क्या है पीआरपी ट्रीटमेंट
पीआरपी ट्रीटमेंट यानी प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा ट्रीटमेंट। इसके लिए जिस व्यक्ति का इलाज किया जाता है, उसका ही ब्लड ट्रीटमेंट के उपयोग में लाया जाता है। इसके लिए उसका एक बार में 30 एमएल ब्लड लिया जाता है ब्लड के सैंपल को सेंट्रीफ्यूग एपरेटस में डालकर घुमाया जाता है, इससे प्लेटलेट्स और प्लाज्मा ब्लड से अलग हो जाते हैं। इस तरह के पीआरपी में नॉर्मल ब्लड की तुलना में 5 गुना अधिक प्लाज्मा होता है। ह्रश्वलेटलेट्स से कम से कम 8 ऐसे ग्रोथ फैक्टर्स, हारमोंस या विटामिन जो सेल्स के बढऩे में मदद करते हैं, निकलते हैं जो आमतौर पर क्षतिग्रस्त टिश्यूज को जोड़ते हैं। जिसे टिश्यू के बनने, पुराने खराब टिश्यू को ठीक करने में उपयोग किया जाता है। प्लेटलेट्स को अलग करने के बाद एक्टिवेटर मिलाया जाता है, जो प्लेटलेट्स को एक्टिवेट करने का काम करते हैं, जिससे जहां हेयर लॉस हो रहा है या स्किन पर झुर्रियां पड़ रही हों, वहां ये बेहतर तरीके से काम कर सके।
पीआरपी ट्रीटमेंट की प्रक्रिया
ट्रीटमेंट की शुरुआत में सामान्य एनेस्थीसिया से प्रभावित क्षेत्र को सुन्न कर दिया जाता है। फिर विशेष माइक्रो सुई की हेल्प से पीआरपी को सिर, भौंहे या चेहरे के उन क्षेत्रों में इंजैक्ट किया जाता है, जहां उपचार किया जाना है। पीआरपी को प्रभावित क्षेत्र पर डर्मारोलर के द्वारा भी इन्फ्यूज किया जाता है। डर्मारोलर का प्रयोग करने से पहले त्वचा पर सुन्न करने वाली सामान्य क्रीम लगा दी जाती है। इस प्रक्रिया को पूरा होने के लिए कई सिटिंग्स की जरूरत होती है। ये ट्रीटमेंट न सिर्फ बालों की ग्रोथ बढ़ाता है, बल्कि हेयर फॉलिकल को भी मजबूत करता है। सुइयां चुभाने और ब्लड निकालने की बात से यह दर्दनाक लग सकता है, लेकिन इस ट्रीटमेंट के दौरान पूरा एरिया सुन्न कर दिया जाता है जिससे किसी प्रकार का कोई दर्द नहीं होता। इसमें कई इंजेक्शन लगाए जाते हैं। यह वृद्धिकारक तत्व चेहरे की त्वचा में मौजूद कोलेजन नामक प्रोटीन को भी बढ़ाने में सहायक होते हैं। इससे झाइयां, हल्की झुर्रियां और उम्र के साथ होने वाली फाइन लाइन्स की समस्या कम हो जाती हैं। इसके अलावा प्लेटलेट रिच प्लाज्मा की तकनीक से ढीली त्वचा में कसाव भी लाया जा सकता है।
साइड इफेक्ट्स कोई नहीं
इस ट्रीटमेंट में किसी भी बाहरी पदार्थ को शामिल नहीं किया जाता जिसके कारण किसी भी प्रकार के साइड इफेक्ट का कोई खतरा नहीं होता। न ही किसी प्रकार की कोई एलर्जी होती है। पीआरपी में व्हाइट ब्लड कॉर्पसल्स (कणिकाओं) की भी काफी मात्रा होती है जो इन्फेक्शन से बचाती है। 99 प्रतिशत लोगों को बिल्कुल भी दर्द नहीं होता, लेकिन 1 प्रतिशत लोगों में इंजेक्शन लगाने के कारण थोड़ी जलन जरूर हो सकती है। इसे करवाने पर आपके फेस पर हल्की सी सूजन आ सकती है, जो कुछ ही दिनों में चली भी जाती है। इसके साथ ध्यान रखना होता है कि शरीर में विटामिन की कमी न हो, संतुलित आहार व कुछ सप्लीमेंट्स भी लेने पड़ सकते हैं, लेकिन चेहरे की आभा पाने के लिए यह बेहद प्रभावी प्रक्रिया है।

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