ब्रांड के तौरपर आज शेफ हरपाल सिंह सोखी एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें 2 वर्ष की आयु से लेकर 90 वर्ष के लोग इन्हें सोशल मीडिया, वेब और टीवी पर फॉलो करते हैं। इनकी मशहूर लाइन “नमक शमक नमक शमक डाल देते हैं, नमक शमक” और यह अब एक ऐसी लाइन है जिससे लोग हरपाल को पहचानते हैं। मुझे बहुत गर्व और ख़ुशी महसूस होती है जब लोग मुझे पहचानते हैं और में उन सभी लोगों का शुक्रिया ज्यादा करना चाहता हूँ जो मुझे हमेशा सहारा देते हैं। शेफ हरपाल सिंह सोखी को इंडो ऑस्ट्रेलियाई कल्चरल से विक्टोरियन कॉउंसिल ऑस्ट्रेलिया द्वारा नवाज़ा गया और अक्टूबर 2014 में AIII से ऑस्ट्रेलिया में भारतीय खाने और संस्कृति को प्रचार करने के लिए नवाज़ा गया। विश्वभर में भारतीय खाने को लोकप्रियता दिलाने के इनके सफर ने इन्हें विश्वभर में बहुत प्रसिद्धि दिलाई है। अपने इस सफर को और बेहतर बनाने के लिए इन्होंने कुछ शोध करने शुरू किये जिसमे इन्होंने ये खोज की कि भारतीय खाने का स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ सकता है। जैसे- किस प्रकार पकाने से खाने में पौष्टिकता बढ़ती है,कैसे सभी मसाले शरीर, दिमाग और आत्मा पर असर करते हैं, इन सभी जवाबों के साथ उन्होंने अपने सफर को आगे बढ़ाते हुए आयुर्वेद और खाने को एक साथ जोड़ा। शेफ हरपाल का मानना है की आज के समय में लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी सचेत रहते हैं तो ऐसे में अगर भारतीय खाने में आयुर्वेद हो तो खाने और स्वास्थ्य का तालमेल बेहतरीन होगा।
भारतीय खाने और अंतरराष्ट्रीय व्यंजन का कॉम्बिनेशन ऐसी चीज़ है जिसने खाद्य उद्योग में शेफ हरपाल को बहुत मशहूर बनाया है। ब्लैक करंट कुल्फी और कीवी का पन्ना, यह दो कुछ ऐसी डिशेज हैं जो इनकी विदेशी सृजन का उदहारण हैं और यह दोनों डिशेज इनके होटल ‘पैसेज टू इंडिया’ जो रीजेंट होटल मुम्बई की खास डिश मानी जाती है। यह काफी फेमस है। उत्तरी भारत में पले बढ़े शेफ हरपाल को गाने बहुत पसन्द है। यह अंग्रेजी भाषा में बहुत सहज हैं और साथ ही इन्हें 5 अलग अलग तरह की भाषाएं हिंदी, पंजाबी, उड़िया, बंगाली और तेलगू बहुत अच्छी तरह से आती है। इन्होंने अपनी ग्रेजुएशन भुवनेश्वर में कैटरिंग स्कूल से पूरी की। इन्होंने अपने शुरुआती कुछ साल विदेशी व्यंजन सिखने में बिताए लेकिन बाद में इन्हें एहसास हुआ की इनकी असली दिलचस्पी भारतीय खाने में ही है।
जब आप खुद का नाम बना लेते हैं तो, आप चाहते हैं की आप किसी तरह अपने काम को एक बिज़नेस मॉडल में बदल सकें ताकि ज़्यादा से ज़्यादा अवसर आपकी तरफ आ सके। यही वजह है की शेफ हरपाल ने टीवी की दुनिया को छोड़कर ऐसे क्षेत्रों में काम करने का सोचा जिसमे वो अपनी कला को आज़मा सकें। हरपाल ने शुरू के कुछ साल तक टीवी पर अपना जलवा दिखाया। लेकिन इसके बाद शेफ हरपाल ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट- टर्बन तड़का की शुरुआत की। टर्बन तड़का एक ऐसी कंपनी है जो टीवी, डिजिटल प्लेटफार्म और अन्य चीज़ों में काम करता है। इस कम्पनी के 3 शोज़ हैं और यह तीनो ही आपको अलग और खास चीज़ें दिखाता है। टर्बन तड़का के अलावा, इनका एक ट्रेवेलॉग देश का स्वाद भी है और साथ पंजाब टेलीविज़न नेटवर्क के लिए पंजाब दे सुपर शेफ नाम का भी एक प्रोग्राम भी है। यह दोनों शो टर्बन तड़का और पंजाब दे सुपर शेफ सीजनल प्रोग्राम हैं।
देश का स्वाद में सोखी भारत में अलग अलग शहरों में खाने की तलाश करते हैं। हर एक सीजन में 13 एपिसोड होते है और सभी 13 शहर पहले से तय किये जाते हैं। अगला सीजन इस साल सितम्बर में शुरु होगा। वो हर शहर में जाकर वहां का लोकप्रिय खाना चखते हैं। फिर चाहे वो किसी होटल का खाना हो, स्ट्रीट फ़ूड या फैमिली किचन का खाना हो। इस खाने को चखने के बाद हरपाल फ़ूड ट्रक में आकर उस डिश में उपयोग की गयी सामग्रियों के साथ एक नई डिश बनाते हैं और अपने श्रोताओं के लिए एक खास और नई डिश पेश करते हैं।
इनके तीसरे प्रोग्राम पंजाब दे सुपर शेफ के लिए यह पंजाब में से खाना पकाने वाले लोगों को बुलाते हैं और उनमे से 13 खास डिशेस को चुनकर उन लोगों से उन्ही की किचन में खाना पकवाते हैं। उनका कहना है “पंजाबी खाना सब जगह मशहूर है और मेरा मानना है की सब में कहीं न कहीं एक शेफ मौजूद है। इस प्रोग्राम के ज़रिये हम ऐसे सभी लोगों का सम्मान करना चाहते हैं (खासकर महिलाओं का) और चाहते हैं की वे सब अपनी रसोई से निकलकर अपनी कला को पूरी दुनिया के आगे दिखा सकें।” हरपाल का ये भी कहना है कि अगले सीजन में वो गाँव में जाकर ऐसे ही स्वाद ढ़ूढेंगे। इस साल हरपाल सिंह झलक दिखलाजा में भी एक प्रतिभागी के रूप में नज़र आएंगे। हरपाल जिन्हें ‘एनर्जी शेफ ऑफ़ इंडिया’ के नाम से जाना जाता था, अब उन्हें ‘डांसिंग शेफ ऑफ़ इंडिया’ के नाम से भी जाना जायेगा। यह शो कलर्स पर 30 जुलाई से शुरू होगा।
जब हमने इनसे पूछा की वो झलक पर किस तरह से आए तो इन्होंने बताया की जब वे छोटे थे तो वे बहुत शर्मीले किस्म के थे लेकिन इनके पिता हमेशा इन्हें नाचने गाने के लिए प्रोत्साहित किया करते थे, जैसे जैसे वे बड़े होते गए नाचने में इनकी रूचि बढ़ती गयी, यही कारण है की आप इन्हें अपने शो पर नमक शमक नमक शमक डाल देते हैं पर नाचते और गाते हुए देखते हैं। शेफ हरपाल कहते हैं “मैंने आजतक जो भी अपने जीवन में प्राप्त किया है मैं उससे बहुत खुश हूँ और मैं भगवान का शुक्रियादा करना चाहता हूँ की उन्होंने मुझे इतनी क्षमता दी की मैं दुनिया के सामने खुद को साबित कर सकूँ।”
