Pranutan Bahl talks about her acting journey and career
Pranutan Bahl talks about her acting journey and career

Summary: प्रनूतन ने कहा, स्टार किड होना सफलता की गारंटी नहीं

एक्ट्रेस नूतन की पोती और मोहनिश बहल की बेटी प्रनूतन बहल ने नेपटिज्म को लेकर अपनी राय खुलकर रखी है। उनका मानना है कि फिल्मी परिवार से होने का मतलब यह नहीं कि सफलता अपने आप मिल जाती है।

Pranutan Bahl on Nepotism: बॉलीवुड में जब भी फिल्मी परिवारों की बात होती है, तो अमूमन यह मान लिया जाता है कि इन्हें सब कुछ बिना संघर्ष के मिल जाता है। लेकिन यह सच्चाई सब पर नहीं लागू होती है। लीजेंड एक्ट्रेस नूतन की पोती प्रनूतन तनुजा की ग्रैंडनीस और एक्टर मोहनिश बहल की बेटी हैं, ने इस सोच को चुनौती दिया है। वह कहती हैं, “हर स्टार किड को सब कुछ थाली में नहीं परोसा जाता। और मैं इसका जीता-जागता उदाहरण हूं।” आइए जानते हैं कि प्रनूतन ने अपने संघर्ष और नेपोटिज्म के बारे में क्या कहा है। 

अपने कॉन्फिडेंस का उदाहरण देते हुए प्रनूतन बताती हैं कि उन्होंने कई ऑडिशन में अपना सिर्फ पहला नाम बताया, ताकि कास्टिंग डायरेक्टर यह न जान सकें कि वह किस परिवार से हैं। वह कहती हैं, “मैं नहीं चाहती थी कि कोई मुझे इसलिए दोबारा बुलाए क्योंकि मैं नूतन जी की पोती हूं। मुझे यह जानना था कि मुझे जो कॉल बैक मिल रहा है, वह मेरे टैलेंट के लिए है।”

प्रनूतन ने 2019 में सोनाक्षी सिन्हा के एक्टर पति जहीर इकबाल के साथ फिल्म “नोटबुक” से अपने करियर की शुरुआत की थी। एक बड़े फिल्मी परिवार से आने के बावजूद उन्होंने बहुत संघर्ष किया है। वह स्वीकार करती हैं कि फिल्मी परिवार से होने के नाते उन्हें यह बात जल्दी समझ में आ गई थी कि इस इंडस्ट्री में काम करना आसान नहीं है। उन्हें यह पहले से ही बता दिया गया था कि लंबे समय तक काम न मिलना यहां के लिए सामान्य बात है।

प्रनूतन का मानना है कि जो लोग बाहर से आते हैं, उनके लिए यह एक भावनात्मक झटका है। लेकिन वह यह भी स्पष्ट रूप से कहती हैं कि इन्साइडर होने का मतलब यह नहीं कि सब कुछ अपने आप मिल जाता है। उन्होंने खुद 2016 से ऑडिशन देना शुरू किया था, लेकिन उन्हें उनकी पहली फिल्म 2018 में मिली। और आज भी वह लगातार ऑडिशन देती रहती हैं।

नूतन को फिल्म फेयर अवॉर्ड इवेंट में सिने आइकन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी ओर से यह पुरस्कार उनके एक्टर बेटे मोहनीश बहल और पोती प्रनूतन ने लिया। अवॉर्ड फंक्शन में उन्होंने जो साड़ी पहनी थी, उस पर उन सभी छह फिल्मों के टाइटल लिखे थे, जिनके लिए नूतन ने फिल्म फेयर अवॉर्ड जीता था। इस अवसर पर नूतन ने कहा, “मेरी साड़ी मेरी दादी को समर्पित है। इस पर उन सभी फिल्मों की एम्ब्रॉइडरी की हुई है, जिनके लिए उन्होंने फिल्म फेयर जीता था। इनमें बंदिनी, मिलन, सीमा, सुजाता, मैं तुलसी तेरे आंगन की और मेरी जंग जैसी फिल्में हैं। मेरी साड़ी पर ये सभी मेरी दादी को समर्पित एक श्रद्धांजलि हैं”।

प्रनूतन अब तक नोटबुक, हेलमेट और अमर प्रेम की प्रेम कहानी जैसी फिल्मों में नजर आ चुकी हैं। आने वाले समय में वह हिंदी इंग्लिश बाइ लिंगुअल फिल्म “कोको एंड नट” में दिखाई देने वाली हैं। इसके अलावा उन्होंने दो और फिल्मों की शूटिंग पूरी कर ली है। इनमें से एक कॉप ड्रामा है और दूसरी एक थ्रिलर। ये दोनों फिल्में रिलीज के इंतजार में हैं।

स्पर्धा रानी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज ने हिन्दी में एमए और वाईएमसीए से जर्नलिज़्म की पढ़ाई की है। बीते 20 वर्षों से वे लाइफस्टाइल और एंटरटेनमेंट लेखन में सक्रिय हैं। अपने करियर में कई प्रमुख सेलिब्रिटीज़ के इंटरव्यू...