What is Tiger Parenting: हर माता-पिता चाहते हैं कि वह अपने बच्चे की बेस्ट पेरेंटिंग करें। उसे अच्छे संस्कार और जीवन के महत्वपूर्ण मूल्य सिखा सकें। इसके लिए वह ऐसी पेरेंटिंग का चुनाव करते हैं जिसमें अनुशासन और लाड़-प्यार दोनों का मिश्रण हो। लेकिन कई बार पेरेंट्स का व्यवहार और अनुशासन बच्चे के लिए सिरदर्द बन जाता है। बच्चे के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए अंजाने में सही लेकिन पेरेंट्स टाइगर पेरेंटिंग अपना लेते हैं। ये पेरेंटिंग बच्चे का नजरिया और भविष्य दोनों खराब कर सकती है। आखिर टाइगर पेरेंटिंग है क्या, कहीं आप तो इसका शिकार नहीं। चलिए जानते हैं इसके बारे में।
क्या है टाइगर पेरेंटिंग

टाइगर पेरेंटिंग में माता-पिता बच्चे के साथ बेहद सख्त व्यवहार करते हैं। वह उसकी पढ़ाई, भविष्य, कैरियर और व्यवहार के प्रति अधिक सचेत रहते हैं। पेरेंट्स बच्चे से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद करते हैं और सख्त से सख्त नियम लागू करते हैं। पेरेंट्स के ऐसे व्यवहार को टाइगर पेरेंटिंग कहा जाता है। टाइगर पेरेंटिंग में बच्चे पेरेंट्स से इमोशनली दूर हो सकते हैं।
टाइगर पेरेंटिंग कैसे काम करती है
पेरेंटिंग की ये शैली बच्चों को नियंत्रित करने के लिए कठोर तरीकों का उपयोग करती है। इसमें माता-पिता बच्चे को अपनी मांगों को पूरा करने के लिए डर और अधिकार का उपयोग करते हैं। टाइगर पेरेंटिंग में माता-पिता अपने बच्चों से उनकी शैक्षणिक ज:रतों को पूरा करने की अपेक्षा करते हैं और उसे पूरा करने के लिए सख्त नियम बनाते हैं। टाइगर माता-पिता का ऐसा मानना है कि बच्चों के साथ की गई सख्ती उन्हें मजबूत, आत्मविश्वासी, सफल और भविष्य के लिए तैयार कर सकती है। लेकिन ऐसा नहीं है ये नियम बच्चों की उम्मीद और क्षमता से कहीं अधिक कठोर होते हैं जिसका प्रभाव उनके मन और मस्तिष्क पर गहरी छाप छोड़ता है।
टाइगर पेरेंटिंग के लक्षण
– क्या आप अपने बच्चों को दोस्तों के साथ अधिक समय बिताने का मौका नहीं देते।
– बच्चों से अपेक्षा करते हैं कि वह क्लास में हमेशा अव्वल आए।
– बच्चे के असफल होने पर उसे कठोर दंड देते हैं।
– क्या आप अपने आत्म-सम्मान को बच्चे की क्षमताओं से अधिक महत्व देते हैं।
– आपके डांटने और चिल्लाने की वजह से बच्चा आपसे चीजें बताने से डरता है।
– बच्चे की हर बात को शक की निगाहों से देखते हैं। उसपर ट्रस्ट नहीं करते।
– क्या आप नियमों का पालन करने के चक्कर में बच्चे की खुशी दांव पर लगाते हैं।
– बच्चे पर काम का दबाव डालते हैं।
टाइगर पेरेंटिंग के फायदे
– टाइगर पेरेंटिंग के नियम बच्चे को प्रोत्साहित करने का काम करते हैं।
– ऐसे बच्चे अनुशासित जीवन जीना सीख जाते हैं।
– बच्चे अपनी कार्य करने की क्षमता को जान पाते हैं।
– टाइगर पेरेंटिंग से बच्चे अधिक जिम्मेदार बनते हैं। उनके कार्य में सुधार होता है।
– टाइगर पेरेंट्स बच्चे की खुशी और सफलता पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
– टाइगर माता-पिता के बच्चे बचपन से ही स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बन जाते हैं।
टाइगर पेरेंटिंग के नुकसान

– टाइगर पेरेंटिंग में बच्चा अधिक बोझिल और दबाव महसूस करता है।
– बच्चा गलतियां करने से डरता है। जिसके कारण वह डरा हुआ महसूस करता है।
– बच्चे में चिंता और अपसाद की भावना घर कर सकती है।
– बच्चे पेरेंट्स पर अधिक निर्भर करते हैं। वह भविष्य में दब्बू बन सकते हैं।
– टाइगर माता-पिता बच्चे को खुलकर जीवन जीने नहीं देते।
– टाइगर पेरेंटिंग से बच्चे पेरेंट्स से इमोशनली दूर हो जाते हैं।
पेरेंट्स रखें इस बात का ध्यान
– पेरेंट्स को बच्चों के साथ उतनी सख्ती अपनानी चाहिए जितनी की जरूरत हो।
– टाइगर पेरेंट्स बनने की बजाय सर्पोटिव पेरेंट्स बनें।
– अपने नियम और सपने बच्चों के ऊपर न डालें।
– बच्चा हर बार सफल हो ऐसा प्रेशर क्रिएट न करें।
