दिनेश ने कभी स्टार्स को तवज्जो नहीं दी

दिनेश केवल कहानियां चुनते हैं और उनसे दिल से जुड़ जाते हैं....

Dinesh Vijan Success: हाल ही में मडोक फिल्म्स के 20 साल पूरे हुए हैं। जाहिर है इस स्टूडियो के फाउंडर दिनेश विजान को ही इसका सारा क्रेडिट जाता है। एक जमाना था जब दिनेश और सैफ अली खान मिलकर फिल्म बनाया करते थे। बाद में सैफ उनसे अलग हो गए। अब दिनेश इस प्रोडक्शन हाउस को इतना बड़ा बना गए हैं कि यह इंडस्ट्री के बड़े बैनरों में शुमार है।

दिनेश की पिछली दो फिल्मों स्त्री 2 (2024) और छावा (2025) ने सिर्फ भारत में 1100 करोड़ रुपए से ज्यादा कमाए हैं। ‘स्त्री 2’ तो हिंदी सिनेमा की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई है। जहां दूसरी प्रोडक्शन कंपनियां बड़े स्टार्स पर निर्भर हैं, वहीं दिनेश विजान ने हॉरर-कॉमेडी यूनिवर्स खड़ा कर दिया। इसी ने दिनेश के बैनरर को टॉप पर पहुंचा दिया। स्त्री (2018), भेड़िया (2022) और मुंज्या (2024) की कहानियां छोटे शहरों और गांवों की भारतीय मिट्टी में रची-बसी थीं, जो दर्शकों को तुरंत जोड़ लेती हैं। दिनेश ने हॉलीवुड प्रोड्यूसर चार्ल्स रोवन की सलाह को याद रखा… “अपना बॉक्स खुद बनाओ, अपने कैरेक्टर बनाओ”। स्त्री की सफलता के बाद उन्होंने अलग-अलग फिल्मों के किरदारों को जोड़कर एक यूनिवर्स बना दिया, जिससे हर फिल्म हिट होती गई। अब मडोक इस यूनिवर्स में 2028 तक 8 और फिल्में ला रही है।

मडोक ने सिर्फ हॉरर में ही नहीं, बल्कि फैमिली कॉमेडी, रोमांस और हिस्टोरिकल ड्रामा में भी अपनी पकड़ बनाई। हिंदी मीडियम, बाला, लुका छुपी, बदला पुर और छावा जैसी फिल्में इसकी मिसाल हैं। दिनेश कहते हैं, “हम ऐसी फिल्में बनाना पसंद करते हैं जो नए भारत की आवाज बन सकें। कंटेंट हमारे लिए पहले आता है, और कोई भी अतरंगी आइडिया लेकर सबसे पहले हमारे पास आता है।”

सबसे दिलचस्प बात यह है कि मडोक ने अब तक किसी बड़े सुपरस्टार पर निर्भर हुए बिना सफलता पाई है। तीनों खान, रणबीर कपूर या आलिया भट्ट ने अभी तक मडोक की फिल्म में काम नहीं किया, फिर भी स्टूडियो हर हिट लिस्ट में शामिल है। मडोक ने दीपिका पादुकोण और राजकुमार राव जैसे सितारों को नई ऊंचाई दी है। अक्षय कुमार भी स्त्री 2 में नजर आए।

दिनेश विजान प्रोड्यूसर होने के बावजूद ग्लैमर और शोर-शराबे से दूर रहते हैं। उनका फोकस सिर्फ कहानियों पर रहता है। डायरेक्टर लक्ष्मण उतेकर, जिन्होंने इस बैनर के लिए 4 फिल्में बनाई हैं, कहते हैं, “दिनेश कभी कैलकुलेटर लेकर नहीं बैठते, वह इमोशन से फिल्म में जुड़े रहते हैं।” दिनेश अपने पिता प्रेम को अपनी प्रेरणा मानते हैं, जिन्होंने हर रविवार फिल्म दिखाकर दिनेश में ‘फिल्मी कीड़ा’ डाला। दिनेश ने एमबीए करने के बाद इन्वेस्टमेंट बैंकिंग छोड़ी और फिल्मों में कूद पड़े। वह मानते हैं कि भारत की विविधता और असली कहानियों को समझने में उनके पिता का योगदान सबसे बड़ा है।

दिनेश हर फिल्म के साथ कुछ नया और बड़ा करने की कोशिश करते हैं। मुंज्या के लिए 45 करोड़ के बजट में से 60% सिर्फ वीएफएक्स पर खर्च किया ताकि कैरेक्टर रियल लगे। सबसे बड़ा रिस्क उन्होंने छावा में लिया, जो 200 करोड़ का हिस्टोरिकल ड्रामा था। दिनेश ने माना, “ये मेरा सबसे बड़ा डर था, लेकिन ये 2025 की सबसे बड़ी हिट बन गई।”

दिनेश इस साल परम सुंदरी (सिद्धार्थ मल्होत्रा, जाह्नवी कपूर), थामा (आयुष्मान खुराना, रश्मिका मंदाना) और इकिस (1971 के हीरो अरुण खेतरपाल पर आधारित) जैसी फिल्में लाने वाले हैं। दिनेश विजान मानते हैं कि सिर्फ मडोक की फिल्में हिट होना काफी नहीं, पूरी इंडस्ट्री को आगे बढ़ाना जरूरी है।

दिनेश रिश्तों को महत्व देते हैं और उनके साथ काम करने वालों को फ्रीडम देते हैं। वह हर फिल्म की स्क्रीनिंग खुद अटेंड करते हैं, ट्रेलर एडिटिंग और म्यूजिक डिस्कशन में शामिल रहते हैं। वह कहते हैं, “अगर मैं सही कर रहा हूं तो मडोक को लीड करूंगा, लेकिन जिस दिन मुझसे बेहतर कोई होगा, मैं उसे लाऊंगा।”

ढाई दशक से पत्रकारिता में हैं। दैनिक भास्कर, नई दुनिया और जागरण में कई वर्षों तक काम किया। हर हफ्ते 'पहले दिन पहले शो' का अगर कोई रिकॉर्ड होता तो शायद इनके नाम होता। 2001 से अभी तक यह क्रम जारी है और विभिन्न प्लेटफॉर्म के लिए फिल्म समीक्षा...