Kaju Katli Recipe: त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है। कृष्ण जन्माष्टमी से लेकर गणेशोत्सव तक कई त्योहारों के समय हर कोई हर्षोल्लास से भर जाता है। इतना ही नहीं, इन विशेष अवसरों पर कई तरह के मिष्ठान बनाए जाते हैं। इन्हीं में से एक है काजू कतली। काजू की मदद से बनने वाली इस मिठाई का स्वाद लाजवाब होता है। चाहे बच्चा हो या बड़ा, हर किसी को यह मिठाई काफी पसंद आती है। यूं तो अधिकतर लोग मार्केट से काजू कतली लाकर खाना पसंद करते हैं। लेकिन बाजार में मिलने वाली मिठाई ना केवल बहुत अधिक महंगी होती है, बल्कि इसमें मिलावट की संभावना काफी अधिक रहती है।
ऐसे में सबसे अच्छा तरीका है कि आप खुद घर पर ही काजू कतली बनाएं। घर पर बनने वाली काजू कतली का स्वाद आपको यकीनन बेमिसाल लगेगा। हालांकि, परफेक्ट तरीके से काजू कतली बनाने के लिए जरूरी है कि आप कुछ छोटे-छोटे टिप्स को फॉलो कीजिए। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको घर पर काजू कतली बनाते समय फॉलो किए जाने वाले कुछ टिप्स के बारे में बता रहे हैं-
काजू की क्वालिटी पर दें ध्यान

जब आप घर पर काजू कतली बना रहे हैं और उसका एकदम परफेक्ट टेस्ट पाना चाहते हैं तो ऐसे में आपके लिए जरूरी है कि आप काजू की क्वालिटी पर विशेष रूप से ध्यान दीजिए। कोशिश करें कि आप हाई क्वालिटी के फ्रेश काजू का चयन करें। कभी भी पुराने, रंगहीन या बासी गंध वाले काजू का उपयोग न करें। ध्यान रखें कि काजू की गुणवत्ता सीधे काजू कतली के स्वाद और बनावट को प्रभावित करती है। ताजे काजू से बनने वाली मिठाई का स्वाद काफी अच्छा होता है। साथ ही, मिठाई को एक स्मूथ कंसिस्टेंसी मिलती है। कम गुणवत्ता वाले या पुराने काजू का उपयोग करने से दानेदार टेक्सचर और खराब स्वाद हो सकता है।
काजू को सही तरीके से पीसें
काजू कतली बनाते समय काजू को सही तरह से पीसना जरूरी है। आप काजू को बारीक पाउडर में पीस लें, ताकि उनका प्राकृतिक तेल न निकले। पाउडर को छान लें, ताकि यह स्मूथ रहें और इसमें किसी तरह की गांठ ना रह जाए। ध्यान दें कि काजू को बिना तेल छोड़े बारीक पाउडर में पीसना सही टेक्सचर पाने के लिए बहुत ज़रूरी है। ज़्यादा प्रोसेस करने से मिश्रण तैलीय हो सकता है, जिससे काजू कतली ग्रीसी और हैवी हो सकती है।
चीनी का सोच-समझकर करें चयन

यह तो हम सभी जानते हैं कि काजू कतली बनाने के लिए चीनी का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन सही टेक्सचर व टेस्ट के लिए चीनी का चयन भी समझदारी से करना चाहिए। आप काजू कतली बनाने के लिए हमेशा बारीक या पाउडर वाली चीनी का इस्तेमाल करें। अगर आप दानेदार चीनी का इस्तेमाल कर रहे हैं तो पहले उससे बारीक पाउडर बनाएं। बारीक चीनी मिश्रण में आसानी से और समान रूप से घुल जाती है, जिससे बाद में आपको काजू कतली का स्वाद दानेदारपन जैसा नहीं लगता। वहीं बिना पिसे दानेदार चीनी का इस्तेमाल करने से कतली में अघुलनशील चीनी के क्रिस्टल रह सकते हैं, जिससे काजू कतली का टेस्ट और टेक्सचर दोनों प्रभावित होता है।
चाशनी की कंसिस्टेंसी का रखें ध्यान
काजू कतली बनाते समय जब आप चाशनी तैयार कर रहे हैं तो उसकी कंसिस्टेंसी का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। आप चीनी को पानी के साथ तब तक पकाएं, जब तक कि यह एक तार की स्थिरता तक न पहुंच जाए। इसका मतलब है कि जब आप अपनी उंगलियों के बीच चाशनी की एक बूंद लें और उन्हें अलग करें, तो यह एक ही तार बननी चाहिए। आपको यह पता होना चाहिए कि अगर चाशनी अधपकी है, तो कतली बहुत नरम होगी और ठीक से नहीं जमेगी। चाशनी को ज़्यादा पकाने से काजू कतली सख्त बनती है और फिर उसे चबाने में मुश्किल हो सकती है।
आंच धीमी करके डालें काजू पाउडर

कई बार ऐसा होता है कि जब लोग काजू कतली बनाते हैं तो चाशनी तैयार होने के बाद एकदम से सारा काजू पाउडर डाल देते हैं। जबकि आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। जब चाशनी मनचाही स्थिरता पर पहुंच जाए, तो आंच कम कर दें और लगातार हिलाते हुए धीरे-धीरे काजू पाउडर डालें। धीरे-धीरे काजू पाउडर डालने से यह गांठ बनाए बिना चाशनी में आसानी से मिल जाता है। लगातार हिलाते रहने से मिश्रण के पैन में चिपकने की संभावना ना के बराबर होती है। ऐसे में मिश्रण समान रूप से पकता है और काजू कतली का टेस्ट भी काफी अच्छा आता है।
मिश्रण को सही तरह से पकाएं
काजू पाउडर को चाशनी में डालने के बाद उसे सही तरह से पकाना बेहद जरूरी है। इसमें थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन आपको धैर्य रखने की जरूरत है। आप काजू-चीनी के मिश्रण को धीमी आंच पर लगातार चलाते हुए तब तक पकाएं जब तक कि यह आटे जैसा गाढ़ापन न ले ले और पैन के किनारों से अलग न होने लगे। धीमी आंच पर पकाने से यह सुनिश्चित होता है कि मिश्रण बिना जले समान रूप से पक जाए। साथ ही, इससे मिश्रण को सही कंसिस्टेंसी भी मिलती है। ऐसे में आटा सख्त होने के साथ-साथ बेलने के लिए पर्याप्त नरम भी होता है। अगर आप जल्दबाजी में इसे तेज आंच पर पकाते हैं तो इससे मिश्रण बहुत जल्दी पक सकता है, जिससे उसका टेक्सचर सही नहीं आता है। साथ ही, मिश्रण के जलने की संभावना भी बढ़ जाती है।
