Sharmaji Namkeen: इस हफ्ते रिलीज़ हो चुकी फिल्मों और वेब सीरीज में शर्माजी नमकीन का एक अलग ही स्थान है। अपनी मुस्कान से करोड़ो लोगो को दीवाना बनाने वाले ऋषि कपूर की यह फिल्म दर्शकों के मन में उनके लिए फिर से यादें झकझोर गई। इस फिल्म से हिंदी फिल्मी दर्शकों के साथ जो भावुक रिश्ता बन रहा है वो शायद ही किसी फिल्म से बना हो। एमेजॉन प्राइम पर हितेश भाटिया की फिल्म शर्माजी नमकीन में परेश रावल, जूही चावला, और सुहैल नय्यर के साथ ऋषि कपूर अंतिम भूमिका निभाते नज़र आ रहे हैं।

लेखक सुप्रतीक सेन और फिल्म निर्देशक हितेश भाटिया की फिल्म शर्माजी नमकीन में ऋषि कपूर अंतिम रुप से काम करते नज़र आए। आपको बताते चलूं की शर्माजी नमकीन की आधी शूटिंग कर चुके ऋषि कपूर की 30 अप्रैल 2020 को कैंसर से अचानक मृत्यु हो गई। जिससे उनके फैंस इस फिल्म में उनकी कमी को बार-बार महसूस करते हैं हालांकि बाद में इस फिल्म में शर्मा जी (ऋषि कपूर की जगह) का किरदार परेश रावल ने न केवल बखूबी निभाया बल्कि शर्मा जी के रोल में एक नई ऊर्जा भी भर दी। फिल्म को पूरा किए बिना ऋषि कपूर का जाना वाकई फिल्म निर्माताओं के लिए बड़ी समस्या का विषय था। यह एक बड़ा ही जोखिम भरा कदम था लेकिन इसकी भरपाई के लिए उन्होंने एक शर्मा जी की जगह दो शर्मा जी पेश किए।
अब बात कर लेते हैं इस फिल्म की कहानी की। आखिर क्या ऐसी दिलचस्प कहानी है कि फिल्मफेयर पुरस्कार विजेता ऋषि कपूर ने इस फिल्म को साइन किया। कहानी है एक 60 वर्षीय रिटायर व्यक्ति की जो अपनी बोरियत भरी जिंदगी में स्वाद लाने की तालाश में रहता है। शर्माजी ( ऋषि कपूर/परेश रावल) सारा दिन घर पर शांति से बैठने वालों में से तो नहीं है। उन्हें हर वक्त कुछ न कुछ खास करने की तलब सी रहती है जिसके चलते वो कभी जॉब ढूढते हैं, तो कभी खाना बनाते। असल में शर्माजी को अब जिन्दगी की फीकी दाल रास नहीं आ रही थीं वो बस तालाश कर रहे थे किसी ख़ास तड़के की। उनकी बोरियत भरी जिंदगी में तड़का लगाने का और दिल की धड़कनों को बढ़ाने का काम वीना (जूही चावला) करती हैं। असल में वे अपने दोस्त की सलाह पर एक पार्टी में खाना बनाने के लिए जाते हैं जो एक किटी पार्टी होती है देखते ही देखते शर्माजी उस पार्टी ग्रुप के केटरर -इन- चीफ बन जातें हैं। इस फिल्म में शर्मा जी के बड़े बेटे रिंकू (सुहैल नय्यर) है जो अपनी गर्ल फ्रेंड उर्मी (ईशा तलवार) से शादी करने वाला है। छोटे बेटे विंसी (तरुकरैना) जो कॉलेज जाता है। सतीश कौशिक शर्मा जी के दोस्त के रुप में नजर आ रहे हैं। आयशा रज़ा, शीबा चड्डा वीना के साथ परमीत सेठी एक प्रतिष्ठित राजनेता के किरदार में नजर आयेंगे।
120 मिनट की यह फिल्म बहुत ही मजाकिया और बहुत ही मूर्खतापूर्ण, कृत्यों से भरपूर है। इस कहानी में एक बुजुर्ग व्यक्ति मार्मिकता के साथ अपनी शर्तों पर खुद को फिर से स्थापित करने का प्रयास कर रहा है। कई जोरदार लिखित और व्यक्तिगत दृश्यों के बावजूद, अमेज़ॉन प्राइम वीडियो रिलीज़ मटन बिरयानी के रूप में तैयार किए गए एक तुरंत भोजन की भावना से बच नहीं सकता है, बल्कि यह एक शाकाहारी व्यंजन के रूप में परोसा जाता है। फिल्म की कहानी अपने आप में सब कुछ है।

इस फिल्म की कहानी वाकई बड़ी सराहनीय है। जैसे-जैसे देश तरक्की की ओर बढ़ रहा है वैसे ही समाज में बदलाव भी आ रहा है। बुजुर्गो की जिन्दगी पर इस तरह की कहानी बनना बेहद जरुरी भी है। 60 के ऊपर हो चले रिटायर्ड पैरेंट्स परिवार पर बोझ न बने। शर्मा जी नमकीन की कहानी जिन्दगी को एक नया नजरिया देने का काम करती हैं।
गौर करने वाली बात है की शर्माजी नमकीन दो अभिनेताओं द्वारा निभाए जा रहे एक व्यक्ति के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं देते हैं। बीच फिल्म में किसी कलाकार के चलाने के बाद उसके किरदार को पूरी ऊर्जा के साथ पूरा करना और उसमें समरसता भरना वाकई बड़ा मुस्किल काम हैं। परेश रावल शायद इसीलिए बेहतर कलाकारों में जाने जाते हैं। इस फिल्म में परेश रावल कच्चे आलू की तरह हैं जो शर्मा की अत्यधिक नमकीन काले चने की दाल के स्वाद को एक समान कर देते हैं। बिना किसी गलती के निर्माताओं के थोपे गए काम को उन्होंने निभाकर इस फिल्म को और मार्मिक बना दिया।
रावल का इस फिल्म में लाने का मकशद फिल्म को और भी दिलचस्प कथा दिशा में ले जाने के बजाय पूरा करने का था। दो कलाकार एक ही चरित्र की अलग-अलग तरीकों से व्याख्या करते हैं, जिससे परस्पर विरोधी परिणाम सामने आते हैं। लेकिन रावल ने निर्माताओं की उम्मीद को बखूबी पूरा किया।

अब ऐसा तो है नही की किसी बड़ी आग को बुझा दियाजाय और दुआंभी न दिखें। ठीक वैसे इस फिल्म को बेशक बड़े ही ध्यानपूर्वक दोनो कलाकारों को एक ही किरदार में समाहित करने की कोशिश की गई है। दो पुरुषों के बीच का अंतर हल्का है, लेकिन बताने वाला भी है। कपूर के शर्मा अगर गुस्से में हैं तो रावल के शर्मा चिड़चिड़े हैं। कपूर के स्वेटर-पहने और टिमटिमाती आंखों वाले आकर्षण शर्मा पर वीना या रावल के चिड़चिड़े शर्मा के प्यार में गिर जाती या नहीं, यह सवाल अनसुलझा है। शूटिंग से कपूर के आउटटेक का अंतिम क्रेडिट असेंबल अभी तक एक और याद दिलाता है कि क्या इरादा था और आखिरकार क्या पूरा हुआ।
