भूल जाते हैं हर जरूरी बात तो यहां गलती कर रहे हैं आप, जानिए भूलने के पीछे की साइंस: Science behind Forgetting
Science behind Forgetting

Overview:

अक्सर लोग ज्यादा संभालकर रखी गई चीजें भी रखकर भूल जाते हैं और समय आने पर उन्हें वो मिलती ही नहीं है। आमतौर पर लोग इसे उम्र के साथ आने वाला बदलाव मान बैठते हैं। लेकिन इस स्थिति में उम्र के साथ ही मस्तिष्क के इनपुट भी बहुत मायने रखते हैं।

Science behind Forgetting: क्या आपके साथ भी ऐसा होता है कि आप किसी से बात करने के लिए मोबाइल उठाते हैं और फिर ये ही भूल जाते हैं कि आखिर फोन करना किसको था। अक्सर लोग ज्यादा संभालकर रखी गई चीजें भी रखकर भूल जाते हैं और समय आने पर उन्हें वो मिलती ही नहीं है। आमतौर पर लोग इसे उम्र के साथ आने वाला बदलाव मान बैठते हैं। लेकिन इस स्थिति में उम्र के साथ ही मस्तिष्क के इनपुट भी बहुत मायने रखते हैं। क्या है बातों और चीजों को जल्दी-जल्दी भूलने का कारण, आज ये सीक्रेट जानते हैं साइंस की मदद से।

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हमारे दिमाग की बनावट काफी जटिल है। यह एक तरह की मशीन है। लगातार काम करने के कारण कभी-कभी इसमें भी शॉर्ट सर्किट हो जाता है। और हम उस समय के सभी इनपुट यानी बातें भूल जाते हैं। हमारे दिमाग में दो तरह की मेमोरी होती है, दीर्घकालीन और वर्किंग मेमोरी। ये दोनों ही अलग-अलग तरीके से काम करती हैं और दोनों ही बेहद महत्वपूर्ण हैं।

दीर्घकालिक स्मृतियां हमारे मस्तिष्क में लंबे समय तक स्टोर हो जाती हैं। मतलब जो भी चीजें हम बहुत ध्यान से पढ़ते, सीखते या देखते हैं, जिन पर हम खास ध्यान देते हैं वो हमारी दीर्घकालिक स्मृतियां होती हैं। यही कारण है कि हम इन्हें सालों तक नहीं भूलते हैं। वहीं वर्किंग मेमोरी में विचार केवल कुछ सेकंड या मिनटों के लिए ही हमारे दिमाग में रहते हैं। ऐसे में बातें, अचानक से मिली नई जानकारी, कोई चीज रखना, कोई काम करना आदि सभी के इनपुट वर्किंग मेमोरी में जाते हैं। लेकिन इसकी क्षमता सीमित होती है। आप इसमें एक साथ ढेर सारी जानकारी नहीं रख सकते।

मनोवैज्ञानिक जॉर्ज मिलर का कहना है कि आमतौर पर इंसान अपनी वर्किंग मेमोरी में लगभग सात बातें एक साथ स्टोर रख सकता है। इसमें मस्तिष्क की क्षमता के अनुसार दो बातें घटाई और बढ़ाई भी जा सकती हैं। ये बातें कुछ सेकंड या मिनटों के लिए मस्तिष्क में रहती हैं। ये अंक, अक्षर, शब्दों या वाक्यों के रूप में हो सकती हैं। ये बातें हमारे मस्तिष्क में उछलती रहती हैं। कई बार हमारा दिमाग उन्हें पकड़ नहीं पाता और हम उसे भूल बैठते हैं। इतना ही नहीं दिमाग समय-समय पर नई बातों को स्टोर करने के लिए अपनी स्टोरेज खाली करता रहता है। यह भी कारण है कि हमें बातें याद नहीं रहती हैं। क्योंकि वो इन्हें मिटा देता है। शोध बताते हैं कि 20 साल की उम्र तक वर्किंग मेमोरी सबसे ज्यादा एक्टिव होती है। हालांकि 40 की उम्र के बाद इसकी क्षमता कम होने लगती है।  

मिलर के अनुसार हमारे दिमाग की भी कुछ क्षमताएं हैं। इन्हें जानना और मानना बहुत जरूरी है। अगर आप बार-बार बातें भूल रहे हैं तो मल्टीटास्किंग से बचें। एक बार में एक काम पूरा करें, फिर ही दूसरे काम को करना शुरू करें। इससे आपके दिमाग में मेमोरी ज्यादा देर तक रहेगी। अगर आप कोई बात भूल गए हैं और तमाम कोशिशों के बाद भी आपको वो याद नहीं आ रही है तो आप उसी जगह पर जाएं और फिर उस बात को याद करें। यह ट्रिक आपके काम आ सकती है। 

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...