6-6-6 walking challenge
6-6-6 walking challenge

Overview:हर उम्र के लिए आसान, बिना जिम या मशीन के — जानिए कैसे सिर्फ चलकर पा सकते हैं फिटनेस, वज़न कंट्रोल और मानसिक सुकून

6-6-6 वॉकिंग चैलेंज में सुबह 6 या शाम 6 बजे 60 मिनट की वॉक शामिल है, जिसमें 6 मिनट वॉर्मअप और 6 मिनट कूलडाउन होता है। यह रूटीन वजन घटाने, हार्ट हेल्थ, हड्डियों की मजबूती, शुगर कंट्रोल और ब्रेन फंक्शन के लिए बेहद फायदेमंद है। यह आसान, कम थकाने वाला और हर उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त है, जिससे फिटनेस एक आसान आदत बन सकती है।

6-6-6 Walking Challenge: इन दिनों सोशल मीडिया पर फिटनेस के नए-नए फॉर्मूले ट्रेंड कर रहे हैं। कभी 12-3-30 तो कभी 3-2-1 वर्कआउट। अब एक नया चलन वायरल हो रहा है – 6-6-6 वॉकिंग चैलेंज, जो वजन घटाने और हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए काफी लोकप्रिय हो गया है।

इस चैलेंज में सुबह 6 बजे या शाम 6 बजे 60 मिनट तक वॉक करना होता है, जिसकी शुरुआत 6 मिनट की वॉर्मअप और अंत 6 मिनट की कूल डाउन वॉक से होती है। यह रूटीन न केवल वजन कम करता है बल्कि दिल, हड्डियों, ब्रेन और शुगर कंट्रोल के लिए भी फायदेमंद माना जा रहा है।

इसका सबसे खास फायदा यह है कि यह आसान है, सभी उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त है और ज्यादा कुछ सोचे बिना दिनचर्या में अपनाया जा सकता है। आइए जानते हैं इस चैलेंज को कैसे अपनाएं और इसे और भी असरदार कैसे बनाएं।

6-6-6 वॉकिंग चैलेंज क्या है और कैसे करें इसे शुरू

6-6-6 Walking Challenge-Walk daily for weight loss and wellness.
Start your 6-6-6 walk for fitness and calm.

6-6-6 वॉकिंग चैलेंज बहुत आसान और साफ-सुथरा रूटीन है। इसमें आपको हर दिन 60 मिनट वॉक करनी है, जो या तो सुबह 6 बजे या शाम 6 बजे की जा सकती है। शुरुआत 6 मिनट के हल्के वॉर्मअप से करें जैसे धीरे-धीरे चलना या स्ट्रेच करना। इसके बाद 60 मिनट की तेज चाल से वॉक करें ताकि शरीर का तापमान और हार्ट रेट थोड़ा बढ़े। अंत में 6 मिनट की स्लो वॉक या स्ट्रेचिंग करें ताकि शरीर कूल डाउन हो सके।

ये नंबर सिर्फ याद रखने में आसान नहीं, बल्कि शरीर की जरूरतों के हिसाब से भी परफेक्ट हैं। खासकर जिन लोगों को डायबिटीज या ब्लड प्रेशर की समस्या है, उनके लिए यह दिनचर्या बेहद फायदेमंद हो सकती है।

वज़न घटाने और फैट लॉस में करता है मदद

Morning walk for weight loss and mental clarity.
6-6-6 walking: Simple steps to a healthier you.

अगर आप वजन घटाना चाहते हैं लेकिन जिम नहीं जाना चाहते, तो यह वॉकिंग रूटीन आपके लिए एक दमदार ऑप्शन है। रोज़ 60 मिनट वॉक करने से आपका कैलोरी बर्न बढ़ता है, जिससे शरीर धीरे-धीरे फैट लॉस करने लगता है। इसके साथ अगर आप डाइट पर भी थोड़ा ध्यान दें, तो इसके रिज़ल्ट और भी जल्दी दिख सकते हैं।

रिसर्च के अनुसार दिन में 7,000 स्टेप्स लेने वालों का वजन और बीएमआई दोनों बेहतर रहता है। और यह 60 मिनट की वॉक लगभग 6,000 से 7,000 स्टेप्स के बराबर होती है। खास बात यह है कि यह पूरी तरह सुरक्षित और आसान तरीका है वजन कम करने का, बिना किसी मशीन या सप्लीमेंट के।

हड्डियों और दिल की सेहत में लाजवाब असर

वॉकिंग एक वेट-बेयरिंग एक्सरसाइज है, यानी यह हड्डियों पर हल्का सा दबाव डालती है जिससे उनकी मजबूती बढ़ती है। खासतौर पर 30 की उम्र के बाद हड्डियों की केयर करना जरूरी हो जाता है, और यह रूटीन रोज़ाना बोन हेल्थ को बढ़ावा देता है।

इसके अलावा, 6-6-6 वॉकिंग दिल की सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद मानी जाती है। यह ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाती है, बीपी कंट्रोल करती है और हृदय रोगों का खतरा कम करती है। रिसर्च कहती है कि जो लोग रोज़ाना 6,000 से 8,000 स्टेप्स चलते हैं, उनमें हार्ट डिजीज से जल्दी मौत का खतरा 50% तक कम हो जाता है।

शुगर कंट्रोल और इंसुलिन रेसिस्टेंस में असरदार

डायबिटीज के मरीजों के लिए यह चैलेंज किसी वरदान से कम नहीं। खाने के बाद वॉक करने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है और इंसुलिन बेहतर काम करता है। यह शरीर को ब्लड शुगर को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा घटता है।

2024 के एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग तेज़ चलने की आदत रखते हैं (4 मील प्रति घंटा से ज्यादा), उनमें टाइप 2 डायबिटीज का खतरा लगभग 40% तक कम होता है। इसलिए अगर आप डायबिटीज के शिकार हैं या बचाव चाहते हैं, तो इस वॉक को ज़रूर अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

ब्रेन और मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद

वॉकिंग सिर्फ शरीर के लिए ही नहीं, दिमाग के लिए भी बेहतरीन एक्सरसाइज है। यह ब्रेन में ब्लड फ्लो बढ़ाती है, जिससे सोचने की क्षमता, ध्यान केंद्रित करने की शक्ति और मेमोरी बेहतर होती है।

साथ ही, वॉकिंग तनाव को भी कम करती है। एक स्टडी में पाया गया कि जो लोग हर दिन 5,000 स्टेप्स या उससे ज्यादा चलते हैं, उनमें डिप्रेशन और चिंता के लक्षण बहुत कम होते हैं। खासकर अगर आप प्रकृति में वॉक करें – जैसे पार्क, बगीचे या खुले मैदान में – तो इसका प्रभाव और भी ज्यादा पॉजिटिव होता है।

अगर आप इस 6-6-6 चैलेंज को नहीं भी फॉलो कर पाएं, तब भी रोज़ाना थोड़ी देर वॉक करना शरीर और दिमाग दोनों के लिए अमूल्य है।
बस याद रखें – चलिए ज़रा ध्यान से, हर कदम सेहत की ओर!

मेरा नाम वामिका है, और मैं पिछले पाँच वर्षों से हिंदी डिजिटल मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर सक्रिय हूं। विशेष रूप से महिला स्वास्थ्य, रिश्तों की जटिलताएं, बच्चों की परवरिश, और सामाजिक बदलाव जैसे विषयों पर लेखन का अनुभव है। मेरी लेखनी...