जानिए लोहड़ी पर्व से जुड़ी कुछ रोचक बातें: Interesting Facts About Lohri
Interesting Facts About Lohri

Interesting Facts About Lohri: लोहड़ी का पर्व मकर संक्रांति की दस्तक लेकर आता है। साथ ही जोश और उत्साह भी। पांच दरियाओं की धरती पंजाब के खास पर्व लोहड़ी की धूम देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब होती है। जनवरी की सर्दी में आग की ताप के बीच मूँगफली, मक्का और गजक की महक इस पर्व में चार चांद लगा देती है। कहीं गिद्दा और भांगड़ा होता है तो कहीं झोली भराई की रस्म। पंजाबी पकवान, पंजाबी पहनावा, पंजाबी लोकनृत्य इस दिन को और भी खास कर देता है।

Facts About Lohri: लोहड़ी पर्व से जुड़ी जानिए ऐसी ही कुछ रोचक बातें…

Interesting Facts About Lohri
Facts About Lohri
  • लोहड़ी का पर्व मकर-संक्रांति से एक दिन पहले यानी 13 जनवरी को मनाया जाता है।
  • खासतौर पर पंजाब, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में लोहड़ी की सबसे ज्यादा धूम रहती है।
  • शादी के बाद जिनकी पहली लोहड़ी होती है या जिनके घर संतान का जन्म होता है उनके लिए लोहड़ी का त्योहार बड़ा खास होता है।
  • लोहड़ी पर लड़कियों को उपहार देने की भी एक खास प्रथा है। मायके से लड़की के लिए कपड़े, ज्वैलरी, मिठाई आदि आती है।
  • इस पर्व की सबसे खास बात यह है कि इस दिन बच्चें लोग टोलियां बनाकर घर-घर जाते है, लोहड़ी के गीत गाते हैं और शाम के लिए लकड़ियां और मिठाईयां इकट्ठा करते हैं।
  • लोहड़ी के त्योहार में अग्नि देव की पूजा की जाती है। शाम के वक्त लकड़ियां इक्ट्ठा कर खुले स्थान पर आग जलायी जाती है। सर्दी के मौसम में अलाव की ताप सभी को राहत देती है।
  • घर महिलाएं अपने छोटे बच्चों को गोद में लेकर लोहड़ी की आग तपाती हैं। माना जाता है कि इससे बच्चे का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। और बुरी नजरों से रक्षा होती है।
  • ढोल-नगाड़ों की थाप पर लोग भांगड़ा कर नाचते-गाते हैं और जश्न मनाते हैं।
  • लोहड़ी को मकर संक्रांति के आगमन की दस्तक भी कहा जाता है। क्योंकि इस दिन साल की सबसे लम्बी आखिरी रात होती हैं इसके अगले दिन से धीरे-धीरे दिन बढ़ने लगता है।
  • तिल, गजक, गुड़, मूंगफली, रेवड़ी और मक्का के दाने, लोहड़ी के प्रतीक हैं जिसे प्रसाद के तौर पर लोग एक दूसरे को बांटते हैं और लोहड़ी की शुभकामनाएं देते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, इस मौसम में इन चीजों का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक समझा जाता हैं।
इस प्रकार लोहड़ी का पर्व समाज और पर्यावरण के अलावा स्वस्थ शरीर का भी वरदान देता है। इससे लोकपरंपराएं और पुरानी सांस्कृति जीवित रहती हैं जो हमें हमारी जड़ों से जोड़े रखते हैं।