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किडनी की तकलीफों को दूर करे आयुर्वेद: Kidney And Ayurveda
Kidney And Ayurveda

Kidney And Ayurveda: राजमा के दाने के आकार की किडनियां शरीर का अहम अंग है जो एक मिनट में 125 मिलीलीटर रक्त शोधन या फिल्टर करती हैं। किडनियां हमारे शरीर में यूरिन बनाती हैं जोे हमारे शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकालने और एसिड लेवल को कंट्रोल में रखने का काम बाखूब करती हैं। लेकिन कई बार यह ठीक से काम नहीं कर पातीं या इनकी कार्यक्षमता बाधित होकर धीमी हो जाती है।

यूरिन में एलब्यूमिन तथा ऐथ्रोप्रोटीन नामक प्रोटीन की मात्रा अधिक हो जाती है। जिससे क्रियेटीनीन जैसे विषैले पदार्थ बाहर न निकलकर शरीर में ही स्टोर होना शुरू हो जाते हैं। यूरिक एसिड बढ़ जाता है जो किडनी और शरीर के दूसरे अंगों को नुकसान पहुंचाने लगते हेैं। पांव, टखनों, हाथ और चेहरे पर सूजन आ जाती है। ऐसी स्थिति को किडनी खराब होना या किडनी फैल्योर की स्थिति आ जाती है। इससे किडनी के सेल्स कहीं-कहीं से डैमेज भी हो जाती है और उनमें क्रिस्टालाइजेशन से गैप आ जाता है। यूरिन में बढ़ा यूरिक एसिड, कैल्शियम और फास्फेट के कण धीरे-धीरे किडनी में बनी खाली जगह पर जमा होने लगते हैं और स्टोन का रूप ले लेते हैं।

मेडिकल साइंस में किडनी को नुकसान पहुंचाने वाले तरल पदार्थों के सिंथेटिक तरीके से दूर किया जाता है। डायलिसिस यानी मशीन द्वारा किडनी की सफाई। इसके माघ्यम से बढ़ा हुआ क्रियेटीनीन कम किया जाता है और किडनी के कार्य में सुधार किया जाता है। लेकिन कई बार यह कारगर साबित नहीं होता और किडनी फैल्योर की स्थिति होने पर किडनी ट्रांसप्लांट तक की नौबत आ जाती है। इस दिशा में आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी-बूटियों का वर्णन किया गया है जो शरीर से हानिकारक पदार्थो को निकालकर किडनी के कार्य में सुधार लाती हैं।

आयुर्वेदिक उपाय

Kidney And Ayurveda
Kidney And Ayurveda Treatment

किडनी की समस्याओं के उपचार के लिए आयुर्वेद में कई जड़ी-बूटियां सुझाई गई हैं –

  • 150 ग्राम गोखरू, 100 ग्राम पुनर्नवां, 100 ग्राम वरुण छाल, 50 ग्राम नीम की छाल, 20 ग्राम सौंठ, 50 ग्राम ऐरण्डी जड़, 20 ग्राम सूर्यक्षार, 20 ग्राम जौ क्षार लेकर अलग-अलग पीस लें। छान कर मिक्स कर लें। 2 चम्मच तैयार मिश्रण केा 2 गिलास पानी में मिलाकर धीमी आंच पर पानी आधा रह जाने तक पकाएं। इस काढ़े केा सुबह-शाम खाली पेट पिएं।
  • पुनर्नवा के पत्तों का 50 मिली रस या 10 मिली काढ़ा सुबह-शाम पिएं।
  • 40 ग्राम हरा धनिया, 20 ग्राम सूखे काले अंगूर, और 10 ग्राम सौंफ में 1 गिलास पानी को मिक्सी में पीस कर जूस बना लें। यह जूस रोजाना सुबह खाली पेट पिएं।
  • मुट्ठी भर हरा धनिया एक गिलास पानी में धीमी आंच पर पकाएं। पानी छान कर रोेज सुबह खाली पेट पिएं।
  • पुनर्नवा जड़ को पीस कर चूर्ण बना लें। सुबह खाली पेट 1 चम्मच चूर्ण पानी के साथ लेने से आराम मिलता है। इससे शरीर की सूजन भी दूर होती है। पुनर्नवा का साग बनाकर खाना भी फायदेमंद है।
  • रात को एक बड़ा चम्मच जौ भिगो दें। सुबह छान कर पानी पिएं।
  • गेंहू के ज्वारे और गिलोय की डंडी का रस मिलाकर सुबह खाली पेट पिएं।
  • किडनी में स्टोन की समस्या को दूर करने के लिए 30 ग्राम सूर्यखार, 30 ग्राम जवांखार, 50 ग्राम गोक्षुरा, 50 ग्राम पुनर्नवा, 30 ग्राम शुथ्थ शिलाजीत, 30 ग्राम एरंडी जड़ और 50 ग्राम वरुणछाल लेकर मिक्सी में अलग-अलग पीस लें। अच्छी तरह मिलाकर बोतल में भर ले। रोज सुबह गुनगुने पानी के साथ 1 चम्मच चूरण लें।
  • अश्मरीहर काढ़ा सुबह-शाम 3-3 चम्मच पानी मिलाकर पिएं।
  • रात को 4-5 मुनक्का एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह इसका पानी पिएं। चाहें तो मुनक्का चबा कर खा सकते हैं ।
  • आयुर्वेदिक डाॅक्टर की सलाह से इन चीजों का सेवन फायदेमंद रहता है- चंद्रप्रभावाटी, गोक्षुरादि क्वाथ, गोक्षुरादि गूगल, गोक्षुरादि काढ़ा, दशमूलारिष्ट, चंदन आसव, वरुणादि क्वाथ, पुनर्नवा आसव, तृणपंच मूल, लाल चंदन, अपमार्ग, जीरी सिरप, निरी और नेफरोमेड टैबलेट।

खाने का रखें ध्यान

  • गेंहू, चावल, बाजरा, साबुदाना ज्यादा मात्रा में लें।
  • गाय का घी , मिश्री, शुद्ध शहद लें।
  • प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थो का सेवन अधिक करें।
  • सेब, पपीता, चीकू, मौसमी, संतरा,कीनू, आंवला, पपीता जैसे फल ज्यादा लंे। इनसे पेशाब खुल कर आता है।
  • गाजर, खीरा, पत्ता गोभी, लौकी, आलू जैसी सब्जियों का रस पिएं।
  • शर्बत, फलों का जूस, सूप जैसे तरल पदार्थो का सेवन सीमित मात्रा मे करें।
  • डायलिसिस के मरीज दूध ओैर दूध से बनी चीजें, मांसाहारी खाद्य पदार्थो का कम से कम करें।
  • अचार, पापड़, चटनी जैसी चीजों के सेवन से बचें।
  • किडनी के लिए खतरनाक सोडियम, पोटेशियम बढ़ाने वाली चीजें जैसे नमक,सेंधा नमक,्र गुड़ का सीमित मात्रा में सेवन करें।
  • रात को तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना फायदेमंद है। किडनी संबंधी समस्याएं होने पर दिन भर में आधा से एक लीटर पानी ही पीना चाहिए क्योंकि इनके शरीर में वैसे ही काफी पानी स्टोर होता है।

(नेशनल इंटीगे्रटिड मेडिकल एसोसिएशन, दिल्ली के पे्रसीडेंट डाॅ एम एल गुप्ता से की गई बातचीत के आधार पर )

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