Summary: टिकट खिड़की का जून तक का हिसाब

हिन्दी फिल्मों के लिए 2025 के शुरुआती छह महीने भी खास नहीं रहे, महज एक ही ब्लॉकबस्टर नसीब हुई ह

Bollywood 2025 Box Office: आधा साल बीत जाने के बाद बॉलीवुड सिर्फ एक ब्लॉकबस्टर का दावा कर सकता है, और वो है ‘छावा’। बाकी बड़े बजट वाली फिल्मों ने (जैसे ‘जाट’, ‘रेड 2’, ‘स्काई फोर्स’, ‘केसरी 2’, ‘देवा’, ‘सिकंदर’) ने हिट, सेमी-हिट, एवरेज, एवरेज, फ्लॉप और डिजास्टर के तमगे ले लिए। बॉलीवुड की कॉमेडी फ्रेंचाइजी का पांचवां पार्ट ‘हाउसफुल 5’ अभी भी सफल होने की राह पर है। फिल्म सिनेमाघरों में है, इसलिए अंतिम फैसला बाकी है। लगता है कि यह सुरक्षित जोन में पहुंच जाएगी।राजकुमार राव की ‘भूल चूक माफ’ एक मिडलिंग फैमिली एंटरटेनर होने के बावजूद हिट रही। यह दिनेश विजान-मैडॉक की फिल्म है, जिन्होंने पिछले साल ‘स्त्री 2’ जैसी हिट हॉरर-कॉमेडी दी थी।

पिछले साल भी इस समय तक हालात कुछ अलग नहीं थे। 2024 की दो सबसे बड़ी हिट ‘स्त्री 2’ और ‘पुष्पा 2’ साल के दूसरे हिस्से में आई थीं। यह पहले से तय था कि ‘छावा’, जिसमें विक्की कौशल ने छत्रपति शिवाजी के बेटे संभाजी का रोल निभाया, बॉक्स ऑफिस पर बड़ा धमाका करेगी। लक्ष्मण उटेकर निर्देशित ‘छावा’ की जोरदार सफलता दो बातें साबित करती है। आज का दर्शक सिर्फ तभी भीड़ बनता है जब फिल्म थिएटर के अंदर और बाहर दोनों जगह हंगामा मचा सके। दूसरी यह कि बुरे मुगल अभी भी हिंदी फिल्मों के पसंदीदा विलेन हैं।

विक्की कौशल ने 40 मिनट लंबे खूनी क्लाइमेक्स में जोरदार काम किया और अक्षय खन्ना ने औरंगजेब को गंभीर आंखों से डाउनसाइज कर दिया। यह भी साबित होता है कि हाई-वॉल्यूम भाषण देने वाले देशभक्त अभी भी फिल्मों में सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैं। लेकिन सभी देशभक्त एक जैसे नहीं हैं। अक्षय कुमार की एयरफोर्स ऑफिसर वाली ‘स्काई फोर्स’ उड़ नहीं पाई। वही अक्षय, मलयाली वकील बनकर जलियांवाला बाग के बाद अंग्रेजों के खिलाफ खड़े हुए, वो भी भीड़ नहीं खींच पाए।

सनी देओल की ‘जाट’ में उनका ढाई किलो का हाथ दुश्मनों को पछाड़ता रहा और ये फिल्म लोगों को खासी पसंद आई। यह फिल्म साउथ इंडिया में सेट थी, जिसमें पराठे-लस्सी की जगह इडली-सांभर और पंजाब की जगह आंध्र आया। हैंडपंप नहीं था, लेकिन मुट्ठी पंप करना सनी का स्टाइल हमेशा रहा है। शाहिद कपूर की ‘देवा’, जो मलयालम फिल्म ‘मुंबई पुलिस’ का रीमेक थी, बिल्कुल फीकी रही। शाहिद ने 2024 में ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ से अच्छी हिट दी थी, इस फिल्म में बेरंग और सख्त नजर आए।

सलमान खान की ‘सिकंदर’, जो उनके करियर को पटरी पर लाने के लिए बनाई गई थी, इतनी खराब थी कि बुरी से भी बुरी निकली और बॉक्स ऑफिस पर फेल हो गई। साफ है कि बड़ी बॉलीवुड फिल्में अभी भी संघर्ष कर रही हैं। वजह है कि फिल्मों के बढ़ते बजट को काबू में लाने की बात सिर्फ बातें ही रह गई हैं। स्टार्स की भारी-भरकम फीस और उनके बड़े-बड़े स्टाफ के कारण मुनाफा मुश्किल हो गया है। यह समस्या पुरानी है और कम होने का नाम नहीं ले रही।

अंत में बात करते हैं ‘सितारे जमीन पर’ की, जो स्पैनिश फिल्म ‘कैम्पियोन्स’ का देसी रीमेक है। यह ऐसी फिल्म है जो सिर्फ बड़े स्टार के कारण बन सकती थी। यह फिल्म परफेक्ट नहीं है लेकिन इसका संदेश साफ है… यह उम्मीद और खुशी फैलाती है। ‘तारे ज़मीन पर’ के इस स्पिरिचुअल सीक्वल में आमिर खान ने मुख्य भूमिका निभाई है। यह अभी भी सिनेमाघरों में चल रही है और लगता है हिट होगी। आमिर ने पहले ही ऐलान कर दिया कि यह ओटीटी पर नहीं आएगी और थिएटर में ही रहेगी। यह गेमचेंजर है, क्योंकि अगर आप फिल्म देखना चाहते हैं तो टिकट लेकर थिएटर में जाएं। ‘सिर्फ थिएटर में’ रिलीज का फैसला अपनी फिल्म पर यकीन दिखाता है, जो आज के प्रोड्यूसर्स ने ओटीटी के एडवांस पैसों में खो दिया है।

ढाई दशक से पत्रकारिता में हैं। दैनिक भास्कर, नई दुनिया और जागरण में कई वर्षों तक काम किया। हर हफ्ते 'पहले दिन पहले शो' का अगर कोई रिकॉर्ड होता तो शायद इनके नाम होता। 2001 से अभी तक यह क्रम जारी है और विभिन्न प्लेटफॉर्म के लिए फिल्म समीक्षा...