Summary: हैंडलूम साड़ी की देखभाल: परंपरा को संजोने के सरल उपाय
हैंडलूम सिल्क साड़ियाँ पारंपरिक विरासत होती हैं, जिन्हें सही देखभाल से लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है। इन्हें कॉटन बैग में स्टोर करें, हर कुछ महीनों में तह बदलें, तेज धूप और नमी से दूर रखें, और हल्के डिटर्जेंट से धोएं।
Handloom Silk Saree Care: भारत की पारंपरिक पोशाकों में हैंडलूम साड़ी का एक विशेष स्थान है। यह केवल एक परिधान नहीं, बल्कि पीढ़ियों से चली आ रही सांस्कृतिक धरोहर, प्रेम और सम्मान की प्रतीक है। एक साड़ी में न केवल महीन धागों की बुनावट होती है, बल्कि उसमें भावनाएँ, स्मृतियाँ और पारिवारिक गौरव भी पिरोया होता है। दादी-नानी या मां की अलमारी में सजी यह साड़ी सिर्फ़ कपड़ा नहीं, बल्कि विरासत का एक अहम हिस्सा होती है, जो भावी पीढ़ियों तक पहुंचती है। किसी भी त्यौहार या किसी फंक्शन में हैंडलूम सिल्क साड़ी सुंदरता पर चार चाँद लगा देती हैं।
समय के साथ, हैंडलूम साड़ियों की पारंपरिक बुनाई दुर्लभ होती जा रही है। आधुनिकता के इस दौर में मशीन निर्मित कपड़ों ने जगह बना ली है, जिससे असली हथकरघा की मांग घट रही है। शुद्ध रेशम और पारंपरिक बुनाई से बनी साड़ियाँ अब केवल खास मौकों या संग्रहणीय वस्तु के रूप में देखी जाती हैं।
हैंडलूम सिल्क साड़ी को सुरक्षित रखने के प्रभावी उपाय
अगर इन सुंदर और कीमती साड़ियों को वर्षों तक सुरक्षित रखना है, तो उन्हें सही तरीके से संभालना आवश्यक है। सिल्क साड़ियों को कॉटन बैग में स्टोर करना, समय-समय पर तह बदलना और सीधी धूप से बचाकर रखना, ये कुछ बेहद जरूरी आदतें हैं, जिनसे आपकी साड़ियां सुरक्षित रह सकती है।
रेशम की साड़ियों के लिए कॉटन बैग सबसे बेहतर

सिल्क साड़ियों को स्टोर करते समय हमेशा कॉटन बैग का प्रयोग करें। कॉटन एक ऐसा फ़ैब्रिक है जिसके अंदर हवा जा सकती है और जिससे साड़ी में मौजूद जरी ऑक्सीडेशन से बचती है। इससे साड़ी दूसरे कपड़ों से चिपकती भी नहीं है और सुरक्षित रहती है।
हर तीन महीने में बदले मोड़
अगर एक ही मोड़ में साड़ी लंबे समय तक रखी जाती है, तो उस जगह से वह फट सकती है। हर तीन महीने में एक बार साड़ी को नया मोड़ दें, खासकर जरी वाली साड़ियों को, ताकि सिलवटों के कारण उनका कपड़ा कमजोर न हो।
लकड़ी के हैंगर का करें उपयोग
अगर आप साड़ी को हैंगर पर लटकाना चाहते हैं तो लकड़ी के हैंगर का प्रयोग करें। धातु के हैंगर से जंग लगने का खतरा रहता है, जिससे आपकी कीमती साड़ी पर दाग पड़ सकते हैं। लकड़ी सुरक्षित और टिकाऊ विकल्प है।
सूती कपड़े में लपेटना भी है बेहतर उपाय
अगर कॉटन बैग उपलब्ध नहीं है, तो साड़ियों को शुद्ध सूती कपड़े में लपेटकर भी रखा जा सकता है। एक से ज्यादा साड़ियों को साथ में स्टोर करते समय यह ध्यान रखें कि दोनों में समान कढ़ाई और कपड़े का प्रकार हो, ताकि एक-दूसरे को नुकसान न हो।
सीधी धूप से रखें दूर
साड़ी को तेज़ रोशनी या सूरज की सीधी किरणों से दूर रखें। सूरज की रोशनी साड़ी के रंग को फीका कर देती है और उसकी चमक कम हो सकती है। ठंडी और अंधेरी जगह सबसे उपयुक्त रहती है।

हल्का आयरन करें
अगर साड़ी में सिलवटें आ जाएँ, तो हल्की आंच पर आयरन करें। ध्यान रखें कि साड़ी पर सीधा प्रेस न करें, बल्कि उसके ऊपर एक पतला कॉटन कपड़ा रखकर ही आयरन करें। इससे साड़ी सुरक्षित रहेगी और उसका रेशमी स्पर्श बरकरार रहेगा।
बारीक बुनाई को गहनों से बचाएँ
हथकरघा साड़ियों की बुनाई में महीन धागे होते हैं, जो आसानी से गहनों के कोनों में फँस सकते हैं। इसलिए साड़ी पहनते समय ध्यान रखें कि धागे खिंचने या टूटने से बचें।
साड़ी को नमी और रसायनों से बचाकर रखें
हथकरघा साड़ियों को कभी भी ज्यादा आर्द्रता वाले स्थान पर न रखें। साथ ही, नेफथलीन की गोलियाँ सीधे जरी या साड़ी के संपर्क में न आने दें, क्योंकि इससे साड़ी की रंगत और कढ़ाई प्रभावित हो सकती है।
धुलाई में अपनाएँ खास सावधानी
नई साड़ी को पहले तीन बार केवल ठंडे पानी से ही धोएं साबुन का प्रयोग न करें। बाद में भी हल्के डिटर्जेंट का ही उपयोग करें और तेज केमिकल वाले डिटर्जेंट से बचें। इससे साड़ी का रंग और रेशम की चमक सुरक्षित रहेगी।
