Khichdi: भारत के विभिन्न राज्यों में खिचड़ी के अलग-अलग स्वाद और रंग देखने को मिलते हैं। जिस दिन कुछ हल्का खाने का मन हो, उस दिन खिचड़ी ही खाने में अच्छी लगती है।
खिचड़ी एक ऐसा पकवान है, जो आसानी से बनने के साथ-साथ हमारे शरीर को पोषक तत्व भी प्रदान करता है। कहा जाता है कि खिचड़ी शब्द संस्कृत भाषा के शब्द ‘खिच्चा’ से आया है। मुगलकाल में भी खिचड़ी काफी फेमस डिश थी।
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16वीं सदी में मुगल बादशाह अकबर के वज़ीर अबुल फजल के द्वारा लिखे गए दस्तावेजों में भी अलग-अलग तरह से खिचड़ी पकाने की विधि का उल्लेख मिलता है। खिचड़ी भारत के हर घर में बनाई और बड़े मन से खाई जाने वाली चीज़ है। जिस दिन कुछ हलका खाने का मन हो, उस दिन खिचड़ी ही खाने में अच्छी लगती है। इसी खिचड़ी ने भारत को विश्वस्तर पर पहचान दिलाई। खिचड़ी बनाने में देश का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी दर्ज है। खिचड़ी एक ऐसी डिश है, जिसे दिनभर में कभी भी खाया जा सकता है। खिचड़ी में वो सारे पोषक तत्व होते हैं, जो हमारे शरीर को फिट रखने के लिए जरूरी होते हैं। अगर फायदे या नुकसान की बात करते है तो खिचड़ी उस तरह के भोजन में से आती है, जिसके सिर्फ फायदे ही फायदे हैं। क्या हैं फायदे आइए जानें-
1.अगर बात पोषक भोजन की हो तो खिचड़ी एक सरल नम्र पकवान के साथ-साथ पोषण का मास्टरस्ट्रोक भी है। यह जल्दी से जल्दी तैयार हो जाने वाला पोषक पकवान है, जोकि दाल, चावल, सब्जी और नमक के उपयोग से बनता है।
2. खिचड़ी हर तरह से हमारे लिए लाभदायक है, क्योंकि इससे हमें कम वसा तथा उच्च मात्रा में फाइबर आवश्यक विटामिन और खनिज प्राप्त होते हैं। इसके अलावा यह कैलोरी भी संतुलित करती है जब आप 2 बड़े कटोरे भर के खिचड़ी का सेवन करते हैं तो आप लगभग 400 कैलोरी के करीब प्राप्त करते हैं और जब आप इसे दही के जोड़ते हैं तो आप स्वस्थ और कुल 500 कैलोरी का भोजन प्राप्त करते हैं।
3. क्या आपने कभी सोचा है कि जब हमारा इम्यून सिस्टम खराब होता है तो हम खिचड़ी क्यों खाते हैं? क्योंकि यह आंतो पर जरा भी वजन नहीं डालती और आसानी से पच जाती है यही कारण है की दस्त के दौरान खिचड़ी और दही को सर्वश्रेष्ठ भोजन माना जाता है। इसके अलावा यह शरीर में पानी के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है, क्योंकि यह तैयारी के दौरान पानी को सोखता है, इसलिए एक हाइड्रेटिंग भोजन भी होता है।
4. अगर आप इस बात से चिंतित है कि चावल खाने से आपको कोई परेशानी हो सकती है तो आपको बता दें की एक स्टडी के दौरान पता चला है की चावल खाने वाले लोग ज़्यादा प्रोटीन, फाइबर और नुट्रिएंट्स का उपभोग करते हैं उन लोगो की तुलना में जो चावल नहीं खाते और वह कम वसा और संतृप्त वसा और मधुमेह और ज्यादा बीन्स और फल खाते हैं। चावल न खाने वाले लोगों की तुलना में इसीलिए खिचड़ी एक सम्पूर्ण आहार कहलाया जाता है, क्योंकि इसमें हम वो सब्जी और फलों का सेवन करते हैं, जो हम रोजमर्रा की जिंदगी में नहीं खा पाते।
5. खिचड़ी एक ऐसा व्यंजन है, जिसे बनाने में कम तेल का इस्तेमाल होता है। जिस वजह से ये आसानी से पच जाती है। यहां तक की बीमारी के बाद शरीर को मजबूती देने के लिए डॉक्टर इसे खाने की सलाह देते हैं।
6. आयुर्वेद में खिचड़ी को बुनियादी खाना कहा जाता है। इसमें शरीर के तीनों दोष- वात, पित और कफ को बैलेंस करने की क्षमता होती है। इसी वजह से इसे त्रिदोषित खाना कहा जाता है।
10 दाल-चावल, घी से बनी खिचड़ी में बहुत सारा कैल्शियम, मैग्निशियम, फाइबर, विटामिन्स, फॉस्फोरस और पोटेशियम शामिल होता है।
खिचड़ी के रूप
अपने देश में भले ही खिचड़ी एक भोजन है, मगर अलग-अलग राज्यों में कई नामों से जानी जाती है। इनमें खिचड़ी को खिचरी, खिचाड़ी, खांचेड़ी, की सुरी, बिसिलेले भात, असुर खिचड़ी, खितचड़ी, खेचिड़ी और वेन पोंगल के नाम से प्रसिद्ध है। सिर्फ इतना ही नहीं हर राज्य में इसके बनाने के तरीके भी अलग-अलग हैं। यूपी में जहां चावल और काली उड़द की खिचड़ी बनाई जाती है, वहीं बिहार में चावल, मूंग दाल, हरे मटर और फूलगोभी से बनाई जाती है। छत्तीसगढ़ में खिचड़ी महुआ के आटे से पकाई जाती है। इसी तरह केरल में चावल, मूंगदाल, घी के साथ-साथ नारियल और ड्राई फ्रूट्स की खिचड़ी बनाई जाती है।
सही भोजन है खिचड़ी
मुझे लगता है कि खिचड़ी रात के लिए सही भोजन है, क्योंकि रात को इसका सेवन करने से नींद अच्छी आती है और मस्तिष्क भी शांत रहता है।
