Summary : हेलन का बचपन भारी मुश्किलों में बीता
हेलन को जान बचाने के लिए 900 किमी चलना पड़ा और लोगों से मिले खाने व कपड़ों से उन्होंने काम चलाया।
Helen Life Story: बॉलीवुड की “कैबरे क्वीन” कहलाने वाली हेलन ऐन रिचर्डसन का जन्म हीरोइन बनने के लिए नहीं हुआ था। बस, किस्मत में ऐसे मोड़ आए, जिन्होंने उन्हें सीधे हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के दरवाजे तक पहुंचा दिया। एक एंग्लो-इंडियन पिता और बर्मी मां की बेटी थीं हेलन और तीन भाई-बहनों में से एक थीं। बचपन में ही उनके जीवन में दुख का सैलाब आ गया। उनके पिता की मौत दूसरे विश्व युद्ध में हो गई। इसके बाद परिवार को अपना घर छोड़कर एक भयावह सफर पर निकलना पड़ा, ताकि वे मौत से बच सकें।
900 किलोमीटर तक मौत से भागता कारवां
1964 में फिल्मफेयर को दिए एक इंटरव्यू में हेलन ने बताया था कि उनका परिवार और कई अन्य लोग जंगलों और गांवों से होकर करीब 900 किलोमीटर दूर असम के डिब्रूगढ़ की ओर पैदल निकल पड़े। हेलन ने याद किया, “हम से जंगलों और सैकड़ों गांवों से गुजरे, बिल्कुल कंगाल थे। न खाना, न ढंग के कपड़े। जो भी बचा-खुचा मिला, लोगों की मेहरबानी से मिला। कभी-कभी ब्रिटिश सिपाही मिल जाते, जो हमें सवारी देते, पैरों के छाले ठीक करते और भूख मिटाते।”।
बहन भी सफर में साथ छोड़ गई
यह यात्रा आसान नहीं थी। हेलन बताती हैं कि सफर के दौरान उनका झुंड आधा रह गया। कुछ बीमार पड़कर पीछे छूट गए, कुछ भूख से मर गए। उनकी मां का गर्भपात भी हो गया। अरसे बाद हेलन ने अपने सौतेले बेटे अरबाज खान से बातचीत में कहा, “हमारे साथ करीब 300-350 लोग थे। मेरे साथ मां और छोटा भाई था। हम दोनों छोटे थे और मां गर्भवती भी थीं, लेकिन मेरी छोटी बहन का उसी सफर में निधन हो गया।”
असम पहुंचकर भी नहीं थमा दर्द

असम पहुंचते ही पूरा परिवार अस्पताल में भर्ती हो गया। फिर कोलकाता शिफ्ट हुए, लेकिन वहां भी खुशी ज्यादा दिनों तक नहीं टिक सकी। हेलन का छोटा भाई, जो पहले ही गंभीर हालत में था, चेचक की चपेट में आकर चल बसा। इसके बाद वे मुंबई आए, लेकिन आर्थिक तंगी ने मुश्किलें बढ़ा दीं।
फिल्मों में एंट्री और ‘मेरा नाम चिन चिन चू’ का जादू
मुंबई में संघर्ष के दिनों में उनकी मां की दोस्त और मशहूर डांसर कुक्कू मदद के लिए आगे आईं। हेलन ने कोरस गर्ल के रूप में कई फिल्मों में काम किया। फिर अलिफ लैला (1953) और हूर-ए-अरब (1955) में उन्हें सोलो डांस नंबर मिले। मगर असली ब्रेक मिला 1958 में हावड़ा ब्रिज के गाने “मेरा नाम चिन चिन चू” से। ओपी नैयर के म्यूजिक पर हेलन ने ऐसा डांस किया कि पूरा बॉलीवुड उनका दीवाना हो गया। उस समय उनकी उम्र मात्र 19 साल थी और उन्होंने पढ़ाई छोड़कर मां की जिम्मेदारी उठाई थी।
कैबरे क्वीन से कैरेक्टर एक्ट्रेस तक
इसके बाद हेलन की पहचान सिर्फ डांस नंबर तक सीमित नहीं रही। गुमनाम (1965), चाइना टाउन (1969) और सच्चाई (1969) में उनके अभिनय को खूब सराहा गया, यहां तक कि गुमनाम के लिए उन्हें फिल्मफेयर नामांकन भी मिला। सलीम खान से उन्होंने 1981 में शादी की। सलीम के सहयोग से उन्हें डॉन, शोले और दोस्ताना जैसी फिल्मों में दमदार रोल मिले।
