कुछ लोगों के लिए अचार बिना खाना अधूरा-सा लगता है। कुछ लोगों ने अभी तक तो आम का अचार, नीबू का अचार, हरी मिर्च का अचार ही खाया होगा लेकिन यहां ऐसे 10 अचार की रेसिपी दी है जो कि अनोखा है और इसे एक बार ज़रूर ट्राय करना चाहिए।

बैंगन का अचार

आपने बैंगन की सब्जी और बैंगन का भर्ता तो सुना होगा, लेकिन अच्छी बात यह है कि बैंगन का अचार भी बन सकता है। इस अचार के लिए कोई खास प्रिपरेशन की ज़रूरत नहीं होती है। यह अचार गोआ का फेमस अचार है। इस अचार के लिए ताजा बैंगन चुनें क्योंकि पुराने बैंगन से स्वाद में फर्क पड़ता है।

सामग्री

1 बड़े साइज का बैंगन,  1/2 बड़ा चम्मच सौंफ, 5 बड़े चम्मच सिरका, 1 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर,  1 कप चीनी, 1 बड़ा चम्मच जीरा पाउडर,  1/2 छोटा चम्मच काली मिर्च पाउडर, 1 छोटा चम्मच सरसों दाना,  7 बड़े चम्मच सरसों का तेल, 1 बड़ा चम्मच पंच फोरन,  à¤¨à¤®à¤• स्वादानुसार

विधि

बैंगन को अच्छे से धो लें। फिर छोटे टुकड़ों में काट लें। पैन में तेल गरम करें और उसमें पंच फोरन और सौंफ डालें। फिर बैंगन के टुकड़े डालें। फिर सभी मसालों को एक-एक करके डालें और धीमी आंच पर अचार को पकाएं। भले ही थोड़ी देर के लिए अचार को ढांक दें। बैंगन जब पक जाए तो पैन में सिरका और चीनी डालें। थोड़ी देर इन्हें चलाएं। अब यदि अचार तेल छोड़न लगे जाए तो गैस बंद कर दें। अब इसे ठंडा करके कांच की बोतल में भर लें।

केले के फूल का अचार

यह अचार असम में लोकप्रिय है और इसमें केले के फूल होते हैं, जो आयरन, कैल्शियम और अन्य मिनरल्स का एक समृद्ध स्रोत हैं। जबकि देश के कुछ अन्य हिस्से भी इस सुपरफूड केले के फूल का सेवन अचार के रूप में भी करते हैं।

सामग्री

1 केला फूल, 2 आलू, 5 हरी मिर्च, 1 नीबू, 3-4 चम्मच भुन कर पिसी हुई सफेद तिल, 1/2 चम्मच मेथी, 3 चम्मच सरसों का तेल, 1/2 चम्मच हल्दी, 1/2 चम्मच लाल मिर्च पाउडर, 1 चम्मच नमक

विधि

केला फूल की ऊपरी 5-6 परत को हटा दें। नरम वाले सफेद हिस्से को रख लें। इसे छोटे छोटे टुकड़ों में काट लें। नरम केले की कली वाले हिस्से के बीच की कड़ा वाली डंठल निकाल दें। पानी से धो लें जिससे सारा कालापन निकल जाए। कुकर में केला फूल, आलू,  ½ चम्मच नमक डाल कर मात्र 1 सिटी लगा लें। पानी से छान कर निकल लें। एक कड़ाही में तेल गर्म करें। इसमें  à¤®à¥‡à¤¥à¥€, हरी मिर्च, हल्दी, लाल मिर्च पाउडर डालकर तड़का तैयार करें। उबले हुए केला फूल आलू में तड़का डालें, पीसी हुई तिल और  à¤¨à¤®à¤• डालें अच्छी तरह से मिला लें। नीबू डाल कर फिर से अच्छी तरह मिला लें। अचार तैयार है।

कमल ककड़ी का अचार

हालांकि आपने मिक्स्ड वेजिटेबल के अचार के जार में लोटस स्टेम यानी कमल के तने के टुकड़े को देखा होगा, लेकिन यह जम्मू और कश्मीर का एक दुर्लभ और एक्जॉटिक पिकल है जिसमें केवल लोटल स्टेम्स होते हैं और परांठे के साथ खाने में स्वादिष्ट होता है।

सामग्री

500 ग्राम कमल ककड़ी. 1 टीस्पून अजवायन, दो चुटकी हींग, 1 टीस्पून सौंफ, ½ टीस्पून सौंफ, ½ टीस्पून काली मिर्च, 1 टीस्पून हल्दी, 1 टीस्पून धनिया, 200 ग्राम तेल, 2 नीबू का रस, 2 टीस्पून नमक

विधि

कमल ककड़ी को छिल लें। इसे धोने के बाद पतले-पतले टुकड़े काट लें। अब अक बर्तन में पानी भरकर उबाल लें। पानी उबलने लगे, तो इसमें कमल ककड़ी के टुकड़े डाल दें। इसे लगभग 3 – 4 मिनट उबलने दें। ध्यान रहे कि ये एकदम गले नहीं, बस नरम हो जाएं। नरम होने पर इसे उतार लें और पानी छान कर कमल ककड़ी के टुकड़ों को निकाल लें। इन्हें कपड़े पर डाल कर 2-3 घंटे सुखा लें। पानी की नमी न हो, इसका ध्यान रखें। अब पहले अजवायन, सौंफ, काली मिर्च और धनिया को दरदरा कूट लें। एक कड़ाही में तेल गरम करें और इसमें अजवायन, सौंफ, हींग डाल दें। जब मसाला अच्छी तरह भुन जाए तो गैस बन्द कर दें और इसमें कमल ककड़ी के टुकड़े डालें। इसमें नमक डालकर अच्छी तरह मिलाएं। ठंडे होने के बाद अचार में नीबू का रस डाल दें। कमल ककड़ी का अचार तैयार है।

टोपा कुलेर अचार (मीठा और खट्टा बेर का अचार)

लगभग हर बंगाली घर में बनने वाला यह लोकप्रिय अचार टोपा कुलेर से बनाया जाता है जो कि एक बेरी है। यह गुड़ और मसाले के साथ बनाए जाते हैं और चावल और करी के साथ बहुत अच्छे लगते हैं।

सामग्री

500 ग्राम बेरी/टोपा कुल (पका हुआ), पंच फोरन पाउडर आवश्यकतानुसार, ½ टीस्पून हल्दी पाउडर, 150 ग्राम गुड़, 2 टीस्पून सरसों का तेल, 1 टीस्पून लाल मिर्च पाउडर

विधि

बेरीज़ को धोकर साफ कर लें और मैश कर लें। नमक, हल्दी पाउडर और गुड़ डालकर अच्छी तरह मिला लें। इसे ढककर कुछ दिनों के लिए मैरिनेट होने के लिए अलग रख दें। सरसों का तेल, मिर्च पाउडर और पंच फोरन पाउडर डालें और धीमी आंच पर एक धागे की कंसिस्टेंसी प्राप्त होने तक पकाएं। कांच के जार / बोतल में स्टोर करें और किसी भी डिश के साथ महीनों तक इस्तेमाल किया जा सकता है।

ऑरेंज थोली अचार (संतरे के छिलके का अचार)

संतरे के छिलके आमतौर पर फालतू समझ कर फेंक दिए जाते हैं लेकिन साउथ इंडियन किचन में यह अचार बनाने के काम आते हैं।

सामग्री

1 कप संतरे का छिलका (छोटे टुकड़ों में कटा हुआ), 2 टीस्पून लाल मिर्च पाउडर, ¼ टीस्पून हींग पाउडर, ¼ टीस्पून मेथी पाउडर, 1 छोटी इमली, ¼ टीस्पून सरसों के दाने, 2 सूखी लाल मिर्च, एक गुच्छा करी पत्ता, ¼ कप पानी, नमक आवश्यकतानुसार, 2 टेबलस्पून तिल का तेल

विधि

इमली और ¼ कप पानी मिवाकर इमली का पल्प तैयार कर लें। एक पैन में तेल गर्म करें और राई डालें। जब राई चटकने लगे, तो सूखी लाल मिर्च और करी पत्ता डालकर एक मिनट तक भूनें। संतरे का छिलका डालें और 2 मिनट के लिए भूनें। इसके बाद इसमें लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, हींग पाउडर, मेथी पाउडर और नमक डालकर अच्छी तरह मिला लें। इसमें इमली का पल्प डालकर पानी में अच्छी तरह उबाल आने तक पकाएं। ठंडा होने पर एक सूखे और साफ जार में स्टोर करें। कर्ड राइस या प्लेन राइस के साथ सर्व करेँ।

चिकन अचार

पंजाब के फेमस अचार की बात की जाए तो चिकन का अचार टॉप करता है। नॉन वेजिटेरियन हैं और अचार खाने के शौकीन हैं, तो ये अचार ट्राय कर सकते हैं।

सामग्री

500 ग्राम चिकन

2 टी स्पून लाल मिर्च पाउडर

1 टी स्पून हल्दी पाउडर

5 टी स्पून विनेगर 

1½ टी स्पून सौंफ

1 टी स्पून राई

1 टी स्पून धनिया पाउडर

नमक स्वादानुसार

सरसों का तेल आवश्यकतानुसार

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चिकन को पानी से धोकर साफ करें और चाकू से काटकर मध्यम आकार के पीस करें। एक प्लेट में चिकन के पीस,एक छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, नमक और एक छोटा चम्मच विनेगर डालकर 20-25 मिनट के लिए रखें प्लेट के नीचे कुछ ऊंचा लगाकर रखें ताकि चिकन में से पानी नीचे की और आ जाए। एक पैन में सरसों का तेल डालकर गैस को मध्यम आंच पर चालू करें। तेल गर्म हो जाने पर चिकन के पीस डालकर तेज आंच पर 2-3 मिनट के लिए पकाकर एक प्लेट में निकाल लें। उसी पैन में राई, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, सौंफ और नमक डालकर चम्मच से मिलाकर फ्राई चिकन डालकर इसमें विनेगर डालकर 1-2 मिनट पकाकर गैस को बंद करें। अब ठंडा हो जाने पर एक साफ कांच के सूखे कंटेनर में भरकर फ्रिज में रखें। 2-3 दिन बाद सरसों का तेल डालें और चम्मच से निकालकर सर्व करें। इसे फ्रिज में रखकर 30-35 दिन खा सकते हैं।

कुंदरु का अचार

कुंदरू से स्वादिष्ट सब्जी व चटनी तो बनाई ही जाती है, पर इससे बना अचार भी बेहतरीन ज़ायके का होता है। यह अचार उत्तराखंड में प्रसिद्ध है। इस अनूठे अचार का स्वाद लिया जा सकता है।

सामग्री

250 ग्राम कुंदरु

2 टेबल स्पून सिरका

½ टी स्पून हल्दी पाउडर

2 टी स्पून मेथीदाना

2 टी स्पून पीली सरसों

2 टी स्पून सौंफ 

¼ कप सरसों का तेल

¼ टी स्पून हींग

1 टी स्पून लाल मिर्च पाउडर

नमक स्वादानुसार

विधि

पहले कुंदरु को पानी से धोकर अब चाकू से कुंदरु के डंठल काटकर लंबाई में चार भाग में काटे। नमक लगाकर 3-4 घंटे के लिए धूप में रखें। कुंदरु को एक छलनी डालकर जूस निकाल लें। इसे एक बोल में निकाल लें। एक पेन में मेथीदीना, पीली सरसों और सौंफ डालकर गैस को मध्यम आंच पर चालू करके चम्मच से चलाते हुए 2-3 मिनट के लिए भूनें। भूने मसाले ठंडे हो जाने पर मिक्सर के जार में पीसे। एक पेन में सरसों का तेल डालकर तेज गर्म करें और कटे कुंदरु, पीसे मसाले, हल्दी पाउडर, हींग, नमक और लाल मिर्च पाउडर डालकर चम्मच अच्छे से मिलाकर गैस को बंद करें। ठंडा हो जाने पर सिरका डालकर मिला लें और कुंदरु का अचार को ठंडा हो जाने पर कांच के साफ कंटेनर में भरकर रख दें। 

ओल/सुरन का अचार

बिहार का यह फेमस अचार वाकई यूनिक है। इसे ओल को सुरन या जिमीकंद भी कहते हैं।

सामग्री

500 ग्राम सुरन, 250 ग्राम छिली लहसुन, 250 ग्राम छिली अदरक, 250 ग्राम सरसों का तेल, 1 टी स्पून अजवाइन, 1 टी स्पून कलौंजी, नमक स्वादानुसार

विधि

सबसे पहले सुरन को छिलकर किसनी में किसकर 2-3 बार धोकर धूप में 1-2 दिन के लिए सूखा लें। ध्यान रहे कि सुरन को छिलते समय हाथों पर तेल लगा लें। मिक्सर में लहसुन, अदरक और हरी मिर्च को दरदरा पीस लें। एक बोल में सूखे सुरन, लहसुन अदरक और हरी मिर्च का पेस्ट, अजवाइन, कलौंजी, नमक और तेल डालकर चम्मच से अच्छे से मिला कर एयर टाइट कंटेनर में भरें।

नाशपाती का अचार

नाशपाती को आपने अभी तक फल के रूप में ही खाया होगा, लेकिन हिमाचल प्रदेश में इसका स्वादिष्ट अचार भी बनता है।

सामग्री

3 किलो कच्चे नाशपाती, 1 किलो सरसों का तेल, 250 ग्राम राई की दाल, 100 ग्राम सौंफ, 3 टेबल स्पून लाल मिर्च पाउडर, 3 टेबल स्पून अजवाइन पाउडर, 1 टेबल स्पून मेथीदाना दरदरा, 3 टेबल स्पून हल्दी पाउडर, 1 टी स्पून कशमिरीमिर्च पाउडर, 2 टेबल स्पून नमक

विधि

चाकू की मदद से नाशपाती के बीज निकाल लें और नाशपाती के थोड़े बड़े टुकड़े काट लें। काटे हुए नाशपाती को एक बर्तन में निकाल लें। सौंफ को मिक्सर के जार में मोटा-मोटा पीस लें। सबसे से पहले पीसी हुई सौंफ, लाल मिर्च, मेथीदाना पाउडर, अजवाइन, हल्दी पाउडर, कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर, राई की दाल और नमक डालें। एक चम्मच की मदद से अच्छे से मिलाएं ताकि सारे मसाले मिल जाएं। दूसरी तरफ, गैस पर एक बर्तन रखें और सरसों का तेल डालकर तेज गर्म करें। फिर इसे ठंडा होने दें। तेल ठंडा हो जाने पर आधा तेल एक बर्तन में निकाल कर अलग रख दें और बचे हुए तेल में तैयार मसाले डालकर हाथों से अच्छे से मिलाएं। एक चम्मच की मदद से अचार को कांच के जार में भरें। ध्यान रहे जार को पूरा न भरें। इसे थोड़ा खाली रखें और अब जो तेल एक बर्तन में निकाला था वह सरसों को तेल भी डाल दें।

बाँस करील अचार

सामग्री

500 ग्राम बाँस (करील), 250 ग्राम हरी मिर्च, 1 टी स्पून हल्दी पाउडर, 1½ टी स्पून नमक, 1 टेबल स्पून राई, 1 टी स्पून अजवाइन, 1 टेबल स्पून मेथी दाना, 1 टेबल स्पून सौंफ, ½ कप सरसों का तेल

विधि

करील के छिलके उतारकर किसनी से किस लें। इसे मिट्टी के बर्तन में 4-5 दिन के लिए ढ़ककर रखें, ताकि करील में अच्छे से खटाई चढ़ जाएं। कड़ाही में राई, अजवाइन, मेथी दाने और सौंफ डालकर गैस को धीमी आंच पर चालू करके भूनें। ठंडा हो जाने पर मिक्सर के जार में दरदरा पीसकर तैयार करें। एक बड़े बर्तन में किसे हुए करील निकालकर उसमें मसाले डालें। सबसे पहले हल्दी, नमक, तैयार अचार मसाला और सरसो का तेल डालकर हाथों से अच्छे से मिलाएं। अब करील में हरी मिर्च के बड़े-बड़े टुकड़े करके डालकर हाथों से मिलाएं। एयर टाइट सूखे कंटेनर में भरें और इसे 3-4 दिन के लिए धूप में रखें।

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