गजक… आइए-आइए सर्दियों का खस्ता मीठा स्वाद पाइए। मेरठ की मशहूर रेवड़ियों को चखिए। सर्दियां आते ही बाजार में ठेले वालों से ये आवाज आपके कानों में गूंजती है। दुकानों पर बड़े-बड़े पोस्टर लगे होते हैं मेवों से युक्त खुशबूदार गजक और रेवड़ियों के। सर्दियां आते ही ये देसी मिठास आपके मुंह में घुलने को बेताब रहती है। हर मिठास दिल के करीब होती है लेकिन कुछ मिठास ऐसी होती हैं जो सीजनल और देसी होती हैं। लेकिन क्या आपने सर्दियों की कुछ खास देसी मिठाईयों के बारे में सोचा है।

हां भई हां, ये वही स्वाद है जो बरसों से चला आ रहा है। सर्दियों की मिठास गुड़पट्टी, रेवड़ी और गजक के साथ। गुड़ में लिपटी मूंगफली या फिर तिलकुट की खुशबू, चिक्कियां सर्दियों में देर रात तक ठेले पर ये जायके बखूबी देखे जा सकते हैं। पता नहीं ऐसा क्या है इस जायके में। हम मिठाई का एक छोटा सा टुकड़ा भी खाने से डरते हैं लेकिन इसके बड़े से बड़े टुकड़े खाते वक्त कैलोरी की जरा भी चिंता नहीं होती। शायद इसलिए क्योंकि हम गुड़ के गुणों को जानते हैं साथ ही मूंगफली, तिल वगैरह की खूबियां पहचानते हैं।

लाख मिठाइयों के मौजूद होने के बाद भी ये देसी मिठास सभी के दिलों के करीब हैं शायद उनके भी जो मीठे के शौकीन नहीं। 

ये गजक, रेवड़ियां सर्दियों की मीठी शान होती हैं तो कई लोग इसकी खूबियों से अंजान हैं। ऊंचे तबके के कुछ लोग काजू कतली, मावा, रशोगुल्ला में डूबे रहते हैं जबकि एक बड़ा वर्ग इस जायके के लिए बेताब रहता है। उनके लिए सर्दियों में पहली पसंद है ये जायका। सच कहूं तो मैंने ऐसे कई बड़ी महंगी कार वाले लोग भी देखे हैं जो ठेले के किनारे गाड़ी खड़ी करके गजक, पट्टी का लुत्फ लेते हैं। भई लें भी क्यों ना। गुड़ के साथ तिल की ताल से दिल में मिठास जो घुलती है।

खुशबूदार गजक सर्दियों में हेल्थ और टैस्ट का बेहतरीन जायका है। तिल और गुड़ के अलावा कई स्वास्थ्यवर्धक चीजों से तैयार गजक सर्दियों में आपको गर्म रखता है। तरह-तरह की खुशबूदार और जायकेयुक्त गजक मेरठ में बनायी जाती हैं। यहां तैयार की जाने वाली गजक और रेवड़ी देश ही नहीं विदेशों तक में अपने स्वाद के लिए जानी जाती है। राजस्थान के ब्यावर में तिल से बनी हुई  रेवड़ी, लड्डू, गजक भी काफी पसंद किए जाते हैं। यहां गुड़ व शक्कर दोनों की ही गजक बनाई जाती है हालांकि ज्यादातर लोगों को गुड़ से बनी गजक ही पसंद आती है। गजक का जिक्र हो और मुरैना छूट जाए ऐसा कैसे हो सकता है। क्रिकेट में सुरेश रैना और मिठास में मुरैना का जबाव नहीं। मुरैना के गजक लाजबाव होती है। गजक में इस्तेमाल किए गए ड्राईफ्रूट की बात ही निराली है।

मीठे करारे गजक के कुछ दीवाने तो गजक बनाने वालों को स्पेशली ऑर्डर देकर अपनी पसंद के अनुसार ढेर सारी सामग्री डलवाकर बनवाते हैं। ये देसी मिठास जहां स्वाद के लिए मशहूर है वहीं यह मकर संक्रांति और लोहड़ी की परंपरागत मिठाइयों में शामिल है। इसके बिना यह त्योहार अधूरे हैं। लाई से जहां हम झालमूड़ी का नमकीन स्वाद लेते हैं वहीं गुड़ के साथ लाई के लडडू को खाकर जो मजा आता है वह चाशनी में डूबी मिठाई से भी नहीं मिलता।

सर्दियों की धूप सेंकते हुए गजक, तिलपट्टी, मूंगफली पट्टी, रेवड़ियां एक तरह से स्नैक्स की तरह ही होती हैं। ये अलग बात है कि आप इसे बाकी मिठाइयों की तरह भले ही बहुत ज्यादा ना खा सकें लेकिन इतना भी तय है कि इस देसी मिठाई को आप बाकी मिठाईयों से ज्यादा तरजीह देंगे। मिलावट के इस दौर में जहां खोया, मावा को लेकर तरह-तरह की खबरें देखते हैं वहां मिठास का ये तरीका आपकी चिंता को दूर कर सकता है। हालांकि सजग रहने की गुंजाइश यहां भी बनी रहती है। कुछ गजक, पट्टी, रेवड़ियां, चिक्की को खाते ही आप उसमें किरकिरापन पाते हैं तो उसे दुकानदार से बदल दें।

यह भी पढ़ें –बची हुई रोटी से बनाएं 5 टेस्टी इवनिंग स्नैक्स