हैंडलूम आइकन हैं सिंगर ऊषा उत्थुप, कलेक्शन में है इतनी साड़ियां की खुल जाए बड़ा शोरूम: National Handloom Day 2023
National Handloom Day 2023

National Handloom Day 2023: हैंडलूम कहने को सिर्फ एक कला है, जिसे ज्यादातर लोग साड़ियों या फिर कपड़ों की एक वैरायटी के रूप में देखते हैं। लेकिन असल में ये बुनकरों की मेहनत के वो खूबसूरत धागे हैं जो देश का भविष्य ​बुनते हैं। सूती, रेशमी धागों का यह ताना बाना बुनकरों के जीवन की बुनियाद है। हैंडलूम की इसी भावना और उद्देश्य को जन-जन तक पहुंचाने के लिए हर साल 7 अगस्त को देशभर में नेशनल हैंडलूम डे मनाया जाता है।

ऐसे हुई इस खास दिन की शुरुआत

बुनकरों के सम्मान से जुड़े इस दिवस की शुरुआत 7 अगस्त, 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेन्नई में की थी। इस साल इस दिवस का लक्ष्य है ई-कॉमर्स वेबसाइटों के जरिए हैंडलूम की पहुंच बढ़ाना और बुनकरों को अधिक लाभ दिलवाना है। क्योंकि कोविड महामारी के कारण बुनकरों को काफी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा था। सरकार चाहती है कि बुनकरों को ऑनलाइन मंच मिले, जिससे यह कला ज्यादा लोगों के पास पहुंच सके।  

अपनी साड़ियों को लेकर जुनूनी ऊषा उत्थुप

भारत की मशहूर सिंगर ऊषा उत्थुप को अगर भारत का साड़ी आइकन कहा जाए तो कोई गलती नहीं होगी। साड़ियों को लेकर ऊषा की दीवानगी किसी से छिपी नहीं है। वह खुलकर बहुत ही गर्व से खुद को साड़ी लवर कहती हैं और अकसर अपने साड़ी कलेक्शन को लेकर बातें भी करती हैं। साड़ी के प्रति उनका यह लगाव उनकी सांस्कृतिक भावनाओं का आइना है। ऊषा का कहना है कि साड़ियों का शौक उन्हें विरासत में मिला है। उनकी मां ने उन्हें बचपन से ही साड़ियों से प्यार करना सिखाया। चेक, डॉट्स, लाइन पैटर्न की साड़ियां कभी भी फैशन से आउट नहीं होती हैं। इसलिए उन्हें ये पैटर्न काफी पसंद है। खास बात यह है कि वे हैंडलूम साड़ियां ज्यादा पसंद करती हैं। क्लासिक दक्षिण भारतीय छोटे चेक वाली साड़ियां उनकी फेवरेट हैं।  

1969 से कर रही हैं कलेक्शन

ऊषा बताती हैं कि कांजीवरम साड़ियां हों, असम मुगा सिल्क साड़ी हो, बंगाली साड़ियां हों या फिर मद्रास, केरल सिल्क साड़ियां, उन्हें हर किसी से प्यार है। ब्लैक कलर उनका फेवरेट है, हालांकि वह हर कलर की साड़ियां पहनती हैं। ऊषा के पास 600 से भी ज्यादा साड़ियों का शानदार कलेक्शन है। इनमें से कई साड़ियां उनकी मां और सासु मां की भी हैं। 75 साल की सिंगर ने बताया कि उन्होंने 1969 में अपनी पहली कमाई से मद्रास से साड़ी खरीदी थी। धीरे—धीरे उनका शौक बढ़ा और यह जुनून बन गया। वह बताती हैं कि उनकी हर साड़ी के पीछे एक प्यारी सी कहानी छिपी है।

ब्लैक कलर है फेवरेट

एक इंटरव्यू में ऊषा ने बताया कि उन्हें ब्लैक कलर की साड़ियां बहुत पसंद हैं। जिसके कारण उनकी सासु मां अक्सर नाराज भी होती थीं, क्योंकि दक्षिण भारत में पेस्टल कलर्स ज्यादा पसंद किए जाते हैं। हालांकि फिर भी उनके कलेक्शन में ब्लैक साड़ियां अधिक हैं। वर्ल्ड म्यूजिक डे कॉन्सर्ट 2022 में सिंगर ने ब्लैक कलर की केरल कांजीवरम सिल्क साड़ी पहनी। यह उनकी फेवरेट साड़ियों में से एक है। बड़ी बिंदी और गोल्ड ज्वैलरी भी ऊषा का स्टाइल स्टेटमेंट है। जिसे उन्होंने यहां भी कायम रखा।  

हैंडलूम साड़ी का अलग अंदाज

कोलकाता में अपनी बुक ‘द क्वीन ऑफ इंडियन पॉप’ की लॉन्चिंग पर पहुंची सिंगर ने बहुत ही डिफरेंट पैटर्न की हैंडलूम साड़ी पहनी। रेड कलर की इस साड़ी पर बेज कलर के पैटर्न और कविताओं की पंक्तियां प्रिंट की गई थीं। साड़ी का ब्लाउज ब्लैक कलर का था, जिसपर भी इसी पैटर्न का प्रिंट था। इसके साथ सिंगर ने ऑक्सिडाइज ज्वेलरी वियर की।

बंगाली साड़ियां हैं पसंद

सिंगर बताती हैं कि कई बार लोगों को जो साड़ियां मद्रास की लगती हैं, वे असल में बंगाल की होती हैं। उन्हें बंगाल सिल्क की साड़ियां बेहद पसंद हैं। और वह अक्सर इन्हें कैरी करना पसंद करती हैं। दुर्गा पूजा के दौरान ऊषा ने पारंपरिक स्टाइल की व्हाइट एंड रेड कलर की साड़ी वियर की । इस साड़ी को उन्होंने बंगाली स्टाइल में ही पहना। जो इस अवसर के लिए बेस्ट था।

बॉर्डर पर देती हैं खास ध्यान

ऊषा साड़ियों के बॉर्डर पर खास ध्यान देती हैं। उनका कहना है कि उनकी बेटी अंजली महंगी साड़ियां खरीदने के मामले में परफेक्ट है। बॉर्डर किस शैली का है और उनकी डिजाइन का क्या महत्व है, यह जानना अनोखा अनुभव होता है। जैसे ​इस ब्लैक साड़ी का पिंक शेड बॉर्डर इसे खास बना रहा है। यह खूबसूरत साड़ी पद्मश्री सम्मानित इस सिंगर ने स्प्रिंगडेल्स स्कूल के क्वायर फेस्टिवल में पहनी थी। डिफरेंट स्टाइल का लाइन पैटर्न वाला ब्लाउज इस साड़ी के ग्रेस को और बढ़ा रहा था। इसके साथ वह अपना ट्रेडिशनल मेकअप करना नहीं भूलीं।

मूंगा सिल्क है पसंद

एक इंटरव्यू में ऊषा उत्थुप ने बताया कि उन्हें अपनी ब्लू कलर की मूंगा सिल्क साड़ी बहुत पसंद है। इसी के साथ उनके कलेक्शन में रॉयल ब्लू कलर की साड़ियां भी शामिल हैं। एक इवेंट के लिए ऊषा ने यह खूबसूरत ब्लू कलर की साड़ी वियर की। साड़ी के गोल्डन बॉर्डर ने इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा दिए। खास बात यह है कि यह कलर हर कॉम्प्लेक्शन पर अच्छा लगता है।

पद्मश्री अवॉर्ड के दिन पहनी साड़ी है खास

National Handloom Day 2023
She wore a cream Kanjeevaram with a heavy golden border when she was awarded the Padma Shri award.

सिंगर ने बताया कि जब उन्हें भारत सरकार की ओर से पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया तो उन्होंने हेवी गोल्डन बॉर्डर वाली क्रीम कांजीवरम पहनी थी। यह साड़ी उनकी पसंदीदा साड़ियों में से एक है। इसलिए उन्होंने इसे इस खास दिन के लिए चुना था। इस साड़ी के साथ उन्होंने हैवी ज्वैलरी और बालों में गजरा लगाकर अपने लुक को एकदम ट्रेडिशनल रखा।

अलग कलर कॉम्बिनेशन चुनने की कोशिश

ऊषा हमेशा कोशिश करती हैं कि उनकी साड़ियों के कलर कॉम्बिनेशन यूनिक हो।
Usha always tries that the color combination of her sarees should be unique.

ऊषा हमेशा कोशिश करती हैं कि उनकी साड़ियों के कलर कॉम्बिनेशन यूनिक हो। लोगों के पसंदीदा शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में हिस्सा लेने पहुंची ऊषा ने ग्रीन कलर की कांजीवरम सिल्क साड़ी पहनी। इस साड़ी की खासियत थी इसका अलग कलर कॉम्बिनेशन। ग्रीन के साथ ब्लैक एंड ब्लू का यूनिक कॉम्बिनेशन था और गोल्डन कलर का जरी बॉर्डर इस साड़ी को और भी खूबसूरत बना रहा था। सिंगर ने कहा, यह साड़ी यूनिक है बिल्कुल अमिताभ बच्चन की तरह। इसलिए उन्हें शो के लिए इसे चुना।  

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...