गृहलक्ष्मी की कहानियां- सोनल, ओ सोनल कहां है? जरा शिकंजी तो बना दे पापा जी के लिए, अभी बाहर से आए हैं।बहुत गर्मी है आजकल ! जी मम्मी जी अभी आई, लीजिये पापा जी आप की शिकंजी।ले बेटा यह सब्जियां भी धोके रख ले नहीं तो सब पड़ी-पड़ी सूख जाएंगी। बहुत ही गर्मी है इंसान तो […]
Author Archives: नेहा सक्सेना
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गोरे रंग की चाह: गृहलक्ष्मी की कहानियां
गृहलक्ष्मी की कहानियां: शिखा! तुम्हारे लिए नाश्ता रख दिया है, जल्दी से कर लो। फिर तुम्हे दवा भी लेनी होगी।मम्मी जी आज फिर केसर वाला दूध औऱ ये नारियल! आज ये खाने का मन नहीं है मम्मी जी, कुछ चटपटा खाने का मन कर रहा है, जैसे पोहा या नमकीन चावल।प्लीज कुछ अच्छा सा बना […]