Eyelash Extensions: हेयर एक्सटेंशन के बाद आईलैश एक्सटेंशन ट्रेंड में है। ये बालों की ही तरह आंखों की पलकों को खूबसूरत बनाने का नया तरीका है। आजकल युवतियों में आईलैश एक्सटेंशन का क्रेज सिर चढ़कर बोल रहा है। ये एक ऐसी कॉस्मेटिक प्रक्रिया है जो आपकी पलकों को लम्बा और घना दिखाती है। इससे बिना मस्कारा के आपकी आंखें सुंदर और आकर्षक लगती हैं। चलिए आईलैशे एक्सटेंशन के इस नए ट्रेंड के बारे में थोड़ा समझते हैं।
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आईलैश एक्सटेंशन के प्रकार

आईलैश एक्सटेंशन कई तरह के होते हैं, जैसे-सिंथेटिक, मिंक, सिल्क और ह्यूमन हेयर या होर्स हेयर। हर तरह का एक्सटेंशन अलग लुक और अहसास देता है। इनका आप अपनी पसंद और सहजता के मुताबिक चयन कर सकते हैं।
कैसे होता है आईलैश एक्सटेंशन
आईलैश एक्सटेंशन को अक्सर एक ट्रेंड व्यक्ति और एस्थेटिशियन द्वारा लगाया जाता है। इसमें हर नेचुरल आईलैश को एक खास टूल से अलग किया जाता है। इसके बाद फिर ध्यान से एक सिंगल एक्सटेंशन को हर नेचुरल आईलैश से जोड़ा जाता है। दूसरे शब्दों में कहे तो, मौजूदा पलकों पर आर्टिफिशल पलकों को कई तरह की गोंद का इस्तेमाल करके चिपकाया जाता है।
कितने समय के लिए होता है आईलैश एक्सटेंशन
आईलैश एक्सटेंशन कई हफ्तों तक आंखों पर टिक सकते हैं। आमतौर पर ये 4 से 6 हफ्ते तक रहते हैं। लेकिन आपकी नेचुरल आईलैश के ग्रोथ पैर्टन पर निर्भर करता है कि ये कितने समय तक टिकेंगे। इसके साथ ही आईलैश एक्सटेंशन की सही देखभाल पर भी ये बात निर्भर करती है कि आईलैश एक्सटेंशन कितने समय तक आंखों पर लगे रहेंगे। ये ठीक ऐसे ही काम करते हैं जैसे आप नेल एक्सटेंशन लगवाकर उनकी केयर करते हैं।
एक्सटेंशन के बाद आईलैश की देखभाल

अब आपके मन में सवाल उठेगा कि आईलैश एक्सटेंशन की केयर कैसे की जाए? तो आपको बता दें आईलैश एक्सटेंशन के भराव और लंबाई को लंबे काफी समय तक बनाए रखने के लिए सही देखभाल बहुत जरूरी है। जैसे-आंखों के ऐसे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल ना करें जो ऑयल बेस्ड होते हैं। साथ ही पलकों को रगड़ने या खींचने से बचें। मुंह धोते समय या फेस टॉवल से पोंछते समय भी हल्के साथ से ही आंखों को साफ करें। इसके अलावा एक विशेष लैश क्लींजर से हल्का हाथ से आईलैश को साफ करें।
आईलैश एक्सटेंशन की लागत
आईलैश एक्सटेंशन की लागत अलग-अलग होती है, जैसे कि इस्तेमाल होने वाले एक्सटेंशन का प्रकार, तकनीशियन की महारत, शहर और सैलून के हिसाब से। आमतौर पर एक पूरे सेट के लिए लगभग पांच हज़ार से 15 हज़ार तक की लागत आती है। साथ ही टच-अप अपॉइंटमेंट लगभग एक हज़ार से 3 हज़ार तक हो सकता है। यह लागत एक्सटेंशन के प्रकार, सैलून और लोकेशन के हिसाब से बदल भी सकती है। इसलिए, बेहतर है कि आप अपने नजदीकी सैलून से प्रति सेट की लागत और टच-अप अपॉइंटमेंट की लागत जानकर ही सही लागत का अनुमान लगाएं।
क्या आईलैश एक्सटेंशन परमानेंट भी होते हैं?
अक्सर लोगों में मन में ये भी सवाल उठता है कि क्या आईलैश एक्सटेंशन परमानेंट करवाकर पलकों को लंबा, सुंदर और घना दिखाया जा सकता है? तो आपके सवाल का जवाब हां है। जी हां, असल में आप परमानेंट लैश एक्सटेंशन पलकें खरीदकर अपनी आंखों पर परमानेंट इन्हें लगवा सकते हैं। इन्हें सेमी लैश एक्सटेंशन भी कहा जाता है। ये आम तौर पर सिंथेटिक लैश होती हैं जो अलग-अलग फाइबर के रूप में या लैश फैन के रूप में आती हैं, जो बाद में आपकी नेचुलर पलकों से चिपक जाती हैं।
लेकिन इसमें भी कुछ चीजों का ध्यान रखने की जरूरत है। जैसे नेचुरल पलकें समय के साथ लगातर गिरती रहती हैं तो ऐसे में आईलैश एक्सटेंशन भी उनके साथ गिर सकते हैं। आमतौर आईलैश साइकल के तीन फेज होते हैं ग्रोथ के लिए एनाजेन, देखभाल के लिए कैटाजेन और रिलीज के लिए टेलोजन। यहां ये भी जानना जरूरी है कि आईलैश के फुल ग्रोथ साइकल को लगभग 90 दिन लगते हैं। ऐसे में आपकी सभी आईलैश एक साथ नहीं गिरेंगी।
हालांकि आईलैश एक्सटेंशन को लंबे समय तक टिके रहने के लिए पलकों को इनफिल्स से भी बदला जाता है। इन्फिल्स आपकी पलकों के खाली स्थानों को नए एक्सटेंशन से भर देता है। इन्फिल अपॉइंटमेंट यदि आईलैश एक्सटेंशन के हर दो से चार सप्ताह लिया जाता है तो आप परफेक्ट परमानेंट लैश एक्सटेंशन पा सकते हैं। आपको बता दें कि बहुत से लोग आईलैश ट्रांसप्लांट सर्जरी भी करवाते हैं जिसे आईलैश ट्रांसप्लांट भी कहा जाता है। इसमें आपके शरीर के किसी अन्य स्थान से बाल लिए जाते हैं, आमतौर पर सिर के पीछे से। इन बालों को आपकी लैश लाइन, ऊपरी, निचले, या दोनों पर प्रत्यारोपित किया जाता है।
इन बातों का भी रखें ध्यान

- बेशक, आईलैश एक्सटेंशन आमतौर पर ट्रेंड प्रोफेशनल से ही करवाने चाहिए लेकिन इसमें कुछ जोखिम भी होते हैं, जैसे इस दौरान आंखें चिपकने वाली एलर्जी हो सकती है या फिर अगर एक्सटेंशन सही तरीके से नहीं लगाए गए तो नेचुरल पलकों को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए इसे लगवाने से पहले अच्छे से जांच-पड़ताल कर लें और सर्टिफाइड ट्रेनर से ही आईलैश एक्सटेंशन लगवाएं।
- लैश एक्सटेंशन से कई बार संक्रमण और जलन का खतरा रहता है। दरअसल, इस प्रक्रिया में एक्सटेंशन को चिपकाने के लिए गोंद का उपयोग किया जाता है, और आंखें गोंद में मौजूद केमिकल के प्रति संवेदनशील हो सकती हैं-इससे जलन और संक्रमण हो सकता है। ऐसे में फॉर्मेल्डिहाइड और लेटेक्स-मुक्त गोंद का उपयोग करने की सलाह दी जाती हैं क्योंकि ये दो केमिकल संक्रमण और जलन के पीछे मुख्य कारण हैं।
- बेशक ये प्रक्रिया दर्दरहित होती हैं लेकिन इसके यदि आपको बिल्लियों से एलर्जी है, तो मिंक एक्सटेंशन नहीं लगवाने चाहिए। साथ ही आईलैश एक्सटेंशन लगवाने के बाद 6 घंटे तक मुंह को धोने या पलकों को भीगने से बचने की सलाह दी जाती हैं। आप अपने लैश एक्सटेंशन को जितना ड्राई रखेंगे, वे उतने ही लंबे समय तक चलेंगे।
- सामान्य रूप से देखा जाए तो आईलैश एक्सटेंशन आपकी नेचुरल पलकों को और भी खूबसूरत बनाने का एक प्रभावशाली तरीका है, लेकिन एक सुरक्षित रिजल्ट पाने करने के लिए एक मान्यता प्राप्त तकनीशियन को चुनना महत्वपूर्ण है। आप चाहें तो बाजार में मौजूद DIY आईलैश का इस्तेमाल करके भी ये जान सकते हैं कि आपकी आंखों पर कौन से आईलैश परफेक्ट लगेंगे।
