ऑस्‍कर जीतने वाली ‘द एलीफैंट विस्‍पर्स’ की क्या है कहानी: The Elephant Whisperers
The Elephant Whisperers Story

The Elephant Whisperers: ऑस्‍कर 2023 भारत के लिए हमेशा यादगार रहने वाला है। इस साल जहां आर आर आर के ‘नाटो नाटो’ ने जीत हासिल की वहीं बेस्‍ट डॉक्‍यूमेंट्री शार्ट कैटेगरी में ‘द एलिफैंट विस्‍पर्स’ ने ऑस्‍कर की ट्राफी हासिल की है। है। ‘द एलीफैंड विस्परर्स’ के साथ अन्‍य शॉर्ट डॉक्यूमेंट्रीज़ जो नॉमिनेटेड थीं वो हैं ‘द मार्था मिशेल इफेक्ट’, ‘हॉलआउट’, ‘स्ट्रेंजर ऐट द गेट’ और ‘हाव डू यू मेज़र अ ईयर’। पहली बार किसी इंडियन फिल्म ने इस कैटेगरी में ऑस्कर जीता है। ये डॉक्यूमेंट्री दक्षिण भारत के एक आदिवासी कपल और अनाथ हाथी की सच्ची कहानी है।

‘द एलिफेंट विस्‍पर्स’बोम्‍मन और बेली नाम के कपल के जीवन की एक घटना पर आधारित है। ये कपल एक अनाथ हाथी को गोद लेकर दसकी देखभाल बचचे की तरह करते हैं। इंसान और जानवर की मार्मिक संबंधों को दर्शाने वाली इस फिल्‍म ने पूरी दनिया में लोगों का दिल जीत ऑस्‍कर की रेस भी जीत ली। तमिल भाषा की इस  डॉक्यूमेंट्री को गुनीत मोंगा ने प्रोड्यूस किया है और कार्तिकी गोंसाल्विस ने इसे डायरेक्ट किया है। ‘द एलिफेंट विस्‍पर्स‍ को 8 दिसंबर 2022 को नेटफ्लिक्‍स पर रिलीज़ किया गया था।

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The Elephant Whisperers: जानते हैं कौन हैं बोम्‍मन और बेली

बोम्मन और बेली कट्टुनायकर जनजाति के हैं। ये तमिलनाडु के मुदुमलाई नेशनल पार्क में रहते हैं। पहले जंगली जानवरों का शिकार करने वाले बोम्मन ने हाथियों की देखभाल करने का फ़ैसला किया। वे एक महावत परिवार से संबंध रखते हैं और एशिया के सबसे पुराने हाथी शिविर थेप्पाकडू हाथी शिविर में काम करते हैं। वहीं बेली को जंगली जानवरों से बेहद डर लगता था। क्‍योंकि उनके पहले पति को बाघ ने मार दिया था।

बोम्‍मन से शादी के बाद हाथियों की देखभाल करते करते उनका जानवरों से डर कम हो गया। 2017 में बोम्‍मन और बेली ने एक अनाथ हाथी के बच्‍चे की देखभाल करना शुरू किया जो कि घायल था। दोनों ने हाथी को बच्‍चे की तरह पाला और उसे प्‍यार से रघु नाम दिया। उन्‍होंने एक मादा हाथी को भी अपने परिवार में जगह दी। रघु के बड़े होने के बाद उसे दूसरे महावत को सौंपे जाने तक चारों परिवार की तरह एकसाथ ही रहे। रघु से बिछुड़ना बोम्मन और बेली के लिए काफ़ी मुश्किल भरा रहा। उनकी इस यात्रा को इस डॉक्‍यूमेंट्री में दर्शाया गया है।

कौन हैं गुनीज मोंगा और कार्तिकी गोंजाल्विस

The Elephant Whisperers
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दिल्ली की रहने वाली गुनीत मोंगा ने गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय से मास कम्यूनिकेशन की डिग्री ली है। गुनीत ने कई फिल्‍मों को डायरेक्‍ट और प्रोड्यूस किया है। उन्‍होंने फिल्‍ममेकर अनुराग कश्‍यप के साथ भी कई फिल्‍मों में काम किया है। उन्‍होंन सिख्‍या एंटरटेनमेंट नाम का प्रोडक्‍शन हाउस बनाया। इस बैनर तले कई फ़िल्में प्रोड्यूस की हैं। प्रोड्यूसर गुनीत ‘द एलिफ़ेंट विस्पर्स’ से पहले भी ऑस्कर अवॉर्ड जीत चुकी हैं। 2019 में उन्हें  पीरियड: एंड ऑफ ईयर के लिए बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फ़िल्म कैटेगरी का ऑस्कर मिला था। इस फ़िल्म को ईरानी-अमेरिकी फ़िल्म निर्माता रायका जजेहताबच ने डायरेक्ट किया था।

वहीं फिल्‍म की डायरेक्‍टर कार्तिकी गोंज़ाल्विस एक भारतीय सोशल डॉक्यूमेंट्री फ़ोटो जर्नलिस्ट और फ़िल्ममेकर हैं। कार्तिकी तलिनाडू की रहने वाली हैं। वे सोनी अल्‍फा सीरीज के लिए प्राकृतिक इतिहास व सामाजिक डॉक्यूमेंट्री फ़ोटोग्राफर और फ़िल्म निर्माता के रूप में सोनी इेजिंग एम्‍बैसडर के रूप में चुनी जाने वाली पहली भारतीय महिलाओं में से एक हैं। वे अर्थ स्‍पैक्‍ट्रम नाम की संस्‍था की संस्‍थापक भी हैं। उन्‍होंने ‘द एलिफेंट विस्‍पर्स’ पर सालों काम किया और उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि इस फिल्‍म ने ऑस्‍कर जीत इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड में भारत की जगह बनाई।