कलाकारों ने नारियल के छिलके से तैयार किया आदियोगी की प्रतिमा
ईशा योग केंद्र कोयंबटूर में टीम कला शास्त्रम के कलाकारों ने आदियोगी का 16,368 वर्ग फीट का एक अद्भुत चित्र बनाया है।
Coconut Shells Adiyogi Statue: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले की रौनक पूरा देश में दिखाई दे रही है। हर जगह इस शुभ महीने के दौरान कई तरह के खास कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है और ऐसी कई अनोखी चीजों तैयार की जा रही हैं, जिसे देख कर लोग अचंभित हैं। ऐसा ही कुछ ईशा योग केंद्र कोयंबटूर में भी देखने को मिला है, जहाँ टीम कला शास्त्रम के कलाकारों ने आदियोगी का 16,368 वर्ग फीट का एक अद्भुत चित्र बनाया है। इस चित्र को पूरी तरह से 4.5 टन नारियल के छिलकों से तैयार किया गया है। यह चित्र इतना खूबसूरत और अनोखा है कि देखने वालों की नज़र ही नहीं हट रही है।
इस प्रतिमा को वर्ल्ड रिकॉर्ड्स कम्युनिटी द्वारा मिली है मान्यता

नारियल के छिलकों से तैयार की गई इस खूबसूरत कलाकृति को आधिकारिक तौर पर वर्ल्ड रिकॉर्ड्स कम्युनिटी के द्वारा मान्यता दी गई है। इस कृति को 20 जनवरी से 23 जनवरी के बीच, केवल 4 दिनों के कम समय में ही पूरा किया गया है। कला शास्त्रम के 20 कलाकारों की टीम ने मिलकर दिन-रात काम करके 72 घंटे में आदियोगी की यह विशाल कलाकृति को तैयार किया है। यह विशाल कलाकृति 16,368 वर्ग फीट के क्षेत्र में फैली हुई है।
इस कलाकृति को हरदा के कलाकारों ने बनाया है

इस खूबसूरत कलाकृति को बनाने का काम हरदा के कलाकारों ने पूरा किया है। इसमें कई कलाकार शामिल हैं। इन सभी कलाकारों ने अपनी कला के द्वारा योग के महान गुरु आदियोगी को श्रद्धांजलि देने के लिए इस खूबसूरत चित्र को नारियल के छिलकों से बनाया है।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी शामिल है आदियोगी की प्रतिमा
तमिलनाडु के कोयंबटूर के वेल्लिंगिरी की पहाड़ियों की तलहटी में स्थापित भगवान शिव के आदियोगी स्वरूप की खूबसूरत प्रतिमा है। इस प्रतिमा को ईशा योगा फाउंडेशन में रखा गया है और इसे 2017 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी शामिल किया गया था। आपको बता दें कि इस खूबसूरत प्रतिमा का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी 2017 को किया था।
क्यों है आदियोगी की प्रतिमा खास

आदियोगी प्रतिमा, योग के प्रवर्तक भगवान शिव के आदियोगी यानी पहले योगी के रूप को दर्शाती है। इस प्रतिमा को इसलिए खास माना जाता है, क्योंकि यह प्रतिमा भगवान शिव को समर्पित है और यह लोगों में योग के प्रति प्रेरणा जगाने के लिए तैयार की गई है। इस प्रतिमा का निर्माण ईशा योग फाउंडेशन के द्वारा किया है। यह प्रतिमा दुनिया की सबसे बड़ी शिव की मूर्ति है, इसकी ऊंचाई लगभग 112 फुट है और इसे बनाने के लिए 500 टन वजन के स्टील का इस्तेमाल किया गया है।
