Acidity
Get Rid of Acidity

Acidity: वैसे तो भोजन के पाचन के दौरान हर व्यक्ति के अमाशय और आंतों में वायु बनती है, परन्तु वह डकार व अधोवायु द्वारा बाहर निकल जाती है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। परन्तु जब यह वायु किसी भी दशा में बाहर नहीं निकल पाती है तो उस व्यक्ति को गैस की परेशानी होने लगती है। लंबे समय तक रहने वाली गैस की समस्या अल्सर में बदल सकती है जो कई और तरह की समस्याएं पैदा कर सकती है।

क्यों बनती है गैस? 

आज की बदलती जीवनशैली ही मनुष्य की तमाम समस्याओं की जड़ है। वह सब कुछ अपने ढंग से अपनी सुविधानुसार करना चाहता है। बदलते पर्यावरणीय परिवेश में एरोफैगिया या निगली गई हवा पेट में गैस बनने का सबसे प्रमुख कारण है। खाते समय प्रत्येक मनुष्य थोड़ी-बहुत हवा निगल लेता है। हालांकि कुछ हवा डकार द्वारा बाहर चली जाती है, लेकिन उसका कुछ हिस्सा आंतों में भी चला जाता है। बची हुई थोड़ी सी गैस बड़ी आंत में चली जाती है, जो गुदा मार्ग द्वारा बाहर निकलती है। इसके अलावा कई भोज्य पदार्थों में शुगर, स्टार्च और रेशे पाए जाते हैं, जिनका छोटी आंतों में कुछ निश्चित एन्जाइमों की कमी या अनुपस्थिति के कारण पाचन नहीं हो पाता। यह अनपचा भोजन छोटी आंत से बड़ी आंत में जाता है, जहां बैक्टीरिया इस भोजन को तोड़ते हैं। इससे हाइड्रोजन, कार्बन डाईऑक्साइड और एक तिहाई लोगों में मिथेन निकलती है।

लक्षण

पेट का फूलना पेट में गैस बनने का सबसे आम लक्षण है। बड़ी आंत का कैंसर या हार्निया भी इसका कारण बन सकता है। इसके अलावा जब आंत में गैस मौजूद होती है, तब कुछ लोगों को पेट में दर्द होता है। जब बड़ी आंत की बायीं ओर दर्द होता है, तो इससे हृदय रोग का भ्रम होता है, लेकिन जब दर्द दायीं ओर होता है, तो यह एपेन्डिक्स हो सकता है।

गैस बनाने वाले भोजन

सब्जियों में ब्रोकली, पत्तागोभी, मटर, फलियां, फूलगोभी और प्याज।

फल में नाशपाती, केला और आडू साबुत अनाज में गेहूं।

सॉफ्ट ड्रिंक्स और फलों का जूस।

दूध से बने उत्पाद, जैसे पनीर, आइसक्रीम और डिब्बाबंद भोजन।

ऐसा भोजन जिनमें सोर्बीटोल होता है।

गैस से बचने के घरेलू नुस्खे

खान-पान संबंधी सावधानी बरतें। हल्का सुपाच्य भोजन करें। मूंग की दाल की खिचड़ी या दलिया भी गैस से छुटकारा पाने में कारगर सिद्ध हो सकता है।

Acidity

लहसुन पाचन की क्रिया को बढ़ाता है और गैस की समस्या को कम करता है।

नारियल पानी भी गैस की समस्या से निजात दिलाने में मदद कर सकता है।

अदरक में पाचन एंजाइम होते हैं, इसलिए भोजन में इसका प्रयोग अधिकाधिक मात्रा में करें। खाना खाने के बाद अदरक के टुकड़ों को नींबू के रस में डुबोकर खाएं।

तारपिन का तेल गर्म पानी में मिलाकर पेट पर मालिश करने से भी गैस में आराम सौ ग्राम सफेद जीरा लेकर उसे भूनें, फिर उसमें शुद्ध देसी घी में भुनी दस ग्राम हींग व दस ग्राम पीसी हुई छोटी इलायची के दाने मिलाकर साफ डिब्बे में रख लें। सुबह-शाम भोजन के बाद गुनगुने जल में आधा नींबू का रस एवं एक चम्मच चूर्ण मिलाकर पी जाएं।

लंबे समय से गैस की समस्या से परेशान हैं तो लहसुन की तीन कलियों और अदरक के कुछ टुकड़ों को खाली पेट खाएं।

प्रतिदिन खाने के साथ टमाटर खाएं। टमाटर में सेंधा नमक मिलाने से ज्यादा फायदा मिलेगा।

पुदीना खाएं, क्योंकि इससे पाचन तंत्र ठीक रहता है।

हरी इलायची के पॉउडर को एक गिलास पानी में उबालें। इसको खाना खाने के पहले गुनगुने रूप में पी लें। इससे गैस नही बनेगी।

कुटकी, काली मिर्च, काला जीरा, काली हरड़ एवं काला नमक प्रत्येक समभाग लेकर चूर्ण बनाएं। इसको 3 ग्राम की मात्रा में भोजन के बाद गुनगुने जल से लेने पर गैस से निजात मिलती है।