Cardiac Arrest in Hindi: बीमारियों से दूर रहने के लिए हम अपनी सेहत का खास ख्याल रखते हैं। ऐसी आदतें अपनाते हैं जिससे हम स्वस्थ रहें और बीमारियों से दूर रहें। ह्रदय संबंधित रोग जैसे हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट हमारे जीवन के लिए बेहद गंभीर होते हैं। कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में दिल धड़कना बंद हो सकता है और सडेन डेश हो सकती है। हमारा ह्रदय कई प्रणालियों के अनुसार अपना कार्य करता है। दिल में एक आंतरिक विद्युत प्रणाली होती है, जिससे दिल की धड़कनों की लय हमेशा बनी रहती है। यदि इस प्रणाली में कोई डिस्टरबेंस हो जाए तो दिल काम करना बंद कर देता है। सांस लेने में दिक्कत होने लगती है और होश हवास गुम होने लगता है। इस विद्युत प्रणाली में डिस्टरबेंस के कारण ब्लड पंपिंग में समस्या आती है और ब्लड हमारे हर हिस्से में नहीं पहुंच पाता यानी ब्लड सर्कुलेशन बंद हो जाता है। कई मायने में हर्ट अटैक दिल के दौरे से ज्यादा खतरनाक हो सकता है। यदि सही समय पर इसका उपचार ना मिले तो व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है।
कार्डियक अरेस्ट के मुख्य लक्षण

-सांसो का रुक जाना।
-बेहोश हो जाना।
-आंखों के आगे अंधेरा छा जाना।
-सांस फूलना ।
-छाती में तेज दर्द का होना।
-बहुत ज्यादा घबराहट होना ।
-अचानक से बहुत पसीना आना।
-अचानक मृत्यु का भय महसूस होना।
कार्डियक अरेस्ट के कारण
-फिजिकल एक्टिविटीज की कमी।
-अस्त व्यस्त दिनचर्या।
-हृदय का आकार बड़ा होने से पंपिंग प्रणाली में समस्या हो सकती है।
-कुछ लोगों को जन्म से ही गंभीर हृदय संबंधित बीमारियां होती हैं. जिन्हें कार्डियक अरेस्ट का अधिक खतरा होता है।
-यदि धमनियों में कोई ब्लॉकेज या ब्लड फ्लो सर्कुलेशन उचित तरीके से नहीं हो पाता है तो इससे कार्डियक अरेस्ट का खतरा उत्पन्न हो सकता है।
-पोटेशियम या मैग्नीशियम की कमी होना।
-धूम्रपान या शराब का अधिक सेवन कार्डियक अरेस्ट के कारणों में से एक है।
-यदि पहले हार्ट अटैक या दिल के दौरे आए हों।
कार्डियक अरेस्ट से बचाव

-समय-समय पर अपने ह्रदय की जांच करवाएं। हृदय स्वास्थ्य से जुड़ी जीवनशैली अपनाने से आप ह्रदय संबंधित रोगों से दूर रह सकते हैं।
-शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का सेवन अवश्य करें।
-चिकनाई युक्त खाद्य पदार्थ जैसे अधिक तेल का सेवन ना करें।
-कोलेस्ट्रॉल लेवल संतुलित रखें। योगासन जरूर करें साथ ही रनिंग, साइकिलिंग जैसी आसान -फिजिकल एक्सरसाइज जरूर करें।
-शराब तंबाकू इत्यादि से दूर रहें।
-तनाव से स्वयं को दूर रखें।
यदि किसी को अचानक कार्डियक अरेस्ट हो जाए तो CPR (cardiopulmonary resuscitation) दें। सीपीआर के लिए पीड़ित व्यक्ति के छाती के बीच में अपने दोनों हाथ से जोर लगाकर Push-Pull करें। कम से कम 1 मिनट में 100 बार की दर से प्रेशर लगाएं व छोड़े। याद रहे जब तक मेडिकल फैसिलिटी उपलब्ध ना हो जाए तब तक यह प्रक्रिया फॉलो कर सकते हैं। वहीं हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट दोनों ही समस्याओं के बारे में समझना जरूरी है। दरअसल, कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक एक जैसी समस्याएं समझने की भूल न करें। क्योंकि ये दोनों पूरी तरह से अलग-अलग हृदय से जुड़े रोग हैं।