सदस्य उसे परेशानी में देख उसका साथ देता था। लेकिन अब तो भागती दौड़ती जिंदगी में कोई किसी के साथ रहना तक पसंद नहीं करता है। यहां तक कि अब बच्चे भी पढ़ लिखकर विदेश चले जाते है जिससे मां-बाप को अकेले ही जिंदगी गुजारनी पड़ती है। किसी भी तरह से अकेलापन आपके लिए घातक साबित होता है। रिसर्च के मुताबिक, अकेलापन आपके शरीर के लिए उतना ही खतरनाक जितना धूम्रपान करना।
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गलत चीजों का सेवन की तरफ ले जाता है अकेलापन

जब आप अकेलेपन का शिकार होते हैं तब आप बहुत सी गलत चीजों का सेवन करने लगते है। जैसे कि अत्यधिक शराब लेना या फिर सिगरेट पीना, रात को देर से सोना, बहुत ज्यादा मीठा या नमकीन पदार्थों का सेवन करना, ये आदतें आपको धीरे-धीरे आपके शरीर में बिमारियों को पैदा कर देती है। इतना ही नहीं कई बार इंसान अकेलेपन में बहुत अधिक खाना खाने लग जाता है, जो मोटापे और डिप्रेशन का कारण बन जाता है।
डिप्रेशन का कारण बनता है अकेलापन
अकेलापन आपको डिप्रेशन की तरफ लेकर चला जाता है, जिससे व्यक्ति का आत्मविश्वास भी डगमगाने लगता है। और धीरे-धीरे वह गुस्सैल स्वाभाव वाला हो जाता है, जिस वजह से लोग आपसे और भी ज्यादा दूर भागने लगते हैं। एक समय तक तो आप दवाइयों के सहारे अपने डिप्रेशन से लड़ते रहते हैं लेकिन जब ये समस्या और बढ़ जाती है तो दवाइयां भी आप पर काम करना बंद कर देती हैं। जिससे आप स्वयं खत्म करने के लिए भी तैयार हो जाते है।
होने लगती है नींद न आने की समस्या

अक्सर आप अकेले रहते हैं तो आपको डिप्रेशन के साथ नींद न आने की समस्या पैदा हो जाती है। कुछ लोग तो नींद के लिए दवाई तक लेने लगते हैं। नींद की गोलियों का लंबे समय तक सेवन करना शरीर के लिए बहुत ज्यादा घातक होता है। नींद की दवाइयों एक समय तक असर करती है। उसके बाद तो इसका असर भी बंद हो जाता है। जिससे नींद नहीं आने से आपके शरीर कमजोर होने लगता है।
डिमेंशिया
यह बीमारी बुजुर्गो में ज्यादा देखी जाती है। इस बीमारी में जल्दी-जल्दी चीजों को भूल जाते है। अक्सर ये बीमारी अकेलापन में ज्यादा होती है। इससे याददाशत पर काफी गहरा असर पड़ता है। ज्यादातर आपने देखा होगा कि बच्चे अपने बुजुर्ग मां बाप को छोड़कर चले जाते है। जिससे वे अकेले रहते रहते इस बीमारी से ग्रस्त हो जाते है।
कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का खतरा

जब आप अकेले रहते हैं तो ज्यादा सोचते है साथ ही ज्यादा टेंशन भी लेते है। आपके अंदर अकेलापन इतना अधिक बढ़ जाता है कि आपको कम उम्र में भी दिल की बिमारियों का सामना करना पड़ जाता है। जैसे ब्रेन स्ट्रोक, हाइपरटेंशन, दिल का दौरा आदि है। ऐसे में जरूरी है कि आप खुद पर ध्यान दें।
अकेलेपन को दूर रखने के लिए तलाशे विकल्प
- अकेलेपन से छुटकारा पाने के लिए अपनी मनपसंद एक्टिविटी करें।
- घर से बाहर घूमने निकले, रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलना जुलना जारी रखें।
- स्वास्थ्य दिनचर्या को अपनाएं।
- अच्छा खानपान करें।
- मनोरंजन के लिए नए-नए विकल्प तलाशें।
- नई-नई जगहों पर घूमने निकले।
(डॉक्टर रूही राठी ‘साइकोलोजिस्ट‘ से बातचीत पर आधारित)
