Shefali Jariwala's Unfulfilled Dream
Shefali Jariwala's Unfulfilled Dream

Overview: मां बनने की प्रबल इच्छा: शेफाली जरीवाला की बेटी गोद लेने की दिली ख्वाहिश

बचपन से ही शेफाली जरीवाला एक बेटी गोद लेने का सपना देखती थीं। परिवार की शुरुआती हिचकिचाहट और कानूनी चुनौतियों के बावजूद, उनका लक्ष्य हमेशा एक बच्ची को प्यार भरा घर देना रहा।

Shefali Jariwala’s Unfulfilled Dream : अभिनेत्री और ‘बिग बॉस 13’ की मशहूर प्रतियोगी शेफाली जरीवाला का 42 वर्ष की कम उम्र में निधन हो गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, उनका निधन कार्डियक अरेस्ट के कारण हुआ। उनके प्रशंसक और दोस्त इस अप्रत्याशित क्षति से सदमे में हैं। ऐसे में, उनके जीवन से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य सामने आ रहे हैं जिनकी जानकारी बहुत कम लोगों को थी, खासकर उनकी व्यक्तिगत आकांक्षाओं के बारे में। ऐसा ही एक सपना जो शेफाली के दिल के बेहद करीब था, वह था एक बच्चे को गोद लेने की उनकी प्रबल इच्छा।

बचपन से ही थी गोद लेने की अनूठी इच्छा

शेफाली जरीवाला ने ‘बॉलीवुड लाइफ’ को दिए एक इंटरव्यू में खुलकर माँ बनने की अपनी इच्छा व्यक्त की थी। उन्होंने बताया, “यह कुछ ऐसा है जो मेरे अंदर सालों से पनप रहा है।” शेफाली ने यह भी खुलासा किया कि यह विचार उनके मन में तब आया था जब वह केवल 10 या 12 साल की छोटी बच्ची थीं। वह कहती थीं, “मैंने तब से इसे अपने दिल में संजो कर रखा है।” उन्हें हमेशा से यह विचार बहुत पवित्र और सुंदर लगता था कि वे उन बच्चों को एक घर और प्यार दे सकें जिन्हें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।

पति पराग त्यागी का पूर्ण समर्थन

शेफाली ने समझाया था कि इतना बड़ा निर्णय लेने के लिए यह बेहद ज़रूरी था कि वह और उनके पति पराग त्यागी इस मुद्दे पर एक ही राय रखें। उन्होंने साझा किया कि ‘बिग बॉस 13’ के घर में बिताए समय ने पराग को एक परिवार शुरू करने के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया था। इस शो के दौरान भी उन्होंने खुले तौर पर अपनी इच्छा के बारे में बात की थी, जिसने शायद पराग को इस विचार पर गंभीरता से सोचने के लिए प्रेरित किया। पराग ने हर कदम पर अपनी पत्नी का पूरा साथ दिया, जिससे शेफाली को इस सपने को पूरा करने की हिम्मत मिली।

Shefali Jariwala's Unfulfilled Dream
Shefali Jariwala’s Unfulfilled Dream

गोद लेने की प्रक्रिया में आने वाली चुनौतियाँ

‘कांटा लगा’ गाने से अपनी पहचान बनाने वाली शेफाली ने एक बार साझा किया था कि गोद लेना कुछ ऐसा था जिसकी उन्हें गहरी इच्छा थी, हालांकि वह जानती थीं कि “गोद लेने की राह आसान नहीं है।” उन्होंने इस प्रक्रिया में आने वाली चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया:

जटिल कानूनी प्रक्रियाएँ: उन्होंने कहा था, “बहुत सारे कानून हैं।” भारत में गोद लेने की प्रक्रिया काफी जटिल है, जिसमें कई कानूनी औपचारिकताओं से गुज़रना पड़ता है।

हर पहलू की जाँच: अधिकारी हर पहलू की गहनता से जाँच करते हैं, जिसमें एक युगल के विवाह की स्थिरता से लेकर उनके स्वास्थ्य तक शामिल होता है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि बच्चा एक स्थिर और सुरक्षित वातावरण में पले-बढ़े।

कागज़ी कार्यवाही और परामर्श: शेफाली ने बताया था कि इसमें “बहुत सारे कागजी काम और परामर्श भी होता है।” आवेदकों को कई दस्तावेज़ जमा करने पड़ते हैं और उन्हें पेशेवर परामर्शदाताओं के साथ बातचीत करनी पड़ती है।

भावनात्मक और मानसिक तैयारी: उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि यह एक भावनात्मक यात्रा है। “आपको अन्य माता-पिता से बात करनी पड़ती है। ऐसे कई लोग हैं जो आखिरी मिनट में ही पीछे हट सकते हैं।” यह दर्शाता है कि इस प्रक्रिया के लिए मानसिक और भावनात्मक रूप से तैयार रहना कितना महत्वपूर्ण है।

परिवार का विरोध

शेफाली ने यह भी बताया था कि शुरुआत में उनके परिवार ने, खासकर उनके पिता ने, उनके गोद लेने के फैसले का समर्थन नहीं किया था। उनके पिता का तर्क था कि उन्हें पहले अपना जैविक बच्चा पैदा करना चाहिए और फिर वे दूसरा बच्चा गोद लेने के बारे में सोच सकते हैं। हालांकि, शेफाली का मानना था कि समय के साथ उनके माता-पिता उनके फैसले को समझेंगे और उनका साथ देंगे। उन्हें उम्मीद थी कि उनका परिवार उनकी इस नेक इच्छा को अंततः स्वीकार कर लेगा।

बेटी को गोद लेने की थी चाहत

गोद लेना शेफाली जरीवाला के दिल के करीब तब से था जब वह मशहूर भी नहीं हुई थीं। उन्होंने एक बार साझा किया था कि COVID-19 लॉकडाउन के कारण गोद लेने की प्रक्रिया में देरी हुई थी, और औपचारिकताएं पूरी होने में आमतौर पर सालों लग जाते हैं। अभिनेत्री ने विशेष रूप से एक बेबी गर्ल को गोद लेने की इच्छा व्यक्त की थी। उनका मानना था कि माता-पिता के साथ बेटी का रिश्ता बहुत खास होता है, ठीक वैसा ही गहरा बंधन जैसा उनका अपने माता-पिता के साथ था। उन्हें विश्वास था कि जिस बच्ची को उनके लिए नियत किया गया है, वह एक दिन उनके घर और दिल में अपनी जगह ज़रूर बनाएगी।

एक नेक पहल और समाज को संदेश

लोकप्रियता हासिल करने के बाद भी, शेफाली गोद लेने की अपनी इच्छा पर दृढ़ रहीं। उन्होंने कहा था, “अपने जीवन में, मैं उस प्यार और सौभाग्य को वापस देना चाहती हूं जो मुझे मिला है। मैं अपना आशीर्वाद साझा करना चाहती हूं।” वह समाज को यह संदेश देना चाहती थीं कि गोद लेना बुरा नहीं है, और यह कोई वर्जित नहीं है (It is not taboo)। उनका मानना था कि “बहुत से बच्चों को प्यार और देखभाल वाले घरों की ज़रूरत है,” और यदि वह ऐसा घर प्रदान कर सकती हैं, तो यह उनका कर्तव्य है। उनकी यह सोच समाज में गोद लेने के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने वाली थी।

शेफाली जरीवाला का यह सपना भले ही अधूरा रह गया, लेकिन उनकी इस नेक इच्छा ने निश्चित रूप से कई लोगों को गोद लेने के महत्व और ज़रूरतमंद बच्चों को एक सुरक्षित भविष्य देने के बारे में सोचने के लिए प्रेरित किया है।

मैं रिचा मिश्रा तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट...