Self Defence: माता-पिता के लिए अपने बच्चे की सुरक्षा के बारे में सोचना और सतर्क रहना सामान्य बात है. खासकर लड़कियों की सुरक्षा को लेकर वह काफी चिंतित और होशियार रहते हैं. आजकल लड़कियों के साथ छेड़छाड और उन्हें परेशान करने के मामले बढ़ गए हैं ऐसे में जरूरी है कि लड़कियों को खुद की सुरक्षा के लिए सेल्फ डिफेंस आना चाहिए.
हालांकि अब पेरेंट्स लड़कियों को कराटे और सेल्फ डिफेंस की क्लालेस आवश्यक रूप से ज्वाइंन करा रहे हैं लेकिन फिर भी पेरेंट्स को अपनी ओर से भी बच्चों को जागरुक और आत्मनिर्भर बनाना जरूरी है. जीवन में कई बार ऐसे पल भी आते हैं जब बच्चे को खासकर बेटियों को आपके साथ और उपस्थिति की आवश्यकता होती है
लेकिन हर बार जरूरी नहीं कि पेरेंट्स बच्चों के साथ मौजूद रहें. ऐसे में बच्चे को अपनी रक्षा स्वयं ही करनी पड़ती है. हम यहां आपको सेल्फ डिफेंस के कुछ ऐसे तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे पेरेंट्स बच्चों को अवश्य सिखाएं. चलिए जानते हैं इनके बारे में.
संवेदनशील जगह पर करें वार

सेल्फडिफेंस के लिए बच्चों को यह जानना जरूरी है कि किस जगह पर मारने से बचा जा सकता है. आक्रामक और रक्षात्मक स्ट्रेट्जी तभी प्रभावी होती हैं जब विरोधी को सही जगह मारा जाए. शुरुआत में चीजों को सरल रखने की कोशिश करें ताकि आपका बच्चा आसानी से घुटनों, कमर और सिर को निशाना बनाना सीख पाए. आप उन्हें सिखा सकते हैं कि घुटने की चोटें विशेष रूप से प्रभावशाली होती हैं क्योंकि उन्हें रोकना मुश्किल होता है. बच्चों को पता होना चाहिए कि हमलावर की गर्दन, आंख, कान और नाक पर वार किया जा सकता है.
पंच मारना सिखाएं

सुनने में यह काम आसान लग सकता है लेकिन ये एक प्रभावी तरीका हो सकता है सेल्फ डिफेंस का. बच्चों को कैसे पंच मारना है इसके बारे में बताएं. मुठ्ठी बनाते समय याद रखें कि अंगूठे को अपनी चारों उंगलियों के नीचे रखें ताकि मारने वाले को दर्द का अहसास हो. बच्चे को सिखाएं कि पंच मारते समय पूरी ताकत का प्रयोग करें. बचाव के लिए लगातार पंच मारना भी अच्छा विकल्प हो सकता है.
जागरूक रहें

अपनी बेटी से हमेशा अपने आसपास के बारे में जागरूक रहने के लिए कहें. चाहे वह पब्लिक ट्रांसपोर्ट हो, स्कूल हो या दोस्तों के साथ बाहर समय बिताना हो, बच्चे को अपने आसपास के माहौल को समझना और परखना जरूरी है. जागरूक रहने से संभावित खतरे को रोका जा सकता है. साथ ही सेल्फ डिफेंस का पर्याप्त समय भी मिल सकता है.
खतरे से रहें दूर

सेल्फ डिफेंस का सबसे अच्छा और आसान तरीका है कि बच्चे खुद को खतरे से दूर रखें. बल प्रयोग करने का निर्णय लेने से पहले बच्चे को बफर सेट करने में सहायता करें. अधिकांश विरोधी आपकी कमजोरी या वीक प्वॉइंट पर वार करता है, इसलिए अपने बच्चे को शांत रहने और खतरे से दूरी बनाना सिखाएं. ये पैटर्न मौखिक दुर्व्यवहार पर काम कर सकता है लेकिन शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाने पर उन्हें अपना बचाव करने का पूरा अधिकार है.
इन चीजों को रखें पास

सेल्फ डिफेंस के लिए बच्चों को अपने साथ कुछ ऐसी चीजों को रखना चाहिए जो उनकी मुसीबत के समय मदद कर सकें. बच्चे के घर से निकलने से पहले सुनिश्चित कर लें कि उसके बैग में टॉर्च, सीटी, स्प्रे और कीचेन अलार्म है कि नहीं. सेल्फ डिफेंस के लिए प्रयोग किए जाने वाले डिवाइस काफी मददगार साबित होते हैं. खतरा होने पर जरूरी नहीं कि हर बार दुश्मन से मुकाबला किया जाए. कई बार मौके से भाग लेना भी समझदारी होती है. लड़कियों को घर में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग दे ताकि समय आने पर वह तेजी से दौड़ पाएं और खुद को सुरक्षित कर पाएं.
