Juhi Chawla IPL Team: साल 2007 में जब इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल की नींव रखी गई, तब बहुत कम लोग थे जो इसके भविष्य को लेकर आश्वस्त थे। सबके मन में सवाल था कि क्या यह मॉडल चलेगा भी या नहीं। लेकिन बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान ने इसे एक अवसर की तरह देखा और इस नए क्रिकेट मंच में कदम रखा। उन्होंने ‘कोलकाता नाइट राइडर्स’ नाम की टीम खरीदी और इस फैसले में उनके साथ थीं उनकी करीबी दोस्त और फिल्मी पार्टनर जूही चावला और उनके पति जय मेहता।
शाहरुख के साथ जय मेहता जैसे अनुभवी उद्योगपति का होना इस साझेदारी को और दिलचस्प बना गया। तीनों ने मिलकर केकेआर को खरीदा और क्रिकेट की दुनिया में एक नई ग्लैमर से भरी शुरुआत की। टीम भले ही पहले कुछ सालों में मैदान पर ज्यादा नहीं चमकी, लेकिन इसकी चर्चा मीडिया में बराबर बनी रही। उस समय बहुत से लोगों को यह एक जोखिम भरा फैसला लगा, खासकर जय मेहता के लिए, जो खुद उस वक्त अपने व्यापारिक जीवन के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे थे।
मुझे तो यह करना था
हाल ही में जय मेहता ने ‘इंस्टिट्यूट फॉर मैनेजमेंट डेवलपमेंट’ के यूट्यूब चैनल पर एक बातचीत में उस समय को याद किया। उन्होंने कहा, “उसी समय जब हमारे अपने व्यापार में भी मुश्किलें चल रही थीं, मुझे क्रिकेट में निवेश करने का मौका मिला। सभी लोगों ने कहा, तुम पागल हो गए हो। लेकिन मैंने कहा, मुझे इस पर विश्वास है, मैं ये करना चाहता हूं।” कोलकाता नाइट राइडर्स की कीमत उस समय 75 मिलियन डॉलर थी। बहुत से लोग इस सौदे के दस्तावेज़ पढ़ तो रहे थे, लेकिन कोई भी उसका असली बिजनेस मॉडल नहीं समझ पा रहा था। जय मेहता ने बताया कि उन्होंने देखा कि ये एक कैश फ्लो आधारित मॉडल है। यानी हर साल इसमें कमाई की एक स्थाई संभावना है। उन्होंने क्रिकेट को सिर्फ एक खेल की तरह नहीं देखा, बल्कि एक कमर्शियल एसेट के रूप में पहचाना। उनका विश्वास था कि आने वाले समय में भारत में क्रिकेट उतना ही बड़ा कारोबार बनेगा जितना अमेरिका में फुटबॉल या यूरोप में सॉकर है।
कर्ज ले जाता है बर्बादी की ओर
उस वक्त 75 मिलियन डॉलर बहुत बड़ी रकम थी, लेकिन जय मेहता को लगता था कि भविष्य के मुकाबले में ये रकम बहुत ही छोटी है। केवल निवेश तक सीमित न रहते हुए जय मेहता ने इस बातचीत में अपने कारोबारी अनुभवों से जुड़े कुछ ईमानदार सबक भी साझा किए। उन्होंने माना कि एक समय ऐसा भी आया था जब उन्होंने अपने व्यापार में अत्यधिक कर्ज़ ले लिया था और वो कर्ज़ उन्हें लगभग बर्बादी की ओर ले गया। इस अनुभव से उन्होंने सीखा कि किसी भी बिजनेस में कर्ज़ को संभालना सबसे ज़रूरी होता है। इसके अलावा उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि हर बिजनेस को चलाने के लिए एक मज़बूत टीम की ज़रूरत होती है। उन्होंने यह भी कहा कि खुद को हमेशा बदलती दुनिया के हिसाब से अपडेट रखना जरूरी है। उन्होंने सलाह दी कि हमेशा सबसे योग्य लोगों को काम पर रखना चाहिए और नई जानकारी लेते रहना चाहिए।
तीन ट्रॉफी है केकेआर के पास
आज कोलकाता नाइट राइडर्स सिर्फ एक टीम नहीं, बल्कि आईपीएल की सबसे सफल फ्रेंचाइजियों में से एक है। ये वही टीम है जिसे कभी सिर्फ उसकी स्टार पावर के लिए जाना जाता था, मगर आज वही टीम तीन बार आईपीएल की ट्रॉफी जीत चुकी है। जय मेहता के लिए यह 75 मिलियन डॉलर का जुआ नहीं, बल्कि एक समझदारी से भरा फैसला साबित हुआ जिसने खेलों में निवेश की परिभाषा ही बदल दी।
