Navratri
Navratri

जोर से बोलों जय माता दी, सारे बोलों जय माता दी|

जी हां आ गए माता के नवरात्रे, नवरात्रे यानि माता के नौ ऐसे शक्तिशाली रूप जिनकी पूजा करके आप अपने जीवन के प्रायः सभी दुखों को दूर कर सकते हैं। वैसे तो आप जानते ही हैं की नवरात्रों में माता की पूजा किस तरह से करते हैं और उनसे क्या लाभ मिलते हैं और लाभ की बात तो ये है की माता की पूजा हमेशा लाभ ही लाभ देती है पर इस लेख में हम चर्चा करेंगे, माता से जुड़े रंगों की यानि किस माता को कौन सा रंग प्रिय है और किस तरह से माता का प्रिय रंग आपके नवग्रह को शांत कर सकता है|

  • प्रथम माता शैलपुत्री- पहले नवरात्रे में माता शैलपुत्री की पूजा करी जाती है और माता शैलपुत्री को पसंद है लाल रंग, लाल रंग जीवन में शक्ति, हिम्मत, उल्लास, उमंग व सही दिशा में सोचने की ताकत को बढाता है साथ ही लाल रंग ग्रहों के राजा सूर्य व मंगल ग्रह का भी प्रतीक रंग है तो अगर आपकी कुंडली में सूर्य या मंगल ग्रह अशुभ अवस्था में होकर अशुभ प्रभाव दे रहे है तो आप प्रथम नवरात्रे पर लाल वस्त्र पहनकर व लाल आसन पर  बैठकर माता शैलपुत्री की पूजा लाल रंग की चीजों से करे यानि माता को लाल रंग के वस्त्र, लाल फूलोँ की माला, लाल चूड़ी, लाल सिंदूर, लाल आलता, लाल मिठाई, लाल फल चढाये साथ ही माता शैलपुत्री से सूर्य व मंगल ग्रहों की अशुभता दूर करने की अरदास करे व यथाशक्ति सूर्य व मंगल के मंत्रो का जाप करे| इससे आपके सूर्य व मंगल ग्रह की अशुभता दूर होकर उनका शुभ प्रभाव प्राप्त होगा|
  • दूसरी माता ब्रह्मचारिणी- दूसरे नवरात्रे पर माता भार्म्चारिणी की पूजा की जाती है, माता भारम्चारनी को पसंद है पीला रंग और पीला रंग विधा, सुख शांति, उन्नति, पढाई, योग्यता, एकाग्रता, अच्छे विचारों, मान सम्मान, धन व ब्रहस्पति ग्रह का प्रतीक माना जाता है,  अगर आपकी कुंडली में ब्रहस्पति ग्रह अशुभ अवस्था में है तो दूसरे नवरात्रे पर पीले वस्त्र पहनकर और पीले आसन पर बैठकर माता ब्रम्चारिने को पीले रंग के वस्त्र, पीली चूड़ी, पीले फूलोँ की माला और पीली मिठाई, फल चढाये और माता से अपने ब्रहस्पति ग्रह के अशुभ प्रभाव को दर करने की अरदास करे व ब्रहस्पति के मंत्रो का यथाशक्ति जाप करे इससे ब्रहस्पति ग्रह का अशुभ प्रभाव दूर होकर शुभ प्रभाव आपको मिलेगा|
  • तीसरी माता चन्द्रघंटा- तीसरे नवरात्रे पर माता चन्द्रघंटा की पूजा की जाती है माता चन्द्रघंटा को पसंद है हरा रंग और हरा रंग प्रतीक होता है विकास, हरियाली, खुशहाली, प्रगति और बुध ग्रह का अगर आपकी कुंडली में बुध ग्रह कमजोर है तो तीसरे नवरात्रे पर हरे वस्त्र पहनकर व हरे आसन पर बैठकर माता चन्द्रघंटा की पूजा करे और माता को हरे वस्त्र, हरी चूड़ी, हरे फूलोँ की माला, हरी मिठाई, फल चढ़ाये और माता से बुध ग्रह के अशुभ प्रभाव को दूर करने की अरदास करे और बुध ग्रह के मंत्रो का जाप करे|
  • चतुर्थ माता कुष्मांडा- चतुर्थ नवरात्रे पर माता कुष्मांडा की पूजा की जाती है माता कुष्मांडा ने ही पूरे भूमंडल की रचना की है इसलिए कोई भी ऐसा काम नहीं है जो माता कुष्मांडा की पूजा से पूरा ना होता हो माता कुष्मांडा को  पसंद है स्लेटी रंग साथ ही स्लेटी रंग प्रतीक होता है राहू ग्रह का| इस दिन स्लेटी रंग के वस्त्र पहनकर व स्लेटी रंग के आसन पर बैठकर माता को स्लेटी रंग के वस्त्र, फल, फूल, मिठाई चढ़ाये और अगर आपकी कुंडली में राहू ग्रह अशुभ प्रभाव दे रहा हो तो माता कुष्मांडा से राहू के अशुभ प्रभाव को दूर करने की अरदास लगाये और राहू के मंत्रो के यथाशक्ति जाप करे|
  • पांचवी माता स्कंदमाता- पांचवें नवरात्रे पर स्कंदमाता की पूजा की जाती है ये आयु, जीवन, ओज, प्रकाश, प्रगति को प्रदान करती है इनको पसंद है नारंगी रंग इसलिए इस दिन नारंगी वस्त्र पहनकर नारंगी आसन पर बैठकर माता को नारंगी ही रंग के वस्त्र, चूड़ी, फल, फूल, मिठाई चढ़ाये, नारंगी रंग प्रतीक होता है सूर्य का तो अगर आपकी कुंडली में सूर्य अशुभ है तो माता से सूर्य के शुभ प्रभाव को दूर करने की अरदास करे और सूर्य के मंत्रो का यथाशक्ति जाप करे|
  • छठी माता कात्यानी- छठे नवरात्रे पर माता कात्यानी की पूजा की जाती है माता कात्यानी को पसंद है शांति व  सफेद रंग इसलिए इस दिन सफ़ेद वस्त्र पहनकर सफेद आसन पर बैठकर माता कात्यानी को सफेद ही रंग के वस्त्र, चूड़ी, फल, फूलमाला, मिठाई चढ़ाये अगर आपके जीवन में चंद्र ग्रह और शुक्र ग्रह अशुभ अवस्था में है तो माता से उनके अशुभ प्रभाव को दूर करने की अरदास लगाये साथ है चन्द्र और शुक्र ग्रह के मंत्रो का यथाशक्ति जाप करे|
  • सातवीं माता कालरात्रि- सातवें नवरात्रे पर माता कालरात्रि की पूजा की जाती है, माता कालरात्रि की पूजा से जीवन में डर, भय, रोग, शत्रु दूर होते है आयु बढती है कुंडली का मारकेश भी दूर होता है माता कालरात्रि को पसंद है काला रंग इसलिए इनकी पूजा में काले वस्त्र पहनकर काले आसन पर बैठकर माता को काले वस्त्र, काली चूड़ी, काली मिठाई, काले फल व फूलमाला चढाये साथ ही अगर आपकी कुंडली में शनि, राहू, केतु तीनों ही ग्रह अशुभ है तो माता से शनि, राहू, केतु ग्रह को शांत करने की अरदास करे साथ ही शनि , राहू , केतु के मंत्रो का जाप करे|
  • आठवीं माता महागौरी- आठवे नवरात्रे पर माता महागौरी की पूजा की जाती है इनकी पूजा तुरंत ही फलदायिनी होती है ये जीवन के हर दुःख संकट को दूर करके सौभाग्य को बढाती है, महागौरी माँ को पसंद है गुलाबी रंग आप इस दिन गुलाबी रंग के कपडे पहनकर गुलाबी आसन पर बैठकर माता को गुलाबी वस्त्र, गुलाबी चूड़ी,  फूलमाला, फल, मिठाई चढ़ाये आप की कुंडली में कोई भी ग्रह अगर अशुभ है या आपके जीवन में कोई भी संकट है तो आप माता महागौरी से उसको दूर करने की अरदास करे माता आपका हर दुःख दूर करेगी|

वम माता सिद्धिरात्रि – नवे नवरात्रे पर माता सिद्धिधात्री की पूजा की जाती है, हर साधना और सिद्धी को पूरा करती है माँ सिधिधातरे माता को पसंद है जामुनी रंग, इस दिन आप जामुनी वस्त्र पहनकर जामुनी आसन पर बैठे और माता को जामुनी रंग के वस्त्र, चूड़ी, फूलमाला, फल, मिठाई चढ़ाये और जिस सिद्धी की आपको कामना है उसको पूरा करने की माँ से अरदास करे, तो इस तरह से नवदुर्गा की पूजा नवरात्रों में करके अपने नवग्रहों को शांत और शुभ करे|

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