Fear of Eating
Fear of Eating

Fear of Eating: हमारे शरीर के लिए विटामिन्स और मिनरल्स बहुत जरुरी हैं। इसके लिए हरी सब्जियां और फलों को खाना चाहिए, लेकिन आपने कभी ये सुना है कि किसी को फल या सब्जियां खाने से एलर्जी हो। क्लोई नाम की एक महिला ने 20 वर्षों से हरी सब्जी नहीं खाई है और न ही कोई ताजा फल का स्वाद चखा है, क्योंकि अगर उसने ऐसा किया तो वह उसके लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है।

दरअसल, वेस्ट मिडलैंड्स की रहने वाली 27 साल की क्लोई रईसबेक को ओरल एलर्जी सिंड्रोम है। उसे पॉलिनेशन से उत्पन्न हुए किसी भी चीज से भयानक एलर्जी होती है। क्लोई का कहना है कि फल और सब्जी का एक निवाला भी उसकी जान ले सकता है। जनवरी 2005 में जब उसकी उम्र सात वर्ष की थी, तभी क्लोई रईसबेक को ओरल एलर्जी सिंड्रोम का पता चला। न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, उसे पहली बार तब अहसास हुआ कि कुछ गड़बड़ है, जब स्कूल में आडू खाने से उसके होंठ सूज गए और गले में खुजली होने लगी। तब उसने स्कूल की नर्सों से मदद मांगी। यह महसूस करने के बाद भी उसे गंभीरता से नहीं लिया गया।

यह एक तरह की फूड एलर्जी है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम कई फलों, सब्जियों और मेवों में पाए जाने वाले कुछ खास प्रोटीन को परागकण से मिलते-जुलते तत्व समझकर रिएक्ट करती है। इसे पोलन फूड एलर्जी सिंड्रोम भी कहते हैं। इसके कई लक्षणों में होंठ, मुंह, जीभ या गले में खुजली और जलन के साथ सूजन, गले में खराश, कानों में खुजली और त्वचा पर पित्ती उछलना या लाल दाने उभरने की शिकायत होती है। वहीं, गंभीर मामलों में एनाफिलेक्टिक शॉक, जो जानलेवा हो सकता है।

डॉक्टरों ने क्लोई को साफ शब्दों में बताया कि अगर गलती से भी उन्होंने एलर्जी बढ़ाने वाली फल या सब्जियां खा लीं, तो उन्हें एनाफिलेक्टिक शॉक आ सकता है, और उनकी हालत बिगड़ सकती है। ऐसे में खाने से उनका डर बढ़ता गया, जो अब एक प्रकार की फूड एंजायटी बन चुकी है। क्लोई केवल मांस-मछली, पास्ता, चावल और डेयरी प्रोडक्ट ही खाती हैं। वहीं, विटामिन्स की कमी पूरी करने के लिए उन्हें सप्लीमेंट्स लने पड़ते हैं। क्लोई कहती हैं कि उन्हें खाने से डर लगता है, क्योंकि हर बार यह खतरा बना रहता है कि कोई अनजाना तत्व उनकी जान ले सकता है। आगे क्लोई ने कहा, मैं जानती हूं कि यह एलर्जी जीवनभर साथ रहेगी, लेकिन मैं डर को हराने की कोशिश करूंगी।

क्लोई को अब 15 विभिन्न फलों, सब्जियों और मेवों से एलर्जी है- जिनमें केला, कीवी, गाजर, बादाम और शिमला मिर्च शामिल हैं। उसने 20 वर्षों से इन सब चीजों को खाने से परहेज किया है। अब क्लोई में “खाने का डर” विकसित हो गया है और अब वे प्रतिदिन पर्याप्त पोषक तत्व प्राप्त करने के लिए मल्टीविटामिन सप्लीमेंट पर निर्भर रहती हैं- और एनाफाइलैक्टिक शॉक की स्थिति में वे हर जगह एक एपिपेन साथ रखती हैं।

मेरा नाम नमिता दीक्षित है। मैं एक पत्रकार हूँ और मुझे कंटेंट राइटिंग में 3 साल का अनुभव है। मुझे एंकरिंग का भी कुछ अनुभव है। वैसे तो मैं हर विषय पर कंटेंट लिख सकती हूँ लेकिन मुझे बॉलीवुड और लाइफ़स्टाइल के बारे में लिखना ज़्यादा पसंद...