Overview: बार-बार आने वाली हिचकियां मज़ाक नहीं, जानें इसके पीछे छुपे असली कारण
हिचकियां सामान्य रूप से हानिरहित होती हैं और कुछ ही समय में रुक जाती हैं। लेकिन अगर ये घंटों या दिनों तक लगातार चलें और घरेलू उपाय काम न करें, तो इसे नज़रअंदाज़ करना खतरनाक हो सकता है। ये पाचन तंत्र, नर्वस सिस्टम या किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकती हैं।
Reasons Behind Hiccups: हिचकी आना एक आम समस्या है, जिसे हम अक्सर “कोई याद कर रहा है” वाली बात से जोड़कर हल्के में ले लेते हैं। सामान्यत: ये कुछ सेकंड या मिनट में खुद ही बंद हो जाती है। लेकिन जब हिचकियां लगातार लंबा समय तक चलें और लाख कोशिशों के बाद भी न रुकें, तो ये शरीर में छिपी किसी गंभीर परेशानी का संकेत हो सकती हैं। आइए जानते हैं इसके पीछे के असली कारण।
पेट की गड़बड़ी या गैस

हिचकियां ज़्यादातर पेट में गैस, एसिडिटी या बदहजमी की वजह से शुरू होती हैं। जब पेट फूलता है तो डायाफ्राम पर दबाव पड़ता है, जिससे हिचकी आने लगती है।
ज़्यादा जल्दी-जल्दी खाना या पीना
जल्दी खाने या ज्यादा स्पाइसी और कार्बोनेटेड ड्रिंक पीने से हवा पेट में फंस जाती है। ये भी लगातार हिचकियों की एक बड़ी वजह है।
तनाव और चिंता
मानसिक तनाव या एंग्ज़ायटी भी शरीर के नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है, जिससे हिचकियां बार-बार आने लगती हैं।
नर्व या ब्रेन से जुड़ी समस्या
कुछ मामलों में लंबे समय तक चलने वाली हिचकियां नर्वस सिस्टम से जुड़ी दिक्कत का संकेत हो सकती हैं। स्ट्रोक, ब्रेन ट्यूमर या नर्व डैमेज इसके पीछे छुपे कारण हो सकते हैं।
फेफड़ों की बीमारी
कभी-कभी फेफड़ों में संक्रमण या सूजन के चलते भी हिचकियां बार-बार आती हैं और रुकती नहीं।
लीवर या किडनी की समस्या
अगर हिचकियां कई दिनों तक लगातार चल रही हों, तो ये लीवर या किडनी से जुड़ी परेशानी की चेतावनी हो सकती हैं। ऐसे में तुरंत जांच कराना जरूरी है।
दवाओं का असर
कुछ दवाएं, जैसे स्टेरॉयड्स या केमोथेरेपी की दवाएं, हिचकियां बढ़ा सकती हैं। अगर दवा शुरू करने के बाद हिचकियां बढ़ जाएं, तो डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
