Ranbir Kapoor gave the biggest statement on Nepotism
Ranbir Kapoor gave the biggest statement on Nepotism

Overview:रणबीर कपूर ने नेपोटिज्म पर दिया सबसे बड़ा बयान

अभिनेता रणबीर कपूर ने खुद को "नेपोटिज़्म की उपज" स्वीकार किया, लेकिन ज़ोर दिया कि उन्हें मिली आसानी के बावजूद सफल होने के लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी। उन्होंने यह भी कहा कि कपूर परिवार में लोग सफलताओं का जश्न मनाते हैं, पर उन्होंने असफलताओं से भी बहुत कुछ सीखा है।

Ranbir Kapoor on Nepotism: बॉलीवुड अभिनेता रणबीर कपूर ने एक बार फिर नेपोटिज़्म (Nepotism) के संवेदनशील मुद्दे पर खुलकर बात की है। उन्होंने खुद को ‘नेपोटिज़्म का प्रोडक्ट’ स्वीकार करते हुए कहा कि उनके लिए जीवन में चीज़ें आसानी से मिली हैं, लेकिन कपूर परिवार ने सफलताओं के साथ-साथ असफलताएँ भी बहुत देखी हैं। हाल ही में, एक फ़िल्म फेस्टिवल में महान फ़िल्मकार राज कपूर और गुरु दत्त को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित सत्र में रणबीर ने यह बात कही।

“मुझे जीवन में सब आसानी से मिल गया”

रणबीर कपूर ने साफ तौर पर माना कि कपूर परिवार से होने के नाते उन्हें बॉलीवुड में एक विशेष अधिकार (Privilege) मिला। उन्होंने कहा “मैं नेपोटिज़्म की उपज हूँ, और मुझे ये जीवन में बहुत आसानी से मिल गया।” उन्होंने स्वीकार किया कि उनके परिवार की वजह से उन्हें अवसर और लोगों का ध्यान आसानी से मिला, जो शायद उन लोगों के लिए अन्याय है जो उनसे कहीं अधिक प्रतिभाशाली हैं। खुद को हार्डवर्किंग नेपो-किड बताया

सफलता के साथ-साथ असफलताएँ भी देखीं

Ranbir Kapoor gave the biggest statement on Nepotism
Ranbir Kapoor gave the biggest statement on Nepotism

अपने परिवार के 85 साल से फ़िल्म उद्योग में होने के संदर्भ में, रणबीर ने केवल सफलता ही नहीं, बल्कि असफलता के महत्व पर भी ज़ोर दिया। रणबीर ने कहा, “आप लोग मेरे परिवार की सफलताओं का बहुत जश्न मनाते हैं, लेकिन बहुत सारी असफलताएँ भी हैं।” उन्होंने आगे जोड़ा, “और जितनी आप सफलता से सीखते हैं, उतना ही आप असफलता से भी सीखते हैं।” रणबीर ने कहा कि उन्होंने अपने परिवार में सफल अभिनेताओं और असफल अभिनेताओं की पीढ़ियों को देखा है, और उन्होंने उनसे सीखा है कि कोई असफल क्यों हुआ।

सफल होने के लिए व्यक्तिगत दृष्टिकोण ज़रूरी

नेपोटिज़्म से मिली आसान शुरुआत के बावजूद, रणबीर ने कहा कि उद्योग में बने रहने के लिए कड़ी मेहनत और व्यक्तिगत पहचान बनाना ज़रूरी है। उन्होंने कहा, “मुझे हमेशा कड़ी मेहनत करनी पड़ी, क्योंकि मुझे एहसास हुआ कि मैं ऐसे परिवार से आता हूँ, और अगर मेरा व्यक्तिगत दृष्टिकोण नहीं होगा और मैं अपना नाम खुद नहीं बनाऊँगा, तो मैं फ़िल्म इंडस्ट्री में सफल नहीं हो पाऊँगा।”

पारिवारिक पृष्ठभूमि पर विचार

अपने पारिवारिक माहौल के बारे में बात करते हुए रणबीर ने कहा कि कपूर परिवार में पैदा होना उनके लिए किसी सामान्य परिवार जैसा ही था। उन्होंने बताया कि उनके दादा राज कपूर संगीत निर्देशकों और गीतकारों के साथ फ़िल्मों पर जुनूनी बहस किया करते थे, लेकिन ये बहसें पेशेवर होती थीं, घरेलू नहीं। रणबीर कपूर इस समय अपनी आने वाली फ़िल्मों संजय लीला भंसाली की ‘लव एंड वॉर’ और नीतेश तिवारी की ‘रामायण’ की तैयारी कर रहे हैं।

राज कपूर से मिली सीख

रणबीर ने इस बात पर जोर दिया कि वह दादा राज कपूर की बातों को बहुत महत्व देते हैं। उन्होंने राज कपूर के एक प्रसिद्ध वाक्य का ज़िक्र कियाl

निर्देशक का माध्यम होती है फ़िल्म

अभिनेता ने एक्टिंग की प्रक्रिया पर भी बात की। उन्होंने कहा कि एक एक्टर को लचीला (Malleable) होना चाहिए, क्योंकि फ़िल्म बनाना (निर्देशक का माध्यम) होता है। एक्टर का काम यह है कि वह निर्देशक की इच्छा को पूरा करे।

एक्टिंग कोच बनने की इच्छा

रणबीर कपूर ने यह भी खुलासा किया कि उनका सपना है कि करियर के एक पड़ाव पर वह एक्टिंग कोच (Acting Coach) बनें और नई पीढ़ी के कलाकारों के साथ अपने अनुभव साझा करें। रणबीर ने कहा कि वह इसी सोच के साथ एंटरटेनमेंट कर रहे हैं कि उनकी कला से अगली पीढ़ी को प्रेरणा मिले।

ये सभी पहलू रणबीर कपूर की नेपोटिज़्म और अभिनय को लेकर उनकी सोच को और अधिक विस्तार से बताते हैं।

मैं रिचा मिश्रा तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट...