Pakhal Bhaat: भारत के कई हिस्सों में चावल खाने की बहुत परंपरा है। ऐसा इसलिए क्योंकि वहां पर चावल एक प्रमुख फसल है। यही वजह है कि स्वाद को बदलने के लिए आपको वैराइटी भी मिलेगी। एक और चीज जो देखने में आती है कि हम भारतीय अपने भोजन का सम्मान करते हैं और उसे बर्बाद नहीं करना चाहते। तभी तो हम भारतीय लोगों पुराने बचे हुए बासी खाने में माहिर हैं। ऐसे ही स्वाद की एक बानगी है ओडिशा का पारंपरिक भोजन ‘पखाल भात’। इसे पांता भात गील भात, पजहया साधम या पखाला भात जैसे कई दूसरे नामों से भी जाना जाता है।

यह हमेशा से ही सेहत और पेट से जुड़ी समस्याओं से लड़ने के लिए काफी अच्छा माना जाता रहा है। इसे बनाने के लिए आपको पाककला में निपुण होने की आवश्यकता नहीं है। बस अगर आपको कुछ हल्का खाने का मन है तो यह रेसिपी बेहतरीन है। एक और खास बात है कि यह पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर में प्रसाद के रूप में तैयार किए जाने वाला छप्पण भोग है। पखाल भात को बासी चावल या ताजे पके हुए चावलों से बनाया जाता है। इतना ही नहीं पखाल भात के साथ तरह-तरह की भाजी भी बनाई जाती है, जो पखाल भात के स्वाद को दुगना कर देती हैं। चलिए जानते हैं पखाल भात कैसे बनाया जाता है।
सामग्री
1 कप- बासी या ताजे चावल
आधा कप- दही
1 चौथाई चम्मच-राई
1 – सूखी लाल मिर्च
6 से 7 – करी पत्ते
नींबू-आधा
नमक या गुड़-स्वादानुसार
विधि
- एक कटोरी बासी चावल या ताजे चावलों को एक भगोना पानी में रातभर भिगोकर रख दीजिए।
- रातभर भीगने की वजह से चावलों में खमीर आ जाएगा।
- खमीर आए चावलों में आधा कटोरी दही मिलाएं।
- अब इसमें राई, कड़ी पत्ते और सुखी लाल मिर्च का तड़का लगाएं।
- अपने स्वाद के अनुसार इसमें नमक, नींबू और मीठा (अगर आपको पसंद है) मिलाएं।
भाजी बढ़ाती हैं पखाल का स्वाद

पखाल भात को तरह-तरह की भाजियों, अचार और सलाद के साथ खाया जाता है। इसके साथ मसाला बेंगन, प्याज-मिर्च और निम्बू का कच्चा सलाद, आलू की भाजी, भिंडी की भाजी, सूखा साग, तले हुए बेंगन, पापड़, सूखे तले हुए परवल और आलू का चोखा जो पखाल भात के स्वाद को कई गुना बढ़ा देता है।
पखाल दिवस होता है सेलिब्रेट
उड़ीसा में हर साल 20 मार्च को पखाल दिवस का आनंद पखाल भात खाकर लिया जाता है। चाहे अमीर हो या गरीब हर उड़िया को यह पसंद है। बरसों से यह व्यंजन वहां की रसोईयों में राज करता रहा है। पखाल भात वहां की संस्कृति को जानने का एक जरिया है। अक्सर लोग जब पखाल भोज के लिए एक-दूसरे को आमंत्रित करते हैं तो उसके साथ आलू का भर्ता, टमाटर की चटनी, बड़ी का चूरा, झींगा मछली, करेले के चिप्स के साथ अचार और चटनी भी परोसी जाती है। इसके साथ कुमड़ा के फूल के पकौड़े भी लोग आनंद लेकर खाते हैं। यानी कह सकते हैं कि पखाल भात तो सिर्फ बहाना है इसके जरिए आप वहां के स्वाद की गलियों का आनंद ले सकते हैं।