आज के समय में केवल टीन एज में आने के बाद ही नहीं बल्कि छोटे छोटे बच्चे भी फोन लेने की मांग करने लगते हैं। अगर आप बच्चे की इस मांग को उसकी उम्र से ही पहले पूरी कर देते हैं तो यह आपके बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है और उसके भविष्य के लिए भी। अगर छोटी उम्र में बच्चे को फोन दे दिया जाए तो वह उसका गलत इस्तेमाल कर सकता है क्योंकि इस उम्र में बच्चे को क्या सही होता है और क्या गलत इस के बीच का फर्क नहीं पता होता है इसलिए आपको बच्चे की सही उम्र में ही उसे फोन देना चाहिए। लेकिन कौन सी उम्र में बच्चे को फोन देना एक अच्छा विकल्प रहेगा? आइए जानते हैं इस के बारे में।
बिल गेट्स ने नहीं दिया था फोन
आपको यह बात जान कर काफी हैरानी होगी कि दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक बिल गेट्स ने भी अपने बच्चों को तब तक फोन नहीं दिया था, जब तक वह 14 साल के नहीं हो गए थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने अपने बच्चों को डिनर टेबल पर फोन लेकर बैठने से मना किया था और स्क्रीन टाइम भी उनके लिए फिक्स कर दिया था।
10 से 12 की उम्र के बीच दे सकते हैं स्मार्ट फ़ोन
अगर आप अपने बच्चे की ख्वाइश पूरी करना ही चाहते हैं तो जब वह 10 से 12 साल के हो जाते हैं तब उन्हें उनका पहला स्मार्ट फ़ोन गिफ्ट कर सकते हैं। लेकिन यह उम्र भी काफी कम होती है। इसलिए आपको पूरी सावधानी बरतनी होगी। आपको उन्हें फोन का प्रयोग सीमित समय के लिए ही करने देना होगा। इसके अलावा इस उम्र में बच्चे अपने मां बाप के साथ जुड़े होते हैं और वह जो भी फोन में देखेंगे तो आप से छुपाएंगे नहीं।
95 प्रतिशत टीन के पास है स्मार्ट फोन
एक रिसर्च में यह देखने को मिला है कि 95 प्रतिशत युवा अवस्था के बच्चों के पास जिनकी उम्र 13 साल से 17 साल के बीच है, के पास या तो खुद का फोन है या उनके पास फोन की पहुंच है। यह डेटा 2022 के सर्वे का है और इन आंकड़ों में 2014 और 2015 के मुकाबले बहुत ज्यादा उछाल देखने को मिला है।
बच्चों के पास फोन की पहुंच ज्यादा बढ़ रही है
इस रिसर्च में यह देखने को मिला है कि इतनी कम उम्र के बच्चों के पास भी स्मार्ट फोन उपलब्ध है और यह लगभग 95 प्रतिशत बच्चों की संख्या है। हालांकि एक बात यह भी देखने को मिली है की बच्चों का स्मार्ट फोन के अलावा लैपटॉप और कंप्यूटर को चलाने की संख्या जितनी पहले हुआ करती थी उतनी ही है। 2014 में कंप्यूटर और लैपटॉप लेने वाले बच्चों की संख्या 87 प्रतिशत थी जबकि 2022 में यह संख्या 90 प्रतिशत थी।
इन आंकड़ों से पता चलता है कि स्मार्ट फोन हमारे ही नहीं बल्कि हमारे बच्चों की जिंदगी का भी एक खास हिस्सा बन गया है।स्मार्ट फोन इस डिजिटल दुनिया का अहम हिस्सा है जिसे दूर रखना अब असंभव के करीब है। लेकिन बच्चे फोन का दुरुपयोग न करें इस बात का ख्याल आपको जरूर करना है और बच्चे अपनी आंखों को इसके ज्यादा प्रयोग करने के कारण खराब न कर लें इस बात का भी जरूर ध्यान रखें।