Bhagwan Vishnu Katha: प्राचीन समय की बात है-भगवान् श्रीराम के इक्ष्याकु वंश में निमि नाम के एक प्रतापी राजा हुए । वे इक्ष्याकु के बारहवें पुत्र थे । वे बड़े गुणी, धर्मज्ञ और दानी थे । यज्ञ-हवन आदि में उनकी विशेष रुचि थी । एक बार उनके मन में एक विशाल यज्ञ करने की इच्छा […]
Author Archives: M.D. Sharma
अप्सराओं को वरदान – पुराणों की कथाएं
Bhagwan Vishnu Katha: धर्म ब्रह्माजी के मानस पुत्र हैं । उनकी उत्पत्ति ब्रह्माजी के हृदय से हुई । धर्म ने दक्ष प्रजापति की दस कन्याओं से विवाह किया । उन कन्याओं से धर्म को हरि, कृष्ण, नर और नारायण नाम के चार पुत्र प्राप्त हुए । बचपन से ही नर और नारायण तपस्वी स्वभाव के […]
औत्तम मनु – पुराणों की कथाएं
Bhagwan Vishnu Katha: किसी समय पृथ्वी पर उत्तानपांद नामक राजा राज्य करते थे । उनका उत्तम नामक एक सुंदर, वीर और पराक्रमी पुत्र था । वह धर्म का ज्ञाता था । युवा होने पर उत्तानपाद ने उसका विवाह राजकुमारी बहुला के साथ कर दिया । उत्तम सदा बहुला की इच्छानुसार कार्य करता था, किंतु फिर […]
राजा इन्द्रद्युम्न – पुराणों की कथाएं
Bhagwan Vishnu Katha: सतयुग की बात है, अवंती (उज्जैन) में इन्द्रद्युम्न नामक एक प्रतापी राजा राज्य करते थे । वे बड़े पराक्रमी, सत्यवादी, दानी, धर्मात्मा ब्राह्मण-भक्त और परम विद्वान थे । दान, यज्ञ और तप में उनकी समानता करने वाला दूसरा कोई नहीं था । इस प्रकार समस्त ऐश्वर्य-वैभव से सुशोभित और श्रेष्ठ गुणों से […]
स्वारोचिष मनु – पुराणों की कथाएं
Bhagwan Vishnu Katha: प्राचीन समय की बात है, वरुथिनी नामक अप्सरा का एक वीर और पराक्रमी पुत्र था । उसका नाम स्वरोचिष था । स्वरोचिष का विवाह कलावती, मनोरमा और विभावरी नामक युवतियों से हुआ । समय बीतने पर रानी मनोरमा ने विजय को, विभावरी ने मेरुनन्द को और कलावती ने प्रभाव नामक पुत्र को […]
गंगा का पृथ्वी पर आगमन – पुराणों की कथाएं
Bhagwan Vishnu Katha: राजा सगर की केशिनी व महती नामक दो सुंदर रानियाँ थीं । एक दिन महर्षि और्व ने उन्हें वर देते हुए कहा – “तुम्हारी एक रानी को साठ हजार पुत्र प्राप्त होंगे, जबकि दूसरी को मात्र एक पुत्र । किंतु वंश चलाने वाला दूसरी रानी का ही पुत्र होगा । इसलिए इन […]
स्वयंभू मनु – पुराणों की कथाएं
Bhagwan Vishnu Katha: सृष्टि के आरम्भ में ब्रह्माजी ने स्वयंभू मनु और शतरूपा को प्रकट किया । तत्पश्चात् उनका विवाह कर दिया । ब्रह्माजी के मानस पुत्र होने के कारण स्वयंभू मनु परम तपस्वी, ज्ञानी और धर्मात्मा पुरुष थे । ब्रह्माजी ने उन्हें भगवान् विष्णु को प्रसन्न कर वर प्राप्त करने का परामर्श दिया । […]
देवराज इन्द्र बने बैल – पुराणों की कथाएं
Bhagwan Vishnu Katha: किसी समय की बात है एक बार देवताओं और दैत्यों में भीषण संग्राम छिड़ गया । स्वर्ग के भोगों में डूबकर देवता शक्तिहीन हो गए थे, जबकि दैत्यों ने अपनी कठोर तपस्या के बल पर अमोघ सिद्धियाँ और शक्तियों प्राप्त कर ली थीं । इसलिए शीघ्र ही उन्होंने देवताओं को पराजित कर […]
त्रिशंकु – पुराणों की कथाएं
Bhagwan Vishnu Katha: प्राचीन समय की बात है-मान्धाता के वंश में त्रय्यारुण नामक एक प्रतापी राजा हुए । वे अयोध्या के राजा थे । उनका एक पुत्र था, जिसका नाम सत्यव्रत था । उसमें विपरीत गुण विद्यमान थे । वह अति स्वेच्छाचारी, कामी, लोभी, उद्दण्ड और मूर्ख व्यक्ति था । एक बार उसने किसी की […]
मनसा देवी – पुराणों की कथाएं
Bhagwan Vishnu Katha: किसी समय की बात है – धरती पर सर्पों और नागों ने भयानक उत्पात मचा रखा था । इनसे आतंकित होकर सभी मनुष्य कश्यप मुनि की शरण में गए । तब कश्यप जी ने ब्रह्माजी के सहयोग से कुछ दिव्य मंत्रों की रचना की । महर्षि कश्यप ने अपने मन से एक […]
