acupressure points in the palm

हमारे हाथों में हमारा भाग्य ही नहीं हमारी सेहत का राज भी छिपा है। दरअसल हमारे हाथों में कई प्‍वाइंट्स होते हैं जिनका हमारे शरीर के विभिन्न अंगों से नाता होता है। एक्यूप्रेशर की सहायता से आप उन  प्‍वाइंट्स  के माध्यम से रोग से निजात पा सकते हैं। ये प्रेशर प्‍वाइंट्स एक्‍यूप्रेशर की दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण होते हैं और आपको कई बिमारियों से बचा सकते हैं। इन प्‍वाइंट्स पर सही दबाव डालकर आप जुकाम, साइनस, श्वसन में परेशानी, चिंता, और पाचन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। ये प्‍वाइंट्स हमारे दोनों हाथों में होते हैं।

किस प्वाइंट से कौन से रोग में राहत मिलेगी आइए जानते हैं :-

तनाव दूर करने के लिए- हमारी आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव हमें बहुत परेशान करता है। कई बार शारीरिक क्षमता होने के बावजूद मानसिक तनाव के कारण हम कार्य को ठीक तरह से नहीं कर पाते हैं। ऐसे में आप अंगूठे के प्वाइंट (1) को 5 मिनट तक दबाएं। ये आपकी पिट्यूटरी ग्लैंड को एक्टिव करता है।

थॉयराइड हार्मोंस बैलेंस- वर्तमान समय में थॉयरायड भी आज लोगों के बीच एक आम समस्या है। इस बीमारी से पीड़ित लोगों का पूरा जीवन अक्सर दवाइयों के सहारे ही बीत जाता है। अगर आपको भी यही समस्या है तो अपनी हथेली के प्वाइंट (2) को पांच मिनट तक दबाते रहे। यह थॉयराइड हार्मोंस को संतुलित रखने में मदद करता है। साथ ही इससे हेयर लॉस, स्किन प्रॉब्लम और डिप्रेशन जैसी बिमारियों में मदद मिलती है।

मसल्स रिलैक्स- ऑफिस में दिन भर बैठे रहने या फिर गलत तरीके से सोने आदि के चलते अक्सर लोगों में मसल्स खिंच जाने की समस्या देखी जाती है। कनिष्ठा उंगली के प्वाइंट (3) पर प्रेशर डालने से मसल्स रिलैक्स होती है और कंधों के दर्द और कान से जुड़ी समस्या में भी आराम मिलता है।

साइनस की समस्या- अपने हाथों की तर्जनी उंगली के प्वाइंट (4) को 2-2 मिनट तक दबाने से साइनस, दांत दर्द और अल्सर की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।

आंखों की समस्या- आंखों की समस्या को दूर करने के लिए तर्जनी उंगली के नीचे और हथेली के प्वाइंट (5) पर रोज पांच मिनट तक दबाएं।

फेफड़ों की समस्या- हथेली के बीचों बीच प्वाइंट (6) पर दबाव डालने से फेफड़ों से जुड़े अस्थमा और ब्रोन्काइटिस के खतरे को कम किया जा सकता है।

लिवर की समस्या- हथेली के प्वाइंट (7) को 5 मिनट दबाव डालने से लिवर की समस्या दूर की जा सकती है।

यूरिनरी ब्लैडर- यूरिनरी ब्लैडर से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए हथेली के  प्वाइंट (8) को 5 मिनट तक दबाएं।

आंख और कान संबंधित समस्या- आंख, कान, नाक, आवाज, साइनस से संबंधित प्रेशर प्वाइंट्स हथेलियों में होते हैं। इन अंगों से संबंधित कोई बीमारी होने पर हाथों के मुख्य बिन्दुओं पर प्रेशर देने से इन समस्याओं का उपचार हो सकता है।

होश में लाने के लिए – अगर कोई व्‍‍यक्ति बेहोश हो जाए तो उसके दोनों हाथों की सबसे छोटी उंगली की जड़ में मालिश करने से या प्रेशर देने से रोगी को होश में आ जाता है। जब व्यक्ति होश में आ जाए तो उसे पानी पिलाकर कुछ देर के लिए लिटा देना चाहिए।

हिचकी- हिचकी आने पर हथेली के बीच में प्रेशर देने से आराम मिलता है।

गर्दन का दर्द– तर्जनी उंगली और मध्यमा के बीच के निचले हिस्से पर दबाव डालने से गर्दन के दर्द में राहत मिलती है।

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हथेली में छिपा आपका स्वास्थ्य 4

किस उंगली से कौन सा लाभ

  अंगूठा आपका सिरदर्द और बैचेनी को खत्म कर सकता है। रेफलैक्सोलोजिस्ट  का मानना है कि अगर आप पांच मिनट तक अपने अंगूठे को पकड़े रहते हैं तो आपको सिरदर्द में आराम मिलेगा।

  इंडेक्स फिंगर जिसे तर्जनी भी कहते हैं को अपने दूसरे हाथ से 5 मिनट के लिए पकड़े। मांसपेशियों में दर्द के साथ-साथ निराशा, भय और शर्मिंदगी की भावनाओं को नियंत्रित करती है। मिनेसोटा युनिवर्सिटी की रिसर्च के अनुसार पीठ और मांसपेशियों में दर्द वाले मरीज़ रिफ्लेक्स

थेरेपी के सायकल के बाद बेहतर महसूस करते हैं।

  रिसर्च के अनुसार मिडिल फिंगर को 5 मिनट तक पकड़े रहने से चिड़चिड़ापन थकान में  राहत मिलती है। इससे ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल होता है।

  रिंग फिंगर को पांच मिनट तक पकड़ें रहें और गहरी सांस लें, निगेटिव फील कर रहे हैं और उदास हैं तो अपनी आपको राहत मिलेगी।

  छोटी उंगली तनाव और घबराहट के लिए जिम्मेदार है। अगर आप मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं तो इस उंगली की 5 मिनट तक मालिश करें।

— एक हाथ की उंगलियों को दूसरे हाथ की हथेली के बीच में दबाएं। और मालिश करें और तीन बार गहरी सांसें छोड़ें। रिफ्लेक्सोलॉजिस्ट का कहना है कि हथेली आपकी भावनाओं का केंद्र है। अनुसंधान से पता चलता है कि आपकी हथेलियों की नियमित मालिश करने से मितली, तनाव, दस्त और कब्ज को रोकने में मदद मिलती है।

अन्य प्वाइंट्स

अन्त: स्रावि ग्रंथियां हमारे पूरे शरीर का संचालन करती हैं। इसमें किसी प्रकार की समस्या होने पर मानसिक योग्यता, शारीरिक गठन व साहस आदि में कमी देखी जा सकती है। इसे स्वस्थ रखने के लिए हाथ हथेलियों में कुछ प्वाइंट्स होते हैं जिन्‍हें प्रेस करना होता है।

Accu pressure points
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  हथेलियों में थाइमस तथा आड्रेनल ग्रंथियों के लिए हाथ की चारों उंगलियों से थोड़ा नीचे प्वाइंट होता है।

  अग्नाशय के लिए हाथ की पहली उंगुली और अंगूठे से हथेली के मध्य की ओर स्थित होती है। पिट्यूटरी और पीनियल ग्रंथि के लिए प्रतिबिंब प्वांइट्स अंगूठे के ऊपर होते हैं। डिंबग्रंथियों और अण्‍डकोष के लिए प्रेशर प्वाइंट्स अंगूठे से नीचे छोटी उंगली से थोड़ा ऊपर की ओर स्थित होते है।

  गुर्दे तथा मूत्राशय के प्रतिबिंब बिंदु हथेलियों के बीचों बीच स्थित होते हैं। हथेलियों में प्रतिदिन इन बिंदुओं पर प्रेशर देने से गुर्दे तथा मूत्राशय में खराबी को इस प्‍वाइंट्स पर दबाव देकर ठीक किया जा सकता है।

  गर्भवती महिलाएं अंगूठे के पास वाले प्वाइंट पर मसाज न करें। इससे यूटेरस पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। अंगूठे और पहली उंगली के बीच के प्वाइंट पर उंगली से दबाव बनाएं और कुछ सेकंड बाद छोड़ दें।

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