Diabetes Risk Factors: क्या आपको पता है कि डायबिटीज धीरे-धीरे आपके शरीर में घर कर लेती है? हर साल लाखों लोग इसके शिकार हो जाते हैं और उन्हें तब पता चलता है जब बहुत देर हो चुकी होती है! यदि आपके माता-पिता में से किसी एक को डायबिटीज है, तो आपके लिए जोखिम अधिक होता है और यदि दोनों को है, तो यह संभावना 100% तक हो सकती है। लेकिन क्या केवल अनुवांशिक कारण ही इसके लिए जिम्मेदार हैं? नहीं! कई अन्य कारक भी डायबिटीज होने की संभावना को बढ़ा सकते हैं। जानिए वो संकेत, जो आपको तुरंत सतर्क कर सकते हैं!
डायबिटीज होने की सबसे बड़ी वजहें
अधिक वजन या मोटापा
यदि आपका वजन सामान्य से अधिक है, तो डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति का बीएमआई 30 से अधिक है, तो उसे टाइप-2 डायबिटीज होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
बढ़ा हुआ पेट या कमर का आकार
यदि पुरुषों में कमर का माप 36 इंच से अधिक है और महिलाओं में 32 इंच से अधिक है, तो यह डायबिटीज के खतरे का संकेत हो सकता है।
गर्दन या कांख में मेल (काली त्वचा के धब्बे)
इंसुलिन प्रतिरोध के कारण कई लोगों की गर्दन या कांख में काले धब्बे देखने को मिलते हैं। यह एक संकेत हो सकता है कि शरीर ग्लूकोज को सही ढंग से प्रोसेस नहीं कर पा रहा है।
पारिवारिक इतिहास
यदि आपके माता-पिता या भाई-बहनों में से किसी को डायबिटीज है, तो आपको भी सतर्क रहना चाहिए।
ब्लड ग्लूकोज स्तर 140mg/dL से अधिक
यदि आपकी फास्टिंग ब्लड शुगर रिपोर्ट 140mg/dL से अधिक है, तो यह एक चेतावनी संकेत है। नियमित जांच आवश्यक है।
ब्लड प्रेशर
हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को डायबिटीज होने की संभावना अधिक होती है।
गर्भावस्था में डायबिटीज का होना
यदि किसी महिला को गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज (गेस्टेशनल डायबिटीज) हुआ है, तो बाद में उसे टाइप-2 डायबिटीज होने की संभावना अधिक होती है।
बच्चे का वजन 4 किलो से अधिक होना
यदि जन्म के समय शिशु का वजन 4 किलो से अधिक था, तो माँ को भविष्य में डायबिटीज होने की संभावना बढ़ सकती है।
शारीरिक गतिविधि की कमी

अगर आप नियमित व्यायाम नहीं करते हैं या आपकी दिनचर्या ज्यादातर बैठकर काम करने की है, जैसे कंप्यूटर इंजीनियर या ऑफिस वर्कर, तो यह डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है।
जानिए क्या कर सकते हैं?
42 साल की अनीता को अक्सर थकान महसूस होती थी। उनके परिवार में उनकी मां को डायबिटीज थी और उनका वजन भी थोड़ा अधिक था। उन्होंने अपनी ब्लड शुगर जांच करवाई और पाया कि उनका स्तर 150 mg/dL था। डॉक्टर ने उन्हें बताया कि वे प्रीडायबिटिक स्टेज में हैं और यदि वे अपनी जीवनशैली में सुधार नहीं करेंगी, तो उन्हें टाइप-2 डायबिटीज हो सकती है। इसके बाद अनीता ने अपनी डाइट में सुधार किया, रोजाना टहलना शुरू किया और मीठे खाद्य पदार्थों को सीमित कर दिया। कुछ महीनों में उनकी ब्लड शुगर सामान्य स्तर पर आ गई।
कैसे करें डायबिटीज से बचाव?
वजन नियंत्रित रखें
स्वस्थ आहार अपनाएं और नियमित व्यायाम करें।
शुगर और प्रोसेस्ड फूड कम करें
सफेद चीनी, मैदा और फास्ट फूड से बचें।

नियमित शारीरिक गतिविधि
योग, वॉकिंग, साइकलिंग, या कोई भी पसंदीदा व्यायाम करें।
ब्लड शुगर की नियमित जांच करवाएं
यदि जोखिम कारक मौजूद हैं, तो समय-समय पर जांच करवाना आवश्यक है।
स्ट्रेस मैनेजमेंट
इससे बचने के लिए मेडिटेशन और पर्याप्त नींद लें।
अगर आप भी ऊपर बताए गए किसी भी जोखिम कारक के अंतर्गत आते हैं, तो सतर्क हो जाएं। अपनी जीवनशैली में सही बदलाव लाकर डायबिटीज से बचा जा सकता है।
