रंगों का हमारे जीवन में विशेष महत्त्व है और प्रत्येक रंग स्वयं में कुछ खास है। ऐसा माना जाता है कि हर रंग अपने आप में कोई विशेषता को समेटे हुए होता है। नवरात्र के नौ दिनों में भी भक्तगणों के लिए हर दिन अलग-अलग रंग के वस्त्र पहनने का विधान होता है और ऐसा माना जाता है कि मां दुर्गा को प्रसन्न करने का ये सबसे मुख्य जरिया है कि उनकी पसंद के रंगों के वस्त्रों को धारण करके मां की पूजा अर्चना की जाए। अगर आप मां अंबे का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो इस बार नियम के अनुसार हर दिन शुभ रंग के कपड़े ही पहनें। आइए जानते हैं नवरात्रि के नौ दिनों में में किस दिन कौन से रंग के कपड़े पहनना आपके लिए शुभ होगा।
प्रथम शैलपुत्री
नवरात्र के पहले दिन पर्वतराज हिमालय की पुत्री माता शैलपुत्री का पूजन किया जाता है। इस दिन माता के भक्तों को माता शैलपुत्री को भूरे रंग की साड़ी पहनाकर श्रृंगार करना चाहिए। बात अगर माता के भक्तों की करें तो उन्हें इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए।
द्वितीया ब्रह्मचारिणी
नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरुप की आराधना की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी की उपासना से भक्तों का जीवन सफल हो जाता है। दूसरे दिन मां का श्रृंगार, नारंगी रंग की साड़ी में किया जाता है। वहीं भक्तों के लिए हरे रंग के वस्त्र धारण करके पूजा-अर्चना करना शुभ माना गया है।
तृतीया चंद्रघंटा
नवरात्र के तीसरे दिन मां दुर्गा की तीसरी शक्ति माता चंद्रघंटा की अराधना की जाती है। मां चंद्रघंटा की उपासना से भौतिक, आध्यात्मिक सुख और शांति मिलती है। मां इस दिन श्वेत वस्त्र धारण करती हैं । अगर भक्तगण इस दिन भूरे रंग के कपड़ों में माता की आरती करेंगे तो उन्हें शुभ फल की प्राप्ति होगी।
चतुर्थी कुष्मांडा
चौथे दिन भगवती दुर्गा के कुष्मांडा स्वरुप की पूजा की जाती है। कुष्मांडा देवी के बारे में कहा जाता है कि जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था, तब कुष्माण्डा देवी ने ब्रह्मांड की रचना की थी। आदिशक्ति के नाम से जानी जाने वाली मां का श्रृंगार लाल रंग से किया जाता है। भक्तों को इस दिन नारंगी रंग का पोशाक धारण करनी चाहिए।
पंचमी स्कंदमाता
पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। गोद में स्कन्द यानी कार्तिकेय स्वामी को लेकर विराजित माता का यह स्वरुप प्रेम, स्नेह, संवेदना को बनाए रखने की प्रेरणा देता है। इस दिन मां को नीले रंग के वस्त्र पहनाए जाते हैं । पूजा के दौरान इस दिन भक्तों को सफेद रंग के कपड़े जरूर पहनने चाहिए।
षष्ठी कात्यायनी
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। कात्यायन ऋषि के यहां जन्म लेने के कारण माता के इस स्वरुप का नाम कात्यायनी पड़ा। इस दिन मां को पीले रंग के वस्त्र समर्पित किए जाते हैं। इस दिन आपका लाल रंग के वस्त्र धारण करना अत्यंत शुभ होगा।
सप्तमी कालरात्रि
मां दुर्गाजी की सातवीं शक्ति को कालरात्रि के नाम से जाना जाता हैं। दुर्गापूजा के सातवें दिन मां कालरात्रि की उपासना का विधान है। इस दिन साधक के लिए ब्रह्मांड की समस्त सिद्धियों का द्वार खुलने लगता है। इस दिन नीले रंग के कपड़े पहनें।
अष्टमी महागौरी
मां दुर्गाजी की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है। महागौरी ने देवी पार्वती रूप में भगवान शिव को पति-रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी, इस कठोर तपस्या के कारण इनका शरीर काला पड़ गया। इनकी तपस्या से प्रसन्न और संतुष्ट होकर जब भगवान शिव ने इनके शरीर को गंगाजी के पवित्र जल से मलकर धोया तब वह प्रभा के समान अत्यंत कांतिमान-गौर हो उठा। तभी से इनका नाम महागौरी पड़ा। इस दिन गुलाबी रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है।
नवमी सिद्धिदात्री
नवरात्रि के नौवें दिन मां जगदंबा के सिद्धिदात्री स्वरुप की पूजा होती है। मां सिद्धिदात्री स्वरुप को मोक्ष प्रदान करने वाला माना जाता है। नौंवे दिन जामुनी रंग के कपड़े पहने जाते हैं।
