दुनिया के मोस्ट एलिजेबल बैचलर हैं जयपुर के यह हैंडसम प्रिंस, स्टाइल के मामले में हैं बहुत आगे: Padmanabh Singh
Padmanabh Singh

Padmanabh Singh: दुनिया के टॉप टेन मोस्ट एलिजेबल बैचलर्स में से एक बैचलर भारत का भी है। ये वो रियल लाइफ प्रिंस है, जिसे युवतियां अपना प्रिंस चार्मिंग बनाना चाहती हैं। हम बात कर रहे हैं जयपुर के पूर्व राजपरिवार के उत्तराधिकारी पद्मनाभ सिंह की। वैसे तो भारत में लोकतंत्र है और राजशाही खत्म हो चुकी है, लेकिन स्थानीय से लेकर इंटरनेशनल लेवल तक आज भी इस पद और उपाधि को महत्वपूर्ण माना जाता है। चलिए जानते हैं कौन हैं पद्मनाभ सिंह।

भगवान राम के वंशज!

25 वर्षीय पद्मनाभ सिंह बेहद हैंडसम हैं। पद्मनाभ सिंह साल 2018 में फोर्ब्स 30 की ‘अंडर 30’ एशिया की सूची में भी शामिल थे। भगवान राम के वंशज माने जाने वाले पद्मनाभ आज भी अपनी जड़ों से जुड़े हैं और जयपुर के हर त्योहार का हिस्सा बनते हैं। उनका परिवार और दोस्त उन्हें ‘पाचो’ बुलाते हैं। करीब बीस हजार करोड़ रुपए के मालिक पद्मनाभ अपनी दमदार पर्सनालिटी और स्टाइल के कारण कई इंटरनेशनल मैगजीन के कवर पेज पर नजर आ चुके हैं।

पोलो के शौकीन हैं पद्मनाभ

अजमेर के मेयो कॉलेज से हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी करने वाले पद्मनाभ ने हायर एजुकेशन इंग्लैंड के मिलफील्ड स्कूल से की। फिर न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से लिबरल आर्ट्स की पढ़ाई की। पद्मनाभ पोलो खेलने के शौकीन हैं या यूं कहें कि यह उनका पैशन है। वे कई इंटरनेशनल पोलो मैचों का हिस्सा भी रह चुके हैं। पद्मनाभ का कहना है कि यह शौक उन्हें विरासत में मिला है। घोड़ों के साथ समय बिताना, पोलो खेलना उनके लिए मेडिटेशन जैसा है।  

ऐसे मिली उपाधी

पद्मनाभ सिंह जयपुर के पूर्व महाराजा भवानी सिंह की बेटी दीया कुमारी के बेटे हैं। साल 2011 में भवानी सिंह ने 4 साल के पद्मनाभ को गोद लेकर अनौपचारिक रूप से अपना उत्तराधिकारी ​घोषित कर दिया था। इतना ही नहीं उस समय एक बड़े समारोह में पद्मनाभ का राजतिलक भी किया गया था। इस राजतिलक के साथ ही पद्मनाभ दुनिया के शीर्ष अरबपतियों की सूची में शामिल हो गए थे। जब उनकी उम्र 13 साल थी, तब भवानी सिंह की मृत्यु होने के बाद उन्हें महाराजा की उपाधि मिली।  

फैशन आइकन हैं पद्मनाभ

पद्मनाभ सिंह एक फैशन आइकन हैं। दुनियाभर की मशहूर मैगजीन न सिर्फ उनके इंटरव्यू करती हैं, बल्कि वे कई मैगजीन्स के कवर पेज का छा भी चुके हैं। एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में पद्मनाभ ने बताया कि वे बहुत ही भाग्यशाली हैं कि उन्होंने इस परिवार में जन्म लिया है, लेकिन यह एक जिम्मेदारी का पद है। आपको रिश्तों को बहुत ही संभल कर चुनना होता है। आप किसी से भी दोस्ती नहीं कर सकते। आपको पहले सोचना पड़ता है कि क्या यह सही है। हालांकि हमारा परिवार इस बात का ध्यान रखता है कि हमें अपनी स्पेस मिले।

सिटी पैलेस में रहते हैं

पद्मनाभ सिंह जयपुर के ऐतिहासिक सिटी पैलेस में रहते हैं। इस शानदार पैलेस का निर्माण साल 1727 में तत्कालीन महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने करवाया था। पैलेस में तीन प्रवेश द्वार हैं लेकिन शाही परिवार उनमें से केवल एक का उपयोग करता है, जिसका नाम त्रिपोलिया द्वार है। शीश महल, क्रिस्टल के झूमर, एंटीक कालीनों, चांदी के शोपीस से सजा यह महल बहुत ही शानदार है। 

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...