Rupali Ganguly and Sooraj Barjatya
rupali ganguly

Summary: नेशनल अवॉर्ड्स में टीवी कलाकारों को शामिल करने की मांग पर बोलीं रुपाली गांगुली"

टीवी शो अनुपमा से मशहूर हुईं रुपाली गांगुली ने कहा कि जैसे फिल्मों के कलाकारों को नेशनल अवॉर्ड्स दिए जाते हैं, वैसे ही टीवी कलाकारों को भी सम्मान मिलना चाहिए।

Rupali National Awards Controversy: टीवी सीरियल अनुपमा से घर-घर में मशहूर हुईं अदाकारा रुपाली गांगुली इन दिनों अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। रुपाली सिर्फ अपनी दमदार एक्टिंग के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी बेबाक राय के लिए भी जानी जाती हैं। हाल ही में उन्होंने एक ऐसा मुद्दा उठाया है, जिसने सोशल मीडिया से लेकर बॉलीवुड गलियारों तक हलचल मचा दी है। उन्होंने टेलीविजन के कलाकारों के सम्मान से जुड़ी बात कही है, जिसका अब सूरज बड़जात्या ने भी सपोर्ट किया है।

दरअसल, रुपाली गांगुली का कहना है कि जिस तरह फिल्मों के कलाकारों को नेशनल अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जाता है, उसी तरह टीवी कलाकारों को भी इस सम्मान का हकदार माना जाना चाहिए। उनके अनुसार, टीवी कलाकार दिन-रात मेहनत करके करोड़ों दर्शकों का मनोरंजन करते हैं, लेकिन राष्ट्रीय पुरस्कारों में उनकी मौजूदगी तक नहीं दिखाई देती।

बॉलीवुड के जाने-माने निर्देशक सूरज बड़जात्या भी रुपाली की इस बात से पूरी तरह सहमत दिखे। उन्होंने कहा, “टीवी कलाकार दिन के 12-14 घंटे लगातार शूट करते हैं। फिल्मों में तो कलाकारों को ब्रेक मिल जाता है, लेकिन टीवी कलाकारों को हर दिन अपने किरदार में जीना पड़ता है। अगर मुझसे कहा जाए कि मैं एक टीवी एपिसोड डायरेक्ट करूं, तो मुझे हफ्ते भर का वक्त लग जाएगा। ऐसे में टीवी कलाकारों को नेशनल अवॉर्ड्स में शामिल करना गलत नहीं होगा।” बड़जात्या के इस बयान के बाद यह चर्चा और ज्यादा गर्मा गई है।

नेशनल अवॉर्ड्स की बात आते ही अक्सर बॉलीवुड सितारों का नाम सामने आता है। लेकिन यह सच्चाई है कि टीवी कलाकारों की मेहनत भी किसी फिल्म स्टार से कम नहीं होती। टीवी पर रोज़ाना एपिसोड बनते हैं, जिसका मतलब है लगातार लंबे समय तक शूटिंग। कलाकारों को बहुत सी सीमाओं के बीच काम करना पड़ता है, फिर भी दर्शकों तक भावनाएँ और कहानी पहुंचानी होती है।

दर्शक भी टीवी सितारों को अपने परिवार जैसा मानने लगते हैं, क्योंकि वे हर दिन घर-घर तक पहुंचते हैं। इसके बावजूद अब तक टीवी कलाकारों के लिए नेशनल अवॉर्ड्स का कोई प्रावधान नहीं है।

रुपाली गांगुली ने यह भी याद दिलाया कि कोविड-19 महामारी के दौरान जब कई फिल्मों की शूटिंग रोक दी गई थी, उस समय भी टीवी कलाकार लगातार काम करते रहे। उन्होंने कहा, “हम सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक शूट करते रहे, ताकि दर्शकों का मनोरंजन होता रहे। किसी ने हमारी मेहनत का जिक्र नहीं किया। अगर फिल्म कलाकारों की मेहनत की सराहना हो सकती है, तो टीवी कलाकार क्यों पीछे रहें?” इस बयान से साफ है कि रुपाली सिर्फ अपनी नहीं, बल्कि पूरी टीवी इंडस्ट्री की आवाज उठा रही हैं।

यह पहली बार नहीं है जब रुपाली ने सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय रखी हो। हाल ही में उन्होंने दिल्ली में हो रहे कुत्तों पर अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद की थी। सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले पर भी उन्होंने आपत्ति जताई, जिसमें आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में रखने की बात कही गई थी। सोशल मीडिया पर वे अक्सर ऐसे मुद्दों पर पोस्ट करती रहती हैं।

रुपाली गांगुली की यह बात लोगों को दिल से छू रही है। सोशल मीडिया पर हजारों लोग उनके बयान का समर्थन कर रहे हैं। कई फैंस का कहना है कि टीवी कलाकार हर दिन घर-घर में लोगों की भावनाओं से जुड़ते हैं, इसलिए वे भी अवॉर्ड्स के हकदार हैं।

मैं एक बहुमुखी मीडिया पेशेवर हूं, जिसे कंटेंट लेखन में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव है। मेरा लक्ष्य ऐसी सामग्री पर ध्यान केंद्रित करना है जो सूचित, शिक्षित और प्रेरित करती है। चाहे लेख, ब्लॉग या मल्टीमीडिया सामग्री बनाना हो, मेरा लक्ष्य...