दूसरे भी आपको उसी दृष्टि से देखने लगते हैं जैसा कि आप दिखना चाहती हैं। खूबसूरती की तो कोई उम्र ही नहीं होती। अपना ख्याल रखना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। तो आइए उम्र के साथ- साथ खूबसूरती निकालने का भी प्रयास करें।
 
30 वर्ष के बाद
अधिकांश महिलाओं को इसी उम्र में पहली बार झुर्रियां पड़ती हैं और दाग धब्बे दार त्वचा शुरू हो जाती है। जिनका ताल्लुक असल में उम्र से नहीं होता। उसके अलावा ऐसी और भी बहुत सी परेशानियां होती हैं जैसे-
 
कांटेक्ट एलर्जी
प्रसाधनों के अधिक प्रयोग से भी एलर्जी हो सकती हैं। यह एलर्जी खासतौर से चेहरे पर होती है। क्योंकि प्रसाधनों का इस्तेमाल सबसे ज्यादा चेहरे पर ही होता है। नेल पॉलिश के अत्यधिक उपयोग से पलकों पर चकत्ते पड़ सकते हैं। क्योंकि हम हाथों से ही आंखें मलते हैं।
 
उपचार
जिस से एलर्जी होने की आशंका हो ऐसे किसी भी सौंदर्य प्रसाधन का प्रयोग करना तुरंत बंद कर देना चाहिए। यदि एलर्जी किसी कारण से है तो उसका पता लगाएं ।ना पता लगा पाए तो फौरन त्वचा विशेषज्ञ से मिले।
 
चेरी एंगियोमस
इस उम्र में शरीर पर खून के छोटे-छोटे थक्के निकल आते हैं जिससे त्वचा की रौनक चली जाती है।
 
उपचार 
इन से कोई हानि नहीं होती। पर यदि आप इन्हें खूबसूरती के लिहाज से ठीक करवाना चाहती हैं तो स्किन स्पेशलिस्ट से मिले।
 
टूटी कोशिकाएं
यह पतली लाल लकीरें या मकड़ी के जाले जैसे धब्बे वास्तव में फैली हुई छोटी रक्त कोशिकाएं होती हैं। यह 38 से 42 की उम्र के आसपास त्वचा की सतह पर दिखाई देने लगती हैं।
 
उपचार
धूप और शराब के सेवन से यह बढ़ जाती हैं इसलिए इन दोनों से ही बचे ।त्वचा विशेषज्ञ लेजर से इसे मिटा सकते हैं। कुदरती बुढ़ापा शरीर में लचीले फाइबर के टूटने और जींस की सक्रियता कम होने के कारण बुढ़ापा आता है और उसके चिन्ह त्वचा पर दिखाई देने लगते हैं ।स्वभाविक बुढ़ापा पूरे शरीर पर असर डालता।
 
उपचार
मॉश्चराइजर के इस्तेमाल से अस्थाई लाभ हो सकता है।
 
फोटो एजिंग
बेशक आपका रंग साफ है, परंतु आपने जीवन भर धूप से त्वचा का बचाव नहीं किया है ,तो इसका खामियाजा आपको इस उम्र में भुगतना पड़ेगा ।इसके लक्षण खासतौर से चेहरे और हाथों पर दिखाई देते हैं ।टांगों पर सफेद दाग और धब्बे पड़ जाते हैं और हाथों तथा बाहों पर तारों के आकार के छोटे-छोटे दाग धब्बे दिखने लगते हैं।
 
उपचार
धूप से हर हालत में बचें। इसके लिए सनस्क्रीन लोशन बाजार में मिलते हैं। उनका इस्तेमाल करें ।रेटिन ए अल्फा हाइड्रोक्सी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट दवाइयां लाभदायक सिद्ध होती हैं।
 
40 वर्ष के बाद
बढ़ती उम्र और धूप का असर त्वचा पर पड़ता है। इसके अलावा त्वचा संबंधी भी बहुत सी परेशानियां होने लगती हैं। 
 
सेबारिया
उमर के चौथे दशक की शुरुआत में त्वचा पर चिकनी पपड़ी सी जम जाती है ।जिसे सेबारियां कहते हैं। यह खासतौर से नाक के आसपास तथा सिर की त्वचा पर रूसी के रुप में पाई जाती है।
 
उपचार
सिर की त्वचा पर यदि सामान्य रूसी हो तो बाजार में मिलने वाले किसी भी शैंपू का इस्तेमाल किया जा सकता है। यदि गड़बड़ी हो तो किसी त्वचा चिकित्सक से सलाह लें।
 
मस्से
40 वर्ष की उम्र के बाद यदि त्वचा पर मस्से उत्पन्न हो रहे हैं या बढ़ रहे हैं ,तो आपको अधिक सतर्क हो जाना चाहिए।
 
उपचार
किसी त्वचा विशेषज्ञ से मस्से की जांच करवाएं। खासतौर से जब उसमें कोई खास बात नजर आए।
 
फूली हुई नसें
इस उमर में त्वचा पर प्राय बैंगनी, लाल या भूरी नसें उभर आती हैं ।इसका संबंध मुख्य रूप से जीन से होता है। पर वर्षों धूप में रहने से गर्भावस्था के कारण लंबे समय तक खड़े होकर काम करने से और रक्त संचार की गति मंद पड़ जाने से भी नसें उभर आती हैं ।यह पैरों के किसी भी हिस्से पर खास तौर से जांघों के ऊपरी हिस्से पर दिखाई देती हैं।
 
उपचार
खासतौर से बना सपोर्ट होज पहने। जहां तक हो सके पांवों को ऊंचा करके रखें ।इससे पैरों को आराम मिलेगा और नसों को और अधिक नुकसान नहीं पहुंचेगा ।सर्जरी और इंजेक्शन से भी उन्हें ठीक किया जा सकता है और सुबह मॉर्निंग वॉक पर जाएं।
 
स्वभाविक बुढ़ापा
इस उम्र में छोटी-छटी  बारीक झुर्रियां ,त्वचा की परतों का पतला हो जाना, कुछ विषम  रंग त्वचा पर दिखाई देने लगते हैं ।प्राकृतिक रूप से त्वचा का तेल उत्पन्न होने की क्षमता कम होने लगती है जिससे त्वचा शुष्क हो जाती है।
 
उपचार
मॉश्चराइजर से मदद मिल सकती है ।इससे त्वचा की शुष्कता कम हो जाती हैं ।धूप में अधिक समय तक रहने के कारण त्वचा में आई गड़बडिय़ों के लिए जिन दवाओं का इस्तेमाल करते हैं, उनका इस्तेमाल इसके लिए भी किया जा सकता है।
 
फोटोएजिंग
45 वर्ष की उम्र तक आते-आते हर औरत की त्वचा पर उम्र के निशान दिखाई देने लगते हैं। 50 वर्ष पूरे होने पर कई औरतों की त्वचा पर उम्र के निशान पूरी तरह से उभर आते हैं । जैसे धब्बे चेरी, एंगीयोमस और पीठ पर लीवर स्पाॅट के अलावा और अधिक झुर्रियां और लटकी हुई त्वचा। चेहरे पैरों बाजू छाती गले पर भी निशान पड़ जाते हैं।
 
उपचार
किसी अच्छे चिकित्सक से सलाह लें और खानपान व स्वास्थ्य का ध्यान रखें वर्काउट करें।