भारत, आस्था और मान्यताओं का देश माना जाता है, जहां हर ऐतिहासिक स्थल और मंदिर के पीछे अपनी अलग मान्यता होती है। आज हम आपको एक ऐसे ही धार्मिक स्थल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके साथ बेहद ही रोचक मान्यता जुड़ी हुई है। दरअसल आज हम बात कर रहे हैं लंका मीनार की, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां सिर्फ प्रेमी-प्रेमिका या पति-पत्नी ही प्रवेश कर सकते हैं। यहां भाई बहनो का प्रवेश निषेध है। चलिए इस मंदिर और इसकी मान्यता के पीछे की वजह के बारे में जानते हैं।

भारत की सबसे ऊंची मीनारों में शामिल है ‘लंका मीनार’

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के जालौन में 210 फीट ऊंची ‘लंका मीनार’ स्थित है, जिसके परिसर में लंका के राजा रावण और उनके पूरे परिवार का चित्रण किया गया है। इसकी खासयित की बात करें तो यह मीनार कुतुबमीनार के बाद भारत की सबसे ऊंची मीनारों में शामिल है। इसके अंदर 100 फीट  ऊंची कुंभकर्ण की और 65 फीट ऊंची मेघनाथ की प्रतिमा है।

ये है इस मीनार की खासियत

इस मीनार की एक खासियत ये भी है कि इसको बनाने के लिए ईंट, पत्थर या बालू का इस्तेमाल नहीं किया गया है, बल्कि इसका निर्माण शंख, कौड़िया, सीप आदि  से किया गया है।
 

इसलिए मंदिर परिसर में भाई-बहनो का प्रवेश है निषेध 

वहीं इस मंदिर से जुड़ी मान्यता की बात करें तो यहां भाई-बहन का प्रवेश निषेध है। यानि कि यहां भाई-बहन एक साथ प्रवेश नहीं कर सकते। असल में, इसके पीछे का कारण ये बताया जाता है कि लंका मीनार में नीचे से ऊपर तक की चढ़ाई में सात परिक्रमाएं करनी होती है, जोकि परिणय सूत्र में बंधे जोड़े ही कर सकते हैं। इसलिए इस मीनार में एक साथ भाई-बहन प्रवेश नहीं कर सकते।