Priya Mohan News: एक्ट्रेस प्रिया मोहन और उनके पति निहाल पिल्लई को यात्रा करने का शौक है, लेकिन उनके फैंस ने ध्यान दिया कि उनकी यात्रा अब पहले से कम हो गई है। अब अपने चैनल ‘ओरु हैप्पी फैमिली’ पर उन्होंने हाल ही में इसके कारण के बारे में बताया है। दरअसल प्रिया को ‘फाइब्रोमायल्जिया’ नामक एक बीमारी है, जिससे वह पिछले 1.5 सालों से पीड़ित हैं। ‘फाइब्रोमायल्जिया’ एक ऐसी स्थिति है, जो शरीर में व्यापक दर्द का कारण बनती है।
क्या कहा प्रिया ने?
अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए प्रिया ने बताया कि वह पिछले डेढ़ साल से चुपचाप ‘फाइब्रोमायल्जिया’ से जूझ रही हैं। इस क्रॉनिक रोग से शरीर में खूब दर्द रहता है, साथ ही थकान भी बनी रहती है। इससे प्रभावित लोगों को अक्सर रोजाना की एक्टिविटीज़ में संघर्ष करना पड़ता है। पहले तो प्रिया के शरीर में कभी कभी होने वाले दर्द को उनके आस पास के लोग आलस या थकान समझ लेते थे। लेकिन जब स्थिति धीरे धीरे खराब होती गई, खासकर तनाव के कारण तो इसे उन्होंने गंभीरता से लेना शुरू किया। इसके लक्षण और भी गंभीर होते चले गए। प्रिया के गालों और आंखों के आस पास सूजन दिखाई देने लगे। फिर भी प्रिया ने तुरंत मेडिकल हेल्प नहीं ली, क्योंकि वह काफी व्यस्त चल रही थीं।
प्रिया की तकलीफ
बाहर से हेल्दी दिखने के बावजूद प्रिया को नॉर्मल काम करने में भी गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। उन्होंने कहा, “मैं अपने बच्चे को खाना खिलाने के लिए अपना हाथ भी नहीं उठा सकती थी। मैं उसे उठा भी नहीं पा रही थी। मैं अपना पैर जमीन नहीं रख पा रही थी और न ही थोड़ी ऊंची गाड़ी में चढ़ पा रही थी। बिस्तर से उठने या थोड़ा मुड़ने के लिए भी मुझे किसी की मदद की जरूरत पड़ने लगी थी। मैं अपने हाथ से गिलास या प्लेट भी नहीं उठा पाती थी। कई बार मुझे आश्चर्य होता था कि मैं आखिर इस तरह क्यों जी रही हूं। इसके साथ ही डिप्रेशन होने लगा औ नींद नहीं आती थी। मैं सुबह छह बजे तक बिना सोए बैठी रही।”
क्या कहा पति निहाल ने?
निहाल ने एक भयावह घटना का जिक्र किया, जब प्रिया बाथरूम में फिसल कर गिर गई और खुद से उठ नहीं पाई। यह एक चेतावनी थी, जिसके बाद से उन्होंने प्रिया के हेल्थ को गंभीरता से लेना शुरू किया। अपनी कहानी शेयर करने के बाद से प्रिया को अपने फैंस से सपोर्ट मिल रहा है।
क्या है ‘फाइब्रोमायल्जिया’
मेयो क्लिनिक के अनुसार फाइब्रोमायल्जिया एक ऐसी स्थिति है, जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में परिवर्तन लाती है। “इस परिवर्तन में मस्तिष्क में कुछ केमिकल लेवल में अनियमित वृद्धि शामिल है, जो दर्द का संकेत देते हैं।” इन परिवर्तनों को जन्म देने वाले विभिन्न कारकों में कुछ जीन परिवर्तन शामिल हैं, जो परिवारों में चलते हैं, कई रोग और कार दुर्घटनाएं जैसी कुछ शारीरिक घटनाएं इसे ट्रिगर कर सकती हैं। स्ट्रेस भी इसे ट्रिगर कर सकता है। क्लीवलैंड क्लिनिक का कहना है कि स्पेशलिस्ट भी सही तरह से नहीं जानते हैं कि फाइब्रोमायल्जिया का कारण क्या है। इसलिए इसे रोकना मुश्किल है और इलाज में ज्यादातर लक्षणों को मैनेज किया जाता है। इसे अक्सर ‘अदृश्य रोग’ भी कहा जाता है क्योंकि इसके दुर्बल करने वाले दर्द या थकान के लक्षणों को आसानी से पहचाना नहीं जा सकता है।
‘फाइब्रोमायल्जिया’ के लक्षण
शरीर में दर्द, अधिक थकान, नींद में दिक्कत, स्पष्टता से सोचने में कठिनाई, माइग्रेन, पेनफुल ब्लैडर सिंड्रोम, इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम, डिप्रेशन, पोस्ट कोविड सिंड्रोम और एंजायटी फाइब्रोमायल्जिया के लक्षण हैं।
