इस युवा श्रेणी में, चाॅकलेट का ही उदाहरण लें। वे दूध के पूरे पोषण, नटृस, माल्ट की अच्छी खूबियों वगैरा को एक चाॅकलेट में देने का वादा करते हैं।
पर वे उत्पाद में मौजूद रिफाइंड चीनी, स्वीटनर्स, केमिकल्स, एडीटिव या हाइड्रोजिनेटिड वसा का नाम तक नहीं लेते। इसी तरह छा़त्र को लगता है कि एक चाॅकलेट तो एक पोषक विकल्प है। क्या लेवल पढ़ने से ही आप सच जान सकते हैं।
हैल्थ ड्रिंक, आर्टीफिशियल फलों के जूस, पैकेज नाश्ता सीरीयल, नूडल्स या वैज सूप भी इसी तरह के भ्रामक विज्ञापनों के उदाहरण है।
वे इनके चक्कर में न आएं व स्वस्थ विकल्प चुनें जो कि अस्वस्थ पैकेज फूड का सबसे बेहतर उदाहरण है।
आजकल तो बाजार में स्वस्थ विकल्प भी मौजूद हैं, जैसे खाकरा, लो-फैट भेल-पूरी, सोया बर्गर चक्ली, खजूर व मल्टीग्रेन बिस्कुट। चाॅकलेट बार की बजाए गरानोला बार खाएं। बेफर्स या डीपफ्राई नटृस की जगह भूने नट्स खाएं।
साफ्ट ड्रिंक में एरियोेटिड ड्रिंक लेनेे की बजाए फलों का रस। नारियल पानी या नींबू पानी लें।
जब आपकेे जैसा ग्राहक सेहत पर ध्यान देने लगेगा तो बाजार में नए-नए उत्पाद भी आते रहेंगे।
स्वयं को फुलप्रुफ रखने के दस आसान उपाय:
- कोई साफ्ट ड्रिंक इसलिए न पीऐं कि आपका प्रिय फिल्मस्टार भी वही पीता है।
- आप टी.वी. पर छरहरी व आकर्षक किशोरियों को चाॅकलेट खाते व साफ्ट ड्रिंक पीते देखते है। किंतु वे वास्तविक जीवन में ऐसा नहीं करती।
- जब भी बाहर खाना खाने जाएं तो केवल स्वस्थ विकल्प ही चुनें।
- यदि पैकेज डील में, मेन्यू से अधिक दिया जाए तो लालच न करें, इसका मतलब होगा ‘अतिरिक्त कैलारी’
- सिर्फ लो फैट-देखकर ही उत्पाद न ले। उसमें चीनी या रिफाइंड उत्पाद की मात्रा अधिक हो सकती है। फिर ज्यादा खा लेने से भी, लो-फैट का कोई फाइदा नहीं होने वाला।
- सेल प्रमोशन व सैंपलिंग उत्पादों से सावधान! ये भी आपको जंक की ओर खींचने का एक तरीका है।
- लेबल पढ़ना सीखें ताकि आप जान सकें कि क्या खा रहे हैं।
- चाहे आपके दोस्त किसी xyz ब्राडं का कितना भी हवाला क्यों न दें। आप भीड़ का हिस्सा बनने के बजाए अपना दिमाग चलाएं।
- रेस्त्रां बुफे, भूखे छात्रों के लिए ही होते है। पर जरा सोच कर खाएं क्योंकि वहां काफी कुछ ऐसा होगा, जो सेहत को रास न आए।
- हां, जंबो पैक लेने का मजा ही कुछ और है। यह हमें 25 प्रतिशत अतिरिक्त भी तो दे रहा है। चलिए खरीद ही लीजिए पर किसी दोस्त के साथ बांट कर खाइए।
