Ayurvedic home remedy to increase iron in the body rapidly
Ayurvedic home remedy to increase iron in the body rapidly

Iron Deficiency Remedy: आयरन संतुलन सिर्फ शरीर की ही नहीं, मानसिक ऊर्जा और प्रतिरक्षा को भी मजबूत करता है। प्राकृतिक आहार और हर्ब्स इसे बनाए रखने का सबसे सुरक्षित तरीका है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह शरीर को भीतर से सुरक्षा और पोषण प्रदान करता है।

क्या आपने कभी ऐसा महसूस किया है कि सुबह उठते ही थकान छा जाती है, चेहरे का रंग फीका दिखता है या बाल और नाखून कमजोर लगते हैं? अक्सर हम इसे व्यस्त जीवनशैली का असर मान लेते हैं, लेकिन यह आयरन की कमी का संकेत भी हो सकता है। आयरन सिर्फ रक्त बनाने का तत्व नहीं है, बल्कि यह ऊर्जा, मानसिक स्पष्टता और प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है।
आयुर्वेद बताता है कि जब शरीर में आयरन संतुलित रहता है, तो ऊर्जा, रंगत और स्वास्थ्य सभी स्थिर रहते हैं।

आयरन की कमी धीरे-धीरे शरीर में असर डालती है। थकान, चक्कर, सांस की कमी, चेहरे का पीला पड़ना, बालों का झड़ना और नाखूनों की कमजोरी आम संकेत हैं। आयुर्वेद इसे रक्त क्षय कहता है। यह सिर्फ रक्त की कमी ही नहीं, बल्कि रक्त निर्माण में दोष और शरीर की ऊर्जा में गिरावट का
संकेत भी है।

आयुर्वेद में आयरन की कमी के कई कारण बताए गए हैं। असंतुलित आहार और समय पर भोजन न करना सबसे पहला कारण है। दूसरा कारण है कमजोर पाचन शक्ति, जिसके कारण आयरन और अन्य मिनरल्स का अवशोषण ठीक से नहीं हो पाता।
तीसरा कारण रक्त दोष और शरीर में वायुपित्त असंतुलन है। जीवनशैली भी इसमें बड़ा योगदान देती है। नींद की कमी, मानसिक तनाव और शारीरिक थकान आयरन संतुलन को प्रभावित करती हैं।

Iron in your morning routine
Iron in your morning routine

सुबह की शुरुआत सही तरीके से करने से दिनभर ऊर्जा बनी रहती है। आयुर्वेद में यह माना जाता है कि सुबह खाली पेट हल्का गर्म पानी पीना और हल्का योग या प्राणायाम करना पाचन शक्ति को जाग्रत करता है। इसके बाद आयरन युक्त नाश्ता करना जैसे- ओट्स, मेथी के दाने, तिल या
बादाम, शरीर में आयरन अवशोषण बढ़ाता है और दिन की शुरुआत ऊर्जावान बनाता है।

आयुर्वेद में आहार को औषधि का दर्जा दिया गया है। आयरन संतुलन के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे- पालक, मेथी और सरसों का साग, दालें जैसे- मूंग, मसूर और छोले और अनाज जैसे-बाजरा और ज्वार बेहद लाभकारी हैं। साथ ही, काजू, बादाम, अखरोट, तिल और कद्दू के बीज आयरन की कमी को पूरा करने में मदद करते हैं। पपीता, आंवला, अनार और किशमिश जैसे फल भी शरीर में आयरन स्तर को बनाए रखने में सहायक हैं। आयुर्वेदिक हर्ब्स जैसेशतावरी, अश्वगंधा और लोहभस्म रक्त निर्माण और ऊर्जा बढ़ाने में मदद करते हैं।

Balancing with Herbs and Tonics
Balancing with Herbs and Tonics

शतावरी रक्त निर्माण और हार्मोन संतुलन में सहायक है, जबकि अश्वगंधा थकान को कम करती है और शरीर को मजबूत बनाती है। गुदुची रक्त शुद्धि और प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाता है। इन औषधियों का सेवन हमेशा आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह अनुसार करना चाहिए, ताकि शरीर
में आयरन का संतुलन सुरक्षित रहे।

आयरन का सही अवशोषण पाचन शक्ति पर निर्भर करता है। जब पाचन शक्ति कमजोर होती है, तो आयरन युक्त भोजन ठीक से पचता नहीं। हल्दी और काली मिर्च के साथ भोजन करने से पाचन सुधरता है। सौंफ, हींग और अदरक जैसी जड़ी-बूटियां भी पाचन को दुरुस्त करती हैं। आयुर्वेद में संतुलित अग्नी को शरीर में ऊर्जा और स्वास्थ्य बनाए रखने का आधार माना गया है।

शरीर में आयरन संतुलन केवल आहार पर निर्भर नहीं करता, बल्कि जीवनशैली से भी जुड़ा है। नियमित और पर्याप्त नींद शरीर में आयरन स्तर को बनाए रखती है। हल्का व्यायाम, योग और प्राणायाम रक्त संचार और ऊर्जा बढ़ाते हैं। मानसिक तनाव को कम करने के लिए ध्यान और मेडिटेशन जरूरी है। महिलाओं के लिए मासिक धर्म और गर्भावस्था के दौरान आयरन का विशेष
ध्यान रखना आवश्यक है।

आयरन संतुलन के लिए घरेलू उपाय भी काफी प्रभावी हैं। ताम्र के बर्तन में पानी पीने से शरीर में लोहे का स्तर बढ़ता है। गुड़ और तिल का नियमित सेवन रक्त निर्माण में मदद करता है। मेथी के दाने भिगोकर खाने से पाचन और रक्त निर्माण दोनों को लाभ मिलता है। अमरूद, पपीता और अनार का रस विटामिन-सी और आयरन संतुलन के लिए लाभकारी हैं।

आयरन की कमी को लेकर हम सतर्क रहते हैं, लेकिन अधिकता भी हानिकारक हो सकती है। इससे कब्ज, पेट दर्द और मतली जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आयुर्वेद में त्रिफला या आंवला जैसी हर्बल चाय लेने की सलाह दी जाती है। आहार में आयरन की मात्रा संतुलित रखना और सप्लीमेंट चिकित्सक की सलाह से लेना जरूरी है।

Mental Health and Iron
Mental Health and Iron

आयरन सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी नहीं है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और ऊर्जा के लिए भी महत्वपूर्ण है।
आयरन की कमी से थकान, मानसिक कमजोरी और ऊर्जा की कमी बढ़ सकती है। आयुर्वेद में इसे रक्त दोष और शरीर में वायु-पित्त असंतुलन से जोड़ा गया है। नियमित आयरन युक्त आहार, हर्बल सपोर्ट और संतुलित जीवनशैली से मानसिक स्पष्टता और ऊर्जा बनी रहती है।
आयरन संतुलन केवल शरीर में मिनरल्स की मात्रा तक सीमित नहीं है। यह संतुलन आहार-पाचन शक्ति, जीवनशैली, मानसिक स्वास्थ्य और आयुर्वेदिक उपायों के सामंजस्य पर निर्भर करता है। संतुलित आहार, हर्बल सप्लीमेंट्स, पाचन और जीवनशैली पर ध्यान देने से शरीर में आयरन स्तर संतुलित रहता है, जिससे ऊर्जा, रंगत, बालों और त्वचा की गुणवत्ता में सुधार होता है और प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत रहती है।

“आयरन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक है, यह ऊर्जा प्रदान करने के साथ मस्तिष्क की कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पहुंचाता है।”