Healthy Leaves: हमारे घर या आसपास प्रकृति में ऐसे कई पेड़-पौधे मिल जाते हैं जो किसी औषधि से कम नहीं हैं। आयुर्वेद के हिसाब से कई पौधों की पत्तियों में बीमारियों को ठीक करने की क्षमता होती है । जिन्हें सुबह खाली पेट सेवन करने से डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों में भी आराम मिलता है। ऐसे ही कुछ पौधों की जानकारी यहां दे रहे हैं जिससे आप भी लाभ उठा सकते हैं-
Healthy Leaves: तुलसी के पत्ते

आयुर्वेद में तुलसी को जड़ी-बूटियों की रानी कहा जाता है और यह हमें कई बीमारियों से बचाती है। एंटी बाॅयोटिक,एंटी वायरल, एंटी बैक्टीरियल, कैंसरविरोधी गुणों से भरपूर है। अध्ययनो से साबित हो गया है कि खाली पेट अगर तुलसी के पत्तों का सेवन हमारे पैनक्रियाज के सेल को ठीक से कार्य करने में मदद करता है। जिससे टाइप-2 डायबिटीज के लोगों में ब्लड शूगर लेवल को कम किया जा सकता है। इसके पत्ते लिपिड प्रोफाइल को कम करके स्कीमिया, स्ट्रोक और हाई ब्लड प्रेशर को कम करने और हार्ट संबंधी बीमारियों से बचाव करने में सहायक हैं। कासिनोजिक तत्वों से भरपूर होने के कारण तुलसी के पत्ते शरीर में केंसर सेल को बढ़ने से रोकते हैं। शरीर में इंफेक्शन को कम करके सर्दी-जुकाम के प्रति बाॅडी रजिस्टेंस को इम्प्रूव करता है। इनके पत्तों का सेवन शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया, वायरस को शरीर से बाहर निकालता है। पाचन प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है। विशेषकर बाउल मूवमेंट और एसिड रिफ्लैक्स को बैलेंस कर शरीर के पीएच लेवल को मेंटेन करता है। इनके अंदर एडोप्टेजन तत्व नर्वस सिस्टम को रिलैक्स करते हैं और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाते हैं। जिससे हमारी ज्ञानेन्द्रियां शांत होती हैं और स्ट्रेस रिलीज होता है। बाॅडी को डिटाॅक्स होती है जिससे त्वचा में निखार आता है और कील-मुंहासों की समस्या से छुटकारा मिलता है। मेटाबाॅलिक बूस्टर होने के कारण तुलसी के पत्तों का नियमित सेवन वजन कम करने में भी सहायक है।
रखें सावधानी
तुलसी के पत्तों में पारा और आयरन बहुत ज्यादा मात्रा में होते हैं। यानी अम्लीय प्रकृति के होने के कारण तुलसी के पत्ते चबाने पर दांतों के एनेमल को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए इन्हें इनका सेवन इन 3 तरीको से करना बेहतर है- 5-7 तुलसी के पत्तों को एक गिलास पानी में उबालें। पानी आधा रह जाने पर छानकर पानी पी लें। पत्तों को मिक्सी में थोड़े-से पानी के साथ पीसकर पेस्ट बना लें और उसे पानी के साथ गटक लें। या फिर तुलसी के पत्तों को दूसरे पत्तों के साथ मिलाकर पेस्ट बनाकर खाएं।
करी पत्ता

इसे मीठी नीम भी कहा जाता है। सुबह खाली पेट इसके 8-10 पत्ते खाना स्वास्थ्यवर्धक है। आप चाहे तो करी पत्ते को पीसकर पेस्ट या जूस के तौर पर भी इसका सेवन कर सकते हैं। करी पत्ता भारतीय भोजन को स्वादिष्ट और सुगंधित बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। पौष्टिक तत्वों से भरपूर करी पत्ता हमारे शरीर में एंटी ऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। यह टाॅक्सिक तत्वों को निकालकर शरीर के विभिन्न अंगों को प्यूरीफाई करनेे में मदद करता है। करी पत्ते में मौजूद फ्लेवोनाॅयड एंटी केंसर एजेंट हैं जो शरीर में केेंसर सेल्स को रोकने में मदद करता है। एंटी ऑक्सीडेंट गुणों की वजह से करी पत्ते का नियमित सेवन कोलेस्ट्राॅल लेवल को मेंटेन रखकर हार्ट डिजीज से बचाता है। यह इंसुलिन बनाने वाली पैनक्रियाज कोशिकाओं को स्टीमुलेट करता है जो शरीर में ब्लड शूगर लेवल को कंट्रोल रखने में सहायक होती हैं। करी पत्ते में मौजूद आयरन, विटामिन सी और विटामिन ए लिवर को स्वस्थ रखता है। एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल गुण त्वचा, बालों या शरीर के किसी भी अंग में होने वाले इंफेक्शन को कम करते है। आयरन से भरपूर होने के कारण बालों को हेल्दी रखने मे सहयक है। पाचन क्रिया को अच्छा रखता है, रेचक गुण कब्ज से राहत दिलाने में मदद करते हैं। प्रेगनेंट महिलाओं को होने वाली माॅर्निंग सिकनेस में बहुत प्रभावी है। साथ ही मोटापा कम करने मेे असरदार है। बच्चों की नजर कमजोर होने से बचाता है, बढ़ती उम्र में होने वाली मोतियाबिंद की समस्या को कम करने में मदद करता है।
कड़वी नीम के पत्ते

सुबह के समय खाली पेट नीम के पत्ते अच्छी तरह धोकर खाना सेहत के लिए फायदेमंद है। नीम के पत्तों में शरीर से फ्री रेडिकल को निकालने के गुण होते हैं जिसकी वजह से हमारा रक्त नेचुरली साफ होता है। मेटाबाॅलिक बूस्टर होने के कारण नीम के पत्तों का नियमित सेवन हमारे शरीर के मोटाबिलिस्म को इम्प्रूव करता है। इथाइनल ऐथोनल एब्सट्रेक्ट जैसे एंटी फंगल गुण शरीर में फंगल बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद करता है। हमारी त्वचा पर होने वाले कील-मुंहासों, या त्वचा संबंधी समस्याओं को कम करने में सहायक है। स्कैल्प को हेल्दी रखने, डेंड्रफ को दूर कर बाल झड़ने जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। नीम के पत्तो में मौजूद इम्यूनोमाॅडिलेटर गुण की वजह से नीम के पत्तों का सेवन हमारी इम्यूनिटी को बूस्ट करता है। एंटी माइक्रोबियल होने के कारण शरीर को विभिन्न तरह के इंफेक्शन होने से बचाता है। सांस में दुर्गन्ध आना, मसूड़ों में इंफेक्शन, दांत दर्द जैसी ओरल हेल्थ समस्याओं में सुबह के समय नीम के पत्तों को चबा-चबा कर खाना फायदेमंद है। इनमें मौजूद तत्व शूगर लेवल के साथ ब्लड प्रेशर को भी कम करने में सहायक है।
रखें सावधानी
सुबह खाली पेट 2-3 नीम के पत्ते ही खाने चाहिए क्योंकि इसकी गर्म तासीर का होने के कारण ज्यादा मात्रा में सेवन से पाचन संबंधी समस्याएं, उल्टियां या बेहोशी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अधिक मात्रा में नीम के पत्तों का सेवन लिवर, किडनी को प्रभावित कर सकता है। कुछ मामलों में स्किन को भी ड्राई कर सकता है। इसे देखते हुए गर्मी के मौसम में इन्हें सप्ताह में 3-4 बार लेना ही श्रेयस्कर है।
(डाॅ संजना शर्मा, आयुर्वेदाचार्य, संतुलन आयुर्वेदिक क्लीनिक, दिल्ली)