जब नमक बिगाड़ दे, सेहत का स्वाद: Salt Effects
Salt Side Effects

Salt Effects: यह सच है कि नमक के बिना हर खाने का ज़ायका बिगड़ जाता है। इसी के साथ यह भी उतना ही सच है कि अति हर चीज़ की बुरी होती है। नमक की भी। जानिए कैसे।

तीखा, नमकीन-चटपटा खाना हम भारतीयों की कमजोरी होता है। खासतौर पर नमकीन खाद्य-पदार्थ के बिना तो हम रह ही नहीं सकते हैं, इसलिए हमारे सभी खाद्य-पदार्थों में नमकीन व्यंजनों की मात्रा अधिक होती हैै।
परिणाम यह होता है कि हम स्वाद-स्वाद के चक्कर में दिनभर में औसत से अधिक नमक का सेवन कर लेते हैं। आमतौर पर हम प्रतिदिन छह से सात ग्राम नमक का सेवन कर सकते हैं, लेकिन अपने स्वास्थ्य को देखते हुए हमें पूरे दिन में पांच ग्राम से अधिक नमक नहीं खाना चाहिए। इससे हमारी सेहत को काफी नुकसान उठाने पड़ सकते हैं। अधिक नमक से होने वाले नुकसानों से पहले हमारा यह जानना आवश्यक है कि हमारे शरीर को नमक की जरूरत क्यों होती है।

Also read: न कम न ज्यादा-जरूरी है नमक की संतुलित मात्रा: Balance in Salt Intake

आयुर्वेदिक फिजिशियन विनायक एब्ट, ग्रीन एज क्लीनिक, दिल्ली के अनुुसार खाने में अधिक नमक का मतलब है सोडियम की अधिक मात्रा। जी हां शुद्ध नमक सोडियम और क्लोराइड से बनता है। इन तत्वों को शरीर नहीं बना पाता है, इसलिए भोजन में इन्हें लिया जाता है। यह शरीर में तमाम खनिजों के बीच संतुलन बनाने व
कोशिकाओं को सक्रिय रखने के लिए जरूरी होता है। शरीर में पानी की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए भी हमें सोडियम की आवश्यकता होती है। मस्तिष्क से शरीर के अन्य अंगों तक व अन्य अंगों से मस्तिष्क तक सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए सोडियम की जरूरत होती है।

डॉ. विनायक एब्ट बताते हैं कि आवश्यकता से अधिक नमक का प्रयोग हमारे रक्तचाप को बढ़ा कर हार्ट अटैक का कारण बन सकता है। यही नहीं, इसके अधिक सेवन से दिल के रोग, किडनी संबंधी रोग व स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। यदि हम और गहनता से इसका अध्ययन करें तो नमक का अधिक सेवन करने से ऑस्टिोपोरोसिस, हाथ-पैरो में सूजन, डिमेंशिया, मोटापा व कैंसर जैसी भयंकर बीमारियों को भी जन्म देता है। ऐसे रोगियों को तो प्रतिदिन तीन ग्राम से अधिक नमक लेना ही नहीं चाहिए।

आपको यदि बिना नमक के खाना खाने के लिए कहा जाए तो, तुरंत ही आपका खाना खाने की इच्छा मर जाती है। इसलिए डाक्टर आपको बिलकुल ही नमक का सेवन बंद करने के लिए नहीं कह रहे हैं। वे भलीभांति जानते हैं कि शरीर में नमक की अधिकता प्रतिदिन के भोजन यानी दाल-चावल, रोटी-सब्जी के जरिये होती है। सोडियम की अधिकता का कारण वह नमक है जोकि पैक्ड खाद्य पदार्थों जैसे- नमकीन, पापड़, चिप्स, अचार, कैचअप, केक, बटर, चीज़, बिस्कुट, सूप जैसे पदार्थ होते हैं। डिब्बाबंद खाद्य-पदार्थ में नमक की मात्रा अत्यधिक होती है, इसलिए यदि आप नमक के सेवन को कम करना चाहते हैं तो सबसे पहले पैक्ड वस्तुओं का सेवन बहुत कम करें। खाने में हल्का नमक डालकर पकाएं। ऊपर से कभी भी नमक ना डालें। नमकीन मंूगफली, नमकीन, मेवे और पिज्जा आदि खाने से बचें। जब भी खाना खाने के लिए बाहर जाएं तो पहले ही वेटर को बता दें कि उनके आर्डर किए खाने में कम नमक डाला जाए।

जब आपको लगे कि सोडियम की अधिक मात्रा आपके शरीर में हो गई है तो ऐसी अवस्था में आपको अधिक से अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए, ताकि अतिरिक्त सोडियम शरीर से बाहर निकल जाए और इससे होने वाले नुकसान से आप बच सकें।

व्यायाम करें और शरीर से नमक की मात्रा घटाएं। जी हां, यदि प्रतिदिन या हफ्ते में पांच दिन भी व्यायाम करें तो शरीर से पसीने के रूप काफी मात्रा में सोडियम निकलता है। इसलिए यदि आपको शरीर में नमक की मात्रा अधिक होने से परेशानियां हो रही हैं तो आज से जिम या घर पर व्यायाम कर पसीना बहाना शुरू कर दें।

नमक की अधिकता से हो रही समस्याओं से बचने के लिए अपनी डाइट में फलों व हरी सब्जियों की मात्रा बढ़ा दें। ताजा जूस पिएं व खटट्े फलों का सेवन अधिक करें। मांसाहारी भोजन में काफी मात्रा में सोडियम होता है इसलिए मछली व चिकन-मटन खाना तुरंत बंद कर देना चाहिए।

जो लोग अपने खाने पर नियंत्रण नहीं रख पाते, उनके लिए बाजार में लो-सोडियम नमक भी मौजूद हैं, जोकि स्वाद में बिलकुल सामान्य नमक जैसा होता है, क्योंकि सोडियम क्लोराइड की पूरी मात्रा को पोटैशियम सॉल्ट में बदल दिया जाता है, किंतु आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या नहीं है तो इसका इस्तेमाल न करें। सबसे जरूरी बात डॉक्टर की सलाह के बिना लो-सोडियम नमक का इस्तेमाल बिलकुल भी ना करें, क्योंकि यह नमक भले ही तनाव वाले मरीजों के लिए तो उपयोगी हो सकता है, पर किडनी से जुड़ी बीमारियों व दिल के मरीजों को यह नमक प्रयोग नहीं करना चाहिए। इस नमक में पोटैशियम की अधिकता सेहत पर भारी पड़ सकती है।