Summary: नींद में भी करती हैं बिज़नेस! महिला ने दिखाई अनोखी स्ट्रेटजी
न्यूयॉर्क की एक महिला ने Lucid Dreaming तकनीक से सपनों में भी काम करना सीख लिया है। इस अनोखे तरीके से उन्होंने करोड़ों की कंपनी खड़ी कर ली, लेकिन वैज्ञानिक इसके दुष्प्रभावों को लेकर चेतावनी भी दे रहे हैं।
New York City Entrepreneur: न्यूयॉर्क की एक महिला इंटरप्रेन्योर इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा में है। इस महिला का कहना है कि वह दिन के पूरे 24 घंटे काम करती हैं, यहां तक कि जब वो सोती हैं तब भी। दरअसल, उन्होंने Lucid Dreaming नाम की एक खास तकनीक सीख ली है, जिससे वो अपने सपनों में भी खुद को काम करते हुए महसूस करती हैं। वो कहती हैं कि जब कोई काम का मुश्किल सवाल आता है, तो उसका हल उन्हें नींद में ही सूझ जाता है।
क्या होता है Lucid Dreaming?
लुसिड ड्रीमिंग (Lucid Dreaming) का मतलब होता है, ऐसा सपना जिसमें आपको पता रहता है कि आप सपना देख रहे हैं। इस दौरान आप अपने सपने को कंट्रोल भी कर सकते हैं और चाहें तो उसमें बदलाव भी कर सकते हैं। कई लोग इसे अपने-आप अनुभव करते हैं, जबकि कुछ लोग इसे सीखते हैं, जैसे –
सपना देखने के बाद उसे लिखना (Dream Journal)
दिन में बार-बार खुद से पूछना “क्या मैं सपना देख रहा हूं?”
या फिर एक खास नींद वाली ट्रिक जिसे MILD टेक्निक कहते हैं।
एंड्रयू युंग ने बताया महिला का किस्सा
पूर्व Google और Meta कर्मचारी एंड्रयू युंग (Andrew Yeung) ने इस महिला की कहानी X (Twitter) पर साझा की। उन्होंने लिखा, “मैं एक फाउंडर से मिला जो कहती हैं कि वो 24 घंटे काम करती हैं। मजाक नहीं, उन्होंने खुद को Lucid Dream करना सिखाया है ताकि वो सोते हुए भी काम की दिक्कतें सुलझा सकें।”
युंग ने बताया कि इस महिला की कंपनी ने कई मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है और अब कई दर्जन लोगों की टीम उनके साथ काम कर रही है। उन्होंने मजाक में लिखा, “सैन फ्रांसिस्को वाले 9 से 9, 6 दिन काम करते हैं (996), लेकिन न्यूयॉर्क वाले 24 घंटे तैयार रहते हैं।”
I just met a founder who told me she works 24 hours a day. I’m not joking.
— Andrew Yeung (@andruyeung) October 10, 2025
She’s taught herself how to lucid dream so she can solve important work problems in her sleep.
It’s working though, she recently raised tens of millions of dollars and hired a few dozen people.
San…
सोशल मीडिया पर मचा बवाल
यह पोस्ट वायरल होते ही लोग हैरान हो गए। किसी ने इसे प्रेरणादायक बताया, तो किसी ने कहा, “यह कभी हुआ ही नहीं”. कुछ यूजर्स ने मजाक किया, “अब अगला कदम यह होगा कि वह सपनों में समय धीमा कर दे, ताकि दिन में 30-40 घंटे काम कर सके।”
एक ने कहा, “मैंने खुद Lucid Dream किया है, लेकिन उसमें सच्ची नींद नहीं आती। बिना नींद लिए कोई प्रॉडक्टिव नहीं रह सकता।” कई लोगों ने इसे “बकवास आइडिया” बताया, जबकि कुछ ने कहा, “यह उतना ही डरावना है जितना दिलचस्प।”
वैज्ञानिक क्या कहते हैं?
डॉक्टरों के अनुसार, Lucid Dreaming के समय हमारा दिमाग का वो हिस्सा जो सोचने और निर्णय लेने का काम करता है (Prefrontal Cortex) ज़्यादा एक्टिव हो जाता है। जिन लोगों को अपनी सोच और भावनाओं पर कंट्रोल होता है, उनमें ऐसे सपने ज़्यादा आते हैं।
लेकिन लगातार ऐसा करने से दिमाग थक सकता है और नींद की क्वालिटी भी खराब होती है। यानी सपनों में काम करना उतना आसान नहीं जितना सुनने में लगता है।
क्या सफलता के लिए आराम छोड़ना ज़रूरी है?
यह कहानी फिर वही सवाल उठाती है, क्या कामयाबी पाने के लिए नींद और आराम की कुर्बानी देनी चाहिए? कुछ लोग कहते हैं कि “ज़्यादा काम = ज़्यादा सफलता”, जबकि दूसरे मानते हैं कि संतुलन ही असली कुंजी है।
