1. नीम का दातुन साफ करने के लिए सबसे अच्छी सामग्री है। दातुन नीम की पकी टहनी की होनी चाहिए। इसकी कूची अच्छी बनती है। इसके लिए दातुन को दांतों के नीचे दबा और घुमा-घुमाकर मुलायम व महीन कूची बनाना आवश्यक है, अन्यथा मसूड़ों में घाव हो सकते हैं। कूची बन जाने पर इसे दांतों के उपर-नीचे चलाना चाहिए न कि अगल-बगल । उपर-नीचे दातुन करने से दांतों के बीच में अटके कण निकल जाते हैं और अगल-बगल चलाने से ये कण व मैल अन्य दांतों के बीच के स्थानों में और भी अधिक मजबूती के साथ बैठ जाते हैं। नीम की दातुन करने से कीड़े भी मर जाते हैं।
  2. आंवला दांत से काट-काटकर चबाकर खायें। इससे दांत मजबूत और साफ रहते हैं। इसके अलावा यदि दांतों में कीड़े लगे हुए हैं तो वे भी समाप्त हो जाते हैं।
  3. अनार के छिलके को पानी उबालकर रख लें। सुबह-शाम इस पानी को गुनगुना करके गरारा करने से भी मुंह की दुर्गंध ठीक हो जाती है।
  4. जायफल, लौंग व छोटी इलायची के दाने चार-चार ग्राम लेकर उसमें थोड़ा-सा कपूर मिला लें। इन सब को गुलाब जल से पीसकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें। दिन में 2-3 बार एक-एक गोली चूसते रहें। मुंह की दुर्गंध समाप्त हो जायेगी। 
  5. मौलसिरी की दातुन का मुलायम ब्रश बनाकर उससे दांत साफ करने से दांत का हिलना धीरे-धीरे रूक जाता है।
  6. आंवला जलाकर उसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर, सरसों के तेल के साथ मंजन करने से पायरिया रोग दूर हो जाता है।
  7. इलायची, लौंग और खस के तेल को मिलाकर दांतों पर मलने से पायरिया ठीक होता है और मुख की दुर्गंध दूर होती है।
  8. नीला थोथा, घी भुना हुआ, सोंठ, कत्था और जली हुई सुपारी को पीसकर मंजन बनायें, इसके रोज प्रयोग से दांत साफ हो जाते हैं।
  9. छोटे शिशु को दांत-दाढ़ निकलते समय, इसके पत्तों का काढ़ा पाव-पाव चम्मच सुबह-शाम थोड़े पानी में मिलाकर पिलाने से दांत आराम से निकलते हैं।
  10. मौलसिरी की दातुन करना या दांतों के नीचे रखकर चबाने से हिलते दांत सुदृढ़ हो जाते हैं।
  11. नीला थोथा, सोंठ, काली मिच, पीपल का पत्ता, पीपलामूल, हीरा कसीस, माजूफल, वायविडंग और नमक बराबर मात्रा में लेकर बारीक पीसकर कपड़े से छानकर चूर्ण बना लें। इस मंजन से दांतों के समस्त रोग दूर होते हैं।
  12. कत्था, मौलसिरी का छाल, नीम की छाल, सेंधा नमक का समान की छाल, सेंधा नमक का समान भाग कपड़े से छालकर चूर्ण कर मंजन करने से दांतों के हिलने में लाभ होता है।
  13. दो चम्मच सरसों का तेल और आधा चम्मच महीन पिसा हुआ खाने का नमक मिलाकर, मुंह में रखें और इधर-उधर घूमाते रहें। जब मुंह में थूक इकट्ठा हो जाए तो थोड़ा-सा थूक दें। आधे घंटे तक मुंह में रखने के बाद सब थूक दें। 10-15 मिनट तक लार टपकाते रहें, ताकि मुंह से तेल की चिकनाई थूक के साथ निकल जाए। आधे घंटे तक पानी न पींए, न ही पानी से कुल्ला करें। थोड़े दिनों में पायरिया रोग में आश्चर्यजनक लाभ होता है।
  14. हर्र की छाल, त्रिकुटा सेंधा नमक, मोच रस के चूर्ण से मंजन करें। इस मंजन से दांतों का हिलना रूक जाता है और दांत मजबूत होते हैं।
  15. दांतों में कीड़े लगे हों तो प्याज को गरम कर लें और उसके छिलके उतारकर टुकड़े दांतों पर रख लें और हौले-हौले दबाएं। प्याज का तीखा रस कीड़े सह नहीं पाएंगे और दांतों का साथ छोड़ देंगे।
  16. सरसों का तेल और नमक मिलाकर मसूड़ों पर मलने से दांत मजबूत रहते हैं।
  17. गाजर तथा चमेली की पत्तियों को उबालकर उस पानी से कुल्ला करने से छालों से राहत मिलती है।