आजकल की कॉम्पिटीटिव और शो ऑफ वाली लाइफ में स्ट्रस होना बहुत आम बात है। आजकल सिर्फ बड़े ही नहीं, बल्कि अच्छा पर्फॉर्म करने के प्रेशर में बच्चे भी स्ट्रेस महसूस करते हैं। ऐसे वातावरण में अगर आप अपने रुटीन में इन रिलैक्स करने वाले टेकनीक्स याम यूं कहें आदतों को शामिल करें तो आप आानी से अपने स्ट्रेस को मैनेज कर पाएंगे।
1. मेडीटेशन करें– विशेषज्ञ मानते हैं कि रोज़ मेडिटेशन प्रेक्टिस करने से शरीर धीरे-धीरे जल्दी स्ट्रेस के प्रभाव में नहीं आता है। ज़मीन पर सीधा बैठकर आंखें बंद कर लें और अपना दिमाग किसी पॉज़िटिव सोच या मंत्र पर लगाएं जैसे मैं खुद से प्यार करती हूं या मेरा मन शांत है। ज़ोर-ज़ोर से या धीरे, जैसे आपको पसंद हो बोलें और सारा ध्यान इसी पर रखें। एक हाथ अपनी बेली (पेट) पर रखें ताकि आपका उच्चारण आपकी सांसों के अनुरूप चले। अनचाही बातें मन में आएं तो उन्हें आने दें, वो खुद ब खुद कम हो जाएंगे।
2. गहरी सांस लें – काम से पांच मिनट का ब्रेक लें और आंख बंद करके बैठ जाएं। बॉडी पोश्चर सीधा रखें और अपने हाथ को बेलि (पेट) पर रखें। सांस नाक से अंदर खींचे और एब्डोमन (उदर) में भरे, थोड़ा रुककर और धीरे-धीरे सांस छोड़े। रोज़ डीप ब्रीदिंग करें, इससे तनाव और चिंता से छुटकारा मिलता है।
3. थोड़ी देर शांत हो जाएं- थोड़ी देर मन को दूसरी चीज़ों से हटाकर शांत करें। चलते हुए चेहरे से टकराती हुई हवा को महसूस करें, सोचें के पैर के रोड पर पड़ने से कैसा ऐहसास होता है। आसपास उड़ती-बैठती चिड़ियों की आवाज़ सुनें।
4. खुद को करें डिकंप्रेस– गर्दन और कंधों पर गरम हीट रैप लपेटकर 10 मिनट रिलैक्स करें। आंख बंद करें और गला, चेहरा, छाती और पीठ की मांसपेशियों को रिलैक्स करने दें। अब रैप हटाकर टेनिस बॉल और फोम रोलर से मसाज करें।
5. जोर से हंसे- ज़ोर से हंसने से न सिर्फ आपके दिमाग से लोड हटता है, बल्कि ये शरीर के स्ट्रेस हारमोन, कॉर्टीसोल को कम करता है। इतना ही नहीं, दिल खोलकर हंसने से ब्रेन में मौजूद मूड अच्छा करने वाला केमिकल एंडॉर्फिन भी बनता है।
6. म्यूज़िक से जुड़े- शोध बताते हैं कि सूदिंग म्यूज़िक सुनने से ब्लड प्रेशर, बढ़ा हुआ हार्ट रेट और एंज़ाइटी सब घटता है। अपनी पसंदीदा रिलैक्सिंग गानों की प्लेलिस्ट तैयार कर लें। आप चाहें तो अपनी प्ले लिस्ट में नेचर से जुड़ी आवाज़ों को भी शामिल कर सकती हैं। रोज़ इसे सुनें।
7. एक्सरसाइज़ करें- किसी भी कतरह का एक्सरसाइज़ अपनी रुटीन में शामिल करें। समय न हो तो भी ज्यादा नहीं 10 मिनट ही सही वॉक करें या नॉर्मल स्ट्रेचिंग करें।
8. लोगों से मिले जुलें- सोशल मीडिया पर रहने से अच्छा है रियल लाइफ में सोशल बनें। कोशिश करें कि फोन पर गप करने से ज्यादा फेस टू फेस गपशप करें। ज़रूरी नहीं है कि हमेशा अपने दोस्तों से ही बात करें, पार्क में घूमते हुए, मेट्रो में अपने आस पास बैठे लोगों से भी हल्की-फुल्की बातें कर सकती हैं।
9. आभार मानें- ईश्वर के प्रति औऱ जीवन के प्रति मन में हमेशा आभार रखें क्योंकि आपके आसपास ऐसे बहुत से लोग होंगे जिनके पास आपसे कहीं ज्यादा दिक्कतें मौजूद होंगी।
